हार्दिक गुप्ता कोलाररस नामा। वर्तमान समय की कॉम्पटीशन भरे समय में युवा शॉर्ट कर्ट से पैसा कमाना चाहते है। ठग भी इसी कॉन्सेप्ट को प्लान कर युवाओं को ठगते है। ऐसा ही मामला कोलारस विधानसभा में इस समय चर्चा में है। आनलाइन चैन सिस्टम कंपनी जीटी ने कोलारस सहित शिवपुरी जिले के युवाओं के साथ ठगी कर ली है और कोलारस में कंपनी के इस काले काम को आगे बढ़ाने के लिए कोलारस के धाकड ब्रद्रर्स सबसे बडे रॉल में रहे है क्यो कि कंपनी के यह मॉडल थे।
कम शब्दों में इस मामले को लिखने का प्रयास करते है। कोलारस विधानसभा के रामराई में रहने वाले लक्ष्मीनारायण धाकड़ ने जीटी कंपनी का ज्वाईन किया और इसके प्लान युवओ को प्रचारित करना शुरू कर दिया। कंपनी प्रतिदिन के हिसाब से ब्याज दे रही थी अगर इस ब्याज का हिसाब बताए तो आपका भी दिमाग हिल जाऐगा। कंपनी 1800 रुपए में प्रतिदिन 70 रुपए दे रही थी। 1800 रूपए पर 2100 रूपए महिना इस ब्याज दर को गणित की भाषा में ले जाए तो यह ब्याज 1400 प्रतिशत वार्षिक होती है। बैक आपको 12 से 15 प्रतिशत के वार्षिक ब्याज पर पैसा लोन में देती।
इस कंपनी के कई प्रकार के प्लान थे लेकिन ब्याज दर यही थी। लक्ष्मीनारायण धाकड़ ने जीटी कंपनी के इस प्लान को आगे बढ़ाया और कोलारस में अपना ऑफिस खोलते हुए बडे बडे सेमीनारो का आयोजन कराया। सेमिनार के माध्यम से लक्ष्मीनारायण धाकड़ ने सभी निवेशकों को बताया कि मुझे राकेश सर और सुमित सर द्वारा 1800 रुपये से ज्वाइन कराया गया था और आज मेरी इनकम 1.25 लाख से अधिक है। यहां तक पहुंचने के लिए मैंने अपने नीचे सैकड़ों युवाओं को जीटी कंपनी से जोडा है। आप भी यदि शीघ्र करोड़पति बनना चाहते हैं तो इस व्यापार में शीघ्र जुडें और मेरी तरह प्रतिदिन लाखों रुपये कमाएं। इस तरह बेरोजगार युवाओं को जीटी कंपनी में फंसाने के लिए लक्ष्मीनारायण धाकड़ ने रेलवे स्टेशन रोड पर अपना एक जीटी कंपनी नाम से कार्यालय खोल दिया।
यहां युवाओं की भीड़ लगने लगी और सटटे की तर्ज पर 2 का 10 करने के लिए सभी एकत्रित होने लगे। जब कुछ बुद्धिमान और कानून के ज्ञाता लोगों ने सोशल मीडिया के माध्यम से जीटी कंपनी की वैधानिकता पर प्रश्नचिन्ह अंकित करना प्रारंभ कर दिया और इसकी वैधता के प्रमाण मांगने लगे तो जीटी कंपनी का फर्जीवाड़ा उजागर न हो इस हेतु रातों-रात कोलारस और लुकवासा के कार्यालय बंद कर दिए गए। वहीं दूसरी ओर जीटी कंपनी की वैधानिकता को खंगालने के लिए पुलिस-प्रशासन भी सक्रिय हो गया।
किंतु जब तक पुलिस कोई कार्रवाई कर पाती जीटी कंपनी के कर्ताधर्ता लक्ष्मीनारायण धाकड़, राजू धाकड़ दोनों ही भूमिगत हो गए। अब इस स्थिति में वह हजारों निवेशक अपना फंसा हुआ पैसा वापस पाने हेतु लगातार कंपनी के जवाबदेही लक्ष्मीनारायण धाकड़ और राजू धाकड़ को फोन कर रहे हैं। दोनों बहरूपियों द्वारा लोगों को बुधवार तक पैसा वापस कराने का भरपूर आश्वासन दिया जा रहा है। किंतु ठगी का शिकार हुए निवेशक अब इस प्रकार की कंपनियों पर विश्वास करने के मूड में नहीं है। निवेशकों द्वारा पुलिस थाने में जीटी कंपनी के कर्ताधर्ता लक्ष्मीनारायण धाकड़ और राजू धाकड़ के खिलाफ एफआईआर कराने की बात कह रहे हैं।
पुलिस को अपनी साइबर सेल एक्टिव करनी होगी कि इस प्रकार का ब्याज कंपनी लोगो को दे रही है यह धन कहां से आ रहा है,कौन से व्यापार में इतना लाभ होता है,कंपनी के कर्ताधर्ता अपनी कंपनी को पाक साफ बता रहा है अगर कंपनी सही है तो यह काला पैसा है अगर नही है तो कंपनी ने युवाओं को करोड़पति बनने का सपना दिखाकर लूटने का कार्य किया है।
इनका कहना है।
हम अपने स्तर से जीटी कंपनी की पूरी जानकारी एकत्रित कर रहे हैं। यदि लिखित में शिकायत प्राप्त होती है तो संबंधितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगें।
रवि चौहान, टीआई कोलारस
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इनका कहना है
मामला संज्ञान में है। थाना प्रभारी को निर्देशित किया है कि उक्त कंपनी के सभी दस्तावेजों की जांच की जाए। इसमें पूरा पुलिस प्रशासन लगा हुआ है। यदि लिखित में शिकायतें प्राप्त होती हैं तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
संजय मिश्रा, एसडीओपी कोलारस
कम शब्दों में इस मामले को लिखने का प्रयास करते है। कोलारस विधानसभा के रामराई में रहने वाले लक्ष्मीनारायण धाकड़ ने जीटी कंपनी का ज्वाईन किया और इसके प्लान युवओ को प्रचारित करना शुरू कर दिया। कंपनी प्रतिदिन के हिसाब से ब्याज दे रही थी अगर इस ब्याज का हिसाब बताए तो आपका भी दिमाग हिल जाऐगा। कंपनी 1800 रुपए में प्रतिदिन 70 रुपए दे रही थी। 1800 रूपए पर 2100 रूपए महिना इस ब्याज दर को गणित की भाषा में ले जाए तो यह ब्याज 1400 प्रतिशत वार्षिक होती है। बैक आपको 12 से 15 प्रतिशत के वार्षिक ब्याज पर पैसा लोन में देती।
इस कंपनी के कई प्रकार के प्लान थे लेकिन ब्याज दर यही थी। लक्ष्मीनारायण धाकड़ ने जीटी कंपनी के इस प्लान को आगे बढ़ाया और कोलारस में अपना ऑफिस खोलते हुए बडे बडे सेमीनारो का आयोजन कराया। सेमिनार के माध्यम से लक्ष्मीनारायण धाकड़ ने सभी निवेशकों को बताया कि मुझे राकेश सर और सुमित सर द्वारा 1800 रुपये से ज्वाइन कराया गया था और आज मेरी इनकम 1.25 लाख से अधिक है। यहां तक पहुंचने के लिए मैंने अपने नीचे सैकड़ों युवाओं को जीटी कंपनी से जोडा है। आप भी यदि शीघ्र करोड़पति बनना चाहते हैं तो इस व्यापार में शीघ्र जुडें और मेरी तरह प्रतिदिन लाखों रुपये कमाएं। इस तरह बेरोजगार युवाओं को जीटी कंपनी में फंसाने के लिए लक्ष्मीनारायण धाकड़ ने रेलवे स्टेशन रोड पर अपना एक जीटी कंपनी नाम से कार्यालय खोल दिया।
यहां युवाओं की भीड़ लगने लगी और सटटे की तर्ज पर 2 का 10 करने के लिए सभी एकत्रित होने लगे। जब कुछ बुद्धिमान और कानून के ज्ञाता लोगों ने सोशल मीडिया के माध्यम से जीटी कंपनी की वैधानिकता पर प्रश्नचिन्ह अंकित करना प्रारंभ कर दिया और इसकी वैधता के प्रमाण मांगने लगे तो जीटी कंपनी का फर्जीवाड़ा उजागर न हो इस हेतु रातों-रात कोलारस और लुकवासा के कार्यालय बंद कर दिए गए। वहीं दूसरी ओर जीटी कंपनी की वैधानिकता को खंगालने के लिए पुलिस-प्रशासन भी सक्रिय हो गया।
किंतु जब तक पुलिस कोई कार्रवाई कर पाती जीटी कंपनी के कर्ताधर्ता लक्ष्मीनारायण धाकड़, राजू धाकड़ दोनों ही भूमिगत हो गए। अब इस स्थिति में वह हजारों निवेशक अपना फंसा हुआ पैसा वापस पाने हेतु लगातार कंपनी के जवाबदेही लक्ष्मीनारायण धाकड़ और राजू धाकड़ को फोन कर रहे हैं। दोनों बहरूपियों द्वारा लोगों को बुधवार तक पैसा वापस कराने का भरपूर आश्वासन दिया जा रहा है। किंतु ठगी का शिकार हुए निवेशक अब इस प्रकार की कंपनियों पर विश्वास करने के मूड में नहीं है। निवेशकों द्वारा पुलिस थाने में जीटी कंपनी के कर्ताधर्ता लक्ष्मीनारायण धाकड़ और राजू धाकड़ के खिलाफ एफआईआर कराने की बात कह रहे हैं।
पुलिस को अपनी साइबर सेल एक्टिव करनी होगी कि इस प्रकार का ब्याज कंपनी लोगो को दे रही है यह धन कहां से आ रहा है,कौन से व्यापार में इतना लाभ होता है,कंपनी के कर्ताधर्ता अपनी कंपनी को पाक साफ बता रहा है अगर कंपनी सही है तो यह काला पैसा है अगर नही है तो कंपनी ने युवाओं को करोड़पति बनने का सपना दिखाकर लूटने का कार्य किया है।
इनका कहना है।
हम अपने स्तर से जीटी कंपनी की पूरी जानकारी एकत्रित कर रहे हैं। यदि लिखित में शिकायत प्राप्त होती है तो संबंधितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगें।
रवि चौहान, टीआई कोलारस
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इनका कहना है
मामला संज्ञान में है। थाना प्रभारी को निर्देशित किया है कि उक्त कंपनी के सभी दस्तावेजों की जांच की जाए। इसमें पूरा पुलिस प्रशासन लगा हुआ है। यदि लिखित में शिकायतें प्राप्त होती हैं तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
संजय मिश्रा, एसडीओपी कोलारस