सिंध परियोजना: मक्कार इंजीनियर ने गलत पाइप लगवा दिए, लीक हो रहे हैं | Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। शिवपुरी के सिंध को लेकर एक खबर आ रही हैं इस खबर के हिसाब से शिवपुरी में सिंध का प्रकाटय होना मुश्किल लग रहा हैं। और यह सत्य है हालात यह बन रहे हैं, शिवपुरी में दिखाई दे रहा हैं।

अभी सिंध के प्रकाटय में सबसे बडी मुश्किल हैं कि योजना में बिछाए गए पाईप लगातार लीकेज हो रहे हैं। इस योजना में जीआपी (ग्लास रेनफोर्स्ड प्लास्टिक) पाईप बिछाए गए हैं। बताया जा रहा हैं ऐसे ही पाईप मप्र के 5 और जिलो में पानी की लाईनो को बिछाए गए हैं वहां से भी इस योजना को लेकर गुड न्यूज नही आ रही हैं।

मप्र के इन शहरो में बिछाई गई जीआरपी पाईप लाईन

देवास : 118 करोड़ रुपए खर्च हो जाने पर भी जीआरपी लाइन फूट रही है। प्रदेश में जल प्रदाय योजना के प्रोजेक्ट पर जीआरपी लाइन बिछाने की शुरूआत देवास से हुई। इसी डीपीआर के आधार पर शिवपुरी व खंडवा में जीआरपी पाइप का प्रावधान कर दिया।

शिवपुरी : 76 करोड़ रुपए योजना पर खर्च हाे चुके हैं। मड़ीखेड़ा बांध इंटेकवेल से सतनवाड़ा फिल्टर प्लांट और शिवपुरी तक करीब 36 किमी जीआरपी लाइन है। जिसमें से 5.20 लाइन बदलकर एमएस बिछानी पड़ी है। शेष जीआरपी लाइन लीकेज हो रही है। जिससे पानी सप्लाई ठप है।

खंडवा : 106 करोड़ खर्च करके नर्मदा नदी पर बने इंदिरा सागर से खंडवा शहर तक 50 किमी जीआरपी लाइन बिछी है। अक्टूबर 2013 में टेस्टिंग के दौरान ही जीआरपी लाइन 100 से ज्यादा बार लाइन फूट गई। अब तक 200 से ज्यादा बार लाइन फूट चुकी है। 2.11 लाख आबादी आज भी पुराने जल स्त्रोत से प्यास बुझाने को मजबूर हैं।

डबरा : 19 करोड़ खर्च कर सिंध के गोरा घाट से नगर तक जीआरपी पाइप बिछाए हैं। साल 2011 से काम शुरू हुआ था, पाइप बार-बार फूट जाने से पानी सप्लाई ठप हो जाती है। अब तक सौ से ज्यादा बार लाइन फूट चुकी है।

होशंगाबाद : 56.51 करोड़ के पानी सप्लाई प्रोजेक्ट में जीआरपी लाइन बिछाई है। यह लाइन बार-बार लीकेज हो रही है। यह पांचवां प्रोजेक्ट है, जहां जीआरपी पाइप इस्तेमाल किया है।

एक डीपीआर पर यह पूरे प्रोजेक्ट बनाए गए हैं। यह पांचो प्रोजेक्ट आज फैल होने के स्थिती में हैं। डीपीआर बनाने बाले इंजीनियरो ने इस पाईप पर पूरा रिसर्च नही किया। इस कारण आज शिवपुरी को यह दिन देखना पड रहा हैं। कुल मिलाकर पाईप बार-बार टूट रहे फूट रहे लीकेज हो रहे है। अगर सिंध प्रोजेक्ट के तहत शहर में पानी के लिए बनाई गई पानी की टंकियो को और जोड दिया जाऐगा तो यह लाईन कुछ मिनिटो में टूटेंगी।

अभी शहर के पूरे आवर हैंड टेंको को जोडा नही गया है। एक साथ दोनो मोटरे नही चलाई गई हैं। अभी एक ही मोटर का प्रेशर यह पाईप लाईन नही झेल पा रही हैं दोनो मोटरो का प्रेशर कैसे यह पाईन सहन कर सकेंगी। यह सवाल बडा है। 

वही दूसरी ओर यह भी खबर आ रही हैं कि शिवुपरी में इस पाईप लाईन को बिछाने को सही तकनीक का इस्तेमाल नही किया गया हैं। पाईप तो फैल है कि साथ पूरे विभाग की इंजीनियंगर फैल हो गई हैं। अब हालात यही रहे तो सिंध का शिवपुरी में प्रकाटय होना मुश्किल हैं।
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