करैरा। खबर जिले के करैरा तहसील से जनसुनवाई के कार्यक्रम से आ रही हैं। इस घटना ने जनसुनवाई में कितनी संवेदनशीलता ओर आम पब्लिक की सुनवाई की पोल खोल दी है। करैरा की कल की जनसुनवाई को जानलेवा जनसुनवाई कहे तो कोई अतिशोयोक्ति नही होगी। क्यो कि एक दिव्यांग की सुनवाई न होने के कारण उसने तहसील की चौखट पर ही प्राण त्याग दिए। मामला पीएम आवास का बताया जा रहा हैं।
जानकारी के अनुसार एक पैर से दिव्यांग जशरथ (40) पुत्र पतुआ जाटव निवासी ग्राम सिरसौद के नाम से प्रधानमंत्री आवास मंजूर हुआ है। जिसकी पहली किश्त के रूप में 25 हजार रुपए पांच महीने पहले ही जारी हो चुके थे। लेकिन मृतक सरकारी जमीन पर कच्चे मकान में रह रहा था।
इसी वजह से करैरा जनपद पंचायत सीईओ ने जशरथ के बैंक खाते से राशि निकालने पर रोक लगा दी। खाते पर होल्ड लगने से हितग्राही छह महीने से गुहार लगाता आ रहा था। मंगलवार को फिर से जनसुनवाई कार्यक्रम था। सिरसौद से करैरा पहुंचे और यहां तहसील कार्यालय में चल रही सामूहिक जनसुनवाई कार्यक्रम में आवेदन सौंपा।
एसडीएम के नाम सौंपने ज्ञापन में अपने निवास की सरकारी जमीन का आवासी पट्टे देने की मांग रखी थी। बताया जा रहा है कि जनपद सीईओ ने जशरथ काे डांटकर भगा दिया। जिससे दु:खी मन से जशरथ लाैटने लगा और तहसील के गेट पर ही गिर पड़ा और उसकी मृत्यु हो गई।
जनपद सीईओ पर युवक को डांटने का आरोप, लेकिन एसडीएम और तहसीलदार ने आरोप को नकारा
जनसुनवाई में गए जशरथ जाटव की मौत जनपद सीईओ द्वारा डांटे जाने से दिल का दौरा पड़ने और मौत हो जाने के आरोप लगाए जा रहे हैं। कांग्रेस प्रदेश महासचिव मानसिंह फौजी भी डांटे जाने की बात कहते नजर आए। लेकिन एसडीएम से लेकर तहसीलदार इस बात से इनकार कर रहे हैं।
जबकि पक्ष जानने के लिए जनपद सीईओ मनीषा चतुर्वेदी को फोन किया तो उन्होंने एक भी बार फोन रिसीव नहीं किया। वहीं मृतक की अंत्येष्टि के लिए 5 हजार रुपए, कलेक्टर ने रेडक्रास से 10 हजार देने की बात कही है।। योजना के तहत भी 20 हजार रुपए की आर्थिक सहायता परिवार को दी जाएगी।
इस पूरे मामले एक बात साफ नजर आ रही हैं कि सरकार की जनसुनवाई कार्यक्रमो में कितना संवेदनशीलता से कार्य किया जा रहा हैं यह स्पष्ट दिख रहा हैं। एक दिव्यांग अपने काम के लिए 6 माह से चक्कर लगा रहा था,लेकिन उसकी सुनवाई जिंदा रहने तक नही हुई। लेकिन मरने के बाद तत्काल सहायता रााशि की घोषणा होने की खबर आ रही हैं। लेकिन जिंदा रहते हुए इस दिव्यांग की किसी ने नही सुनी।
किसी को नहीं डांटा
आवेदन लेकर आया था, हमनें आवेदन लेकर कार्रवाई का आश्वासन दिया था। उसके बाद वह वापस लौट रहा था। अचानक बेहोश होकर गिर पड़ा। जनसुनवाई में किसी को नहीं डांटा गया। फिर भी हम मामले की जांच कर रहे हैं।
अरविंद वाजपेयी, एसडीएम करैरा
जांच के निर्देश दिए हैं
हितग्राही की राशि पर लगी रोक पुराने वाले सीईओ के समय लगी थी। मनीषा चतुर्वेदी ने एक महीने पहले चार्ज संभाला है। फिर भी मामले की जांच के निर्देश एसडीएम को दे दिए हैं। अनुग्रहा पी., कलेक्टर शिवपुरी
जानकारी के अनुसार एक पैर से दिव्यांग जशरथ (40) पुत्र पतुआ जाटव निवासी ग्राम सिरसौद के नाम से प्रधानमंत्री आवास मंजूर हुआ है। जिसकी पहली किश्त के रूप में 25 हजार रुपए पांच महीने पहले ही जारी हो चुके थे। लेकिन मृतक सरकारी जमीन पर कच्चे मकान में रह रहा था।
इसी वजह से करैरा जनपद पंचायत सीईओ ने जशरथ के बैंक खाते से राशि निकालने पर रोक लगा दी। खाते पर होल्ड लगने से हितग्राही छह महीने से गुहार लगाता आ रहा था। मंगलवार को फिर से जनसुनवाई कार्यक्रम था। सिरसौद से करैरा पहुंचे और यहां तहसील कार्यालय में चल रही सामूहिक जनसुनवाई कार्यक्रम में आवेदन सौंपा।
एसडीएम के नाम सौंपने ज्ञापन में अपने निवास की सरकारी जमीन का आवासी पट्टे देने की मांग रखी थी। बताया जा रहा है कि जनपद सीईओ ने जशरथ काे डांटकर भगा दिया। जिससे दु:खी मन से जशरथ लाैटने लगा और तहसील के गेट पर ही गिर पड़ा और उसकी मृत्यु हो गई।
जनपद सीईओ पर युवक को डांटने का आरोप, लेकिन एसडीएम और तहसीलदार ने आरोप को नकारा
जनसुनवाई में गए जशरथ जाटव की मौत जनपद सीईओ द्वारा डांटे जाने से दिल का दौरा पड़ने और मौत हो जाने के आरोप लगाए जा रहे हैं। कांग्रेस प्रदेश महासचिव मानसिंह फौजी भी डांटे जाने की बात कहते नजर आए। लेकिन एसडीएम से लेकर तहसीलदार इस बात से इनकार कर रहे हैं।
जबकि पक्ष जानने के लिए जनपद सीईओ मनीषा चतुर्वेदी को फोन किया तो उन्होंने एक भी बार फोन रिसीव नहीं किया। वहीं मृतक की अंत्येष्टि के लिए 5 हजार रुपए, कलेक्टर ने रेडक्रास से 10 हजार देने की बात कही है।। योजना के तहत भी 20 हजार रुपए की आर्थिक सहायता परिवार को दी जाएगी।
इस पूरे मामले एक बात साफ नजर आ रही हैं कि सरकार की जनसुनवाई कार्यक्रमो में कितना संवेदनशीलता से कार्य किया जा रहा हैं यह स्पष्ट दिख रहा हैं। एक दिव्यांग अपने काम के लिए 6 माह से चक्कर लगा रहा था,लेकिन उसकी सुनवाई जिंदा रहने तक नही हुई। लेकिन मरने के बाद तत्काल सहायता रााशि की घोषणा होने की खबर आ रही हैं। लेकिन जिंदा रहते हुए इस दिव्यांग की किसी ने नही सुनी।
किसी को नहीं डांटा
आवेदन लेकर आया था, हमनें आवेदन लेकर कार्रवाई का आश्वासन दिया था। उसके बाद वह वापस लौट रहा था। अचानक बेहोश होकर गिर पड़ा। जनसुनवाई में किसी को नहीं डांटा गया। फिर भी हम मामले की जांच कर रहे हैं।
अरविंद वाजपेयी, एसडीएम करैरा
जांच के निर्देश दिए हैं
हितग्राही की राशि पर लगी रोक पुराने वाले सीईओ के समय लगी थी। मनीषा चतुर्वेदी ने एक महीने पहले चार्ज संभाला है। फिर भी मामले की जांच के निर्देश एसडीएम को दे दिए हैं। अनुग्रहा पी., कलेक्टर शिवपुरी