इस शहर के धैर्य को प्रणाम: पेयजल नहीं दशकों से सिर्फ आश्वासन पी रहा है | प्रसंगवश by LALIT MUDGAL

Bhopal Samachar
ललित मुदगल/शिवपुरी @ प्रसंगवश। अब आप मान लो कि शिवपुरी शहर की कुडंली में पानी का योग नही हैं, सिंध जलावर्धन योजना पर प्रतिदिन संकट के बादल मंडराते रहत हैं। पानी के योग की कुंडली में कोई न कोई समसया आती रहती हैं,कर्ता-धर्ताओ ने इस योजना में करोडो का भ्रष्टाचार कर अपने धनयोग में वृद्धि् कर ली। एक दूसरे पर आरोप लगाकर बच रहे हैं।

शहर के इस र्धर्य को भी प्रणाम करना पडेंगा,वे अपनी लाईफ लाईन के लिए सिर्फ आश्वासन पर जी रहा हैं। मुझे लगता हैं कि फिर एक आर शहर की जनता को टैंट तम्बू को गाडकर सडको पर आना होगा या दिन पुन:आऐगा यह तो पता नही हैं,लेकिन शहर के सहनशक्ति हो लाखो पर दंडवत प्रणाम करने का मन अवश्य करता हैं।

माफ करना शब्द थोडा कडे होंगेंं,लेकिन लिखना होगा। कि हम अपने शहर की नेताओ के आश्वासन पर ही बैठे हैं। सिर्फ टकी—टकी लगाए नेताओ के आश्वासनो पर मुर्दाओ के तरह जिंदा हैं,देश की कश्मीर से धारा 370 हट गई हैं लेकिन सिंध जलावर्धन योजना शुरू नही हो रही हैं। क्यो कौन दोषी हैं। समझ में नही हमारा र्धर्य या इस योजना के प्लानर,काम कराने वाले या इसमें पैसा खाने वाले।

योजना का बजट लगातार बड रहा हैं लेकिन काम पूर्ण नही हो पा रहा हैं। अब इस योजना को लेकर भ्रष्टाचार से एक भरी खबर आ रही हैं। कि नपा ने इस योजना पर आपातकाल के संचित निधि के 3 करांड रूपए तक पानी में बहा दिए। लेकिन सिंध के पानी पाईपो से नही निकल रहा हैं।

लोकसभा चुनाव के दौरान शहर में पानी लाने पर जोर दिया गया। इसी चुनाव की आढ़ में नगर पालिका की आपात काल के लिए रखी संचित निधि के 3 करोड़ रुपए भी खर्च करा दिए। इसके बाद भी सिंध के पानी के लिए जनता तरस रही है।

संचित निधि में जमा उक्त राशि का उपयोग भविष्य में कभी आपातकाल की स्थिति बनने पर नगर पालिका खर्च करती है, लेकिन 11 साल से दूर की कौड़ी बनी सिंध जलावर्धन योजना पर खर्च कर दी। प्रदेश सरकार योजना काे पूरा करने के लिए राशि जारी नहीं कर रही है।
अब नगर पालिका योजना को पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार की ओर टकटकी लगाए है।

लेकिन कांग्रेस की प्रदेश सरकार शिवपुरी की सिंध जलावर्धन योजना में रुचि लेती नजर नहीं आ रही है। हालात यह हैं कि नगर पालिका के अधिकारी और जनप्रतिनिधि हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। योजना को कैसे पूरा किया जाएगा, इसकी विशेष चिंता कोेई नहीं कर रहा। सिर्फ अखबारी बयान दे रहे है।

नपा का कोई प्रतिनिध कुछ नही कर रहा हैं। सीधे शब्दो में कहे तो उन्है जलावर्धन की योजना की चिंता अखबारो में वर्जन देते वक्त रहती हैं। इसके बाद नही। अगर बजट नही है तो बजट जारी कराने के लिए कोई प्रयास नही किया जा रहा हैं। नपाध्यक्ष चाहे तो बजट मिल सकता हैं उन्है जनहित में सडक पर आना होगा भारत में नेताओ के जनहित पर बडे—बडें आंदोलन किए हैं नगर पालिका अध्यक्ष भी कर सकते हैं शहर का पानी देना उनका नैतिक कर्तव्य हैं। लेकिन अब अध्यक्ष महोदय से नैतिकता की बात करने बेमानी होगी।

अब शहर को ही पुन:सडको पर आना होगा। नही तो आपकी सिंध कभी शिवपुरी नही आऐगी। अब आपको ही निर्णय लेना हैं कि क्या करना हैं।देखते है इस योजना को लेकर कौन सा नेता आगे आता हैं।
G-W2F7VGPV5M