अपनी मांगो को लेकर प्रायवेट स्कूल एसोसिएशन का धरना, पुलिस ने टेंट उखडा तो पेड ने नीचे बैठे | Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। जिले सहित नगर के प्रायवेट स्कूल एसोसिएशन के बैनर तले शनिवार को कलेक्ट्रेट पर सुबह 11 बजे से शांतिपूर्ण विरोध धरना व प्रदर्शन किया गया। बाद में सीएम के नाम का ज्ञापन डिप्टी कलेक्टर केआर चौकीकर को सौंपा। इस दौरान नगर के सभी स्कूल संचालक शामिल थे। बताया जा रहा हैं कि धरने की परमिशन की जगह दूसरी जगह ऐसोसिएशन टेंट गाड दिया। इस कारण पुलिस ने टेंट उखाडा दिया। जब तक दूसरी जगह टेंट नही लगात तब तक सभी स्कूल संचालक पेड के नीचे बैठ कर धरना दिया।  

प्रदेश में राज्य शासन द्वारा प्रायवेट स्कूलों के प्रति सम्मान, सहयोगात्मक, सरलीकरण नीति की जगह भेदभाव पूर्ण व विसंगति पूर्ण नीति अपनाने की बात पर आंदोलन किया गया। धरने में शामिल संचालकों ने कहा कि राज्य स्तर, प्रान्त स्तर व क्षेत्रीय स्तर पर शासन से नियमों के शिथलीकरण, सरलीकरण हेतु अनेकों बार आग्रह किया जा चुका है, लेकिन बार-बार निवेदन करने के बावजूद किसी भी सरकार द्वारा प्रायवेट स्कूल संचालकों की मांगों को गंभीरता पूर्वक नहीं लिया गया है।

इसलिए समस्त विद्यालय संचालकों ने आज प्रदेशभर में आंदोलन करने का निर्णय लिया है। गुरूनानक स्कूल के संचालक महिपाल अरोरा आदि ने बताया कि प्रदेश में 50 हजार स्कूल संचालित हैं जिनमें लाखों बच्चे पढते हैं। जिन्हें बेहतर से बेहतर शिक्षा देने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन सरकार के कई नियम सुदृढ पढाई के रास्ते में बाधक बने हुए हैं।

प्रदर्शन में गुरूनानक हाईस्कूल शिवपुरी, गणेशा ब्लेस्ड स्कूल शिवपुरी, रंगड रेनवो स्कूल शिवपुरी, जीनियस स्कूल, संस्कार स्कूल, इंडिया स्कूल करैरा, स्वामी विवेकानंद पोहरी, शांति निकेतन खनियाधानां, महाराणा प्रताप स्कूल, पीएमआर मगरौनी, सरस्वती ज्ञान मंदिर खनियाधानां, जीसी मेमोरियल परिच्छा, डेली पब्लिक स्कूल, मदर टेरेसा स्कूल सहित कई स्कूलों के संचालक मौजूद थे।

यह थी मांगे
संचालकों ने कहा कि एक एकड़ भूमि की अनिवार्यता लागू की गई है, जो किसी भी स्कूल संचालक के लिए परेशानी वाली बात है। ये संभव नहीं इसलिए इसे समाप्त करके भूमि व भवन के संबंध में राजपत्र 2015 का नियम लागू किया जाए।

निजी स्कूलों को मान्यताओं के नवीनीकरण के नाम पर परेशान किया जाता है जबकि हमें स्थाई मान्यता प्रदान की जाए। निजी स्कूलों से हर साल डीपीआई एवं मण्डल द्वारा अलग- अलग शुल्क मान्यता व संबंद्धता शुल्क के नाम पर वसूला जा रहा है। इसकी जगह एक ही शुल्क लागू किया जाए।

हाई स्कूल व हायरसेकंडरी मान्यता डीईओ कार्यालय से दी जाए।आरटीई का भुगतान सत्र समाप्ति के पूर्व ही किया जाए। हमारी मान्यता को सरकार ने रोक रखा है, और कभी भी बिना पूर्व सूचना के बीच सत्र में मान्यता निरस्त कर दी जाती हैं। इससे संस्था में पढने वाले विद्यार्थियों के पालकों के साथ विवाद होता है, इस प्रक्रिया को समाप्त कर सत्र आरंभ होने से पहले मान्यता का कार्य किया जाए।

संचालन के लिए रजिस्टर्ड किरायानामा अनिवार्य किया गया है जिससे आथिढक स्थिति पर फर्क पढ रहा है। इसे समाप्त कर पूर्व की प्रक्रिया लागू की जाए।

अब इसे भी पडे,क्यो उखाडा पुलिस ने टेंट

परमीशन कलेक्ट्रेट के सामने की ओर की ली गई लेकिन टेंट कलेक्ट्रेट की दीवार से सटाकर लगा दिया गया जिसे लेकर पुलिस ने टेंट उखडवा दिया। बाद में दूसरी तरफ टेट लगावाने के पहले संचालक पेड के नीचे जा बैठे बाद में टेंट लगा तब उसमें बैठे नजर आए। करीब दो घंटे तक धरना प्रदर्शन किया गया।
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