41 लाख का RTO मधुसिंह ने अपने मंत्री से विधानसभा में दिलवा दिया गलत जबाब

Bhopal Samachar
शिवपुरी। शिवपुरी आरटीओ मधुसिंह ने अपने कथित भाईया के साथ मिलकर शासन को 41 लाख का चूना लगा दिया। यह खबर शिवपुरी की मीडिया ने प्रमुखता से प्रकाशित भी की थी। शिवपुरी आरटीओ मधुसिंह के भ्रष्टाचार का मामला कोलारस के भाजपा के विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी ने विधान सभा में उठाया था। सरकार के मंत्री ने इसका गलत जबाव भी दिया। शिवपुरी आरटीओ मधुसिंह ने विभाग के मंत्री से विधानसभा में गलत जबाब दिलवा दिया। कोलारस विधानसभा के विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी कितने सतुंष्ट होंगें यह तो जानकारी अभी नही हैं,लेकिन शिवपुरी की मीडिया इस सवाल के जबाव से सतुंष्ट नही हैं।

संक्षिप्त में समझें क्या मामला है
पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान की सभा के नाम पर आरटीओ ने 80 लाख रूपए का पैमेंट अपने चहेते दलालों के खातों में डलवा दिया है। सबसे अहम बात यह है कि उक्त दलालों के नाम पर पूरे प्रदेश में कही भी कोई बस का नाम रजिस्टर नहीं है। पिछले वर्ष 2018 जुलाई में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का कार्यक्रम पिछोर में हुआ था। जिसमे वाहनों की व्यवस्था जिला परिवहन कार्यालय से कराई गई थी। जिसमे 41 लाख रुपये का भुगतान जिला पंचायत शिवपुरी ने जिला परिवहन अधिकारी के पत्र के आधार पर किया।

बताया गया था कि एक रात्रि में आनन फानन में जिला परिवहन अधिकारी जिला पंचायत कार्यालय पहुची और स्वय अपने हाथों से जल्दबाजी में एक पत्र लिखा, जिसमें अपने कथित भाईयो के नाम पैसा डलवाने की अनुसंशा इस पत्र के माध्यम से की। जिसमे 300 गाडियों के लगभग 41 लाख रुपये का भुगतान का उल्लेख किया गया और दो दिन बाद ही वह भुगतान अलग अलग लोगो के खाते में पहुंच गया।

खास बात यह है कि जिन लोगों के खाते में भुगतान पंहुचा उसमे से कई लोग बस संचालक है ही नही अपात्र है। पुष्पेंद्र सिंह यादव व अशोक नागपाल इनके नाम से लगभग 21 लाख रुपये का भुगतान हो गया जबकि इन दोनों के नाम न तो कोई बस पंजीकृत है और न ही ये दोनों  अधिकृत ट्रेवल्स संचालक हैं।

यह सवाल विधानसभा में विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी ने विधान सभा में अपने प्रश्नक्रमांक 139 के माध्यम से जानकारी ली हैं। सरकार की ओर से जबाब 10 जुलाई को दिया। सरकार की ओर जो जबाव दिया गया वह हास्यास्पद है। सरकार की ओर से राजस्व ओर परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने जबाव दिया जिसे हम सीधे—सीधे शब्दो में लिखते हैं, कि तात्कालिन सीएम शिवराज सिंह जी के कार्यक्रम के लिए परिवहन विभाग से कोई बसेें किराए से नही ली गईं। शासकीय आयोजनों में वाहनों को अधिग्रहण करने का संबंधी कार्य कलेक्टर का होता है। न ही परिवहन विभाग के द्वारा कोई आयोजन कराया गया और न ही भुगतान किया गया। इस कार्यक्रम की बसों का भुगतान सीईओ, जिला पंचायत शिवपुरी द्वारा किया गया हैं इस कारण परिवहन विभाग के किसी भी कर्मचारी के विरूद्ध किसी प्रकार की कोई कार्यवाही की स्थिती निर्मित नही होता है।

कहने का मतलब सीधा—सीधा है कि भुगतान परिवहन विभाग ने नही किया हैं तो आरटीओ मधुसिंह का इससे क्या संबध। वही जिला पंचायत विभाग के अधिकारियों का कहना है कि हमने यह भुगतान परिवहन विभाग से जारी पत्रों के आधार पर किया हैं लेकिन इस पूरे मामले में एक प्रश्न खडा होता हैं कि जिला पंचायत ने भुगतान आरटीओ मधुसिंह के अनुसंशा पत्र पर किया हैं, अगर आरटीओ शिवपुरी का इससे कोई लेना—देना नही हैं तो आरटीओ मधुसिंह ने यह भुगतान संबंधी अनुसंशा पत्र जिला पंचायत कार्यालय को क्यो लिखा। दूसरा सवाल यह उठता हैं कि आरटीओ मधुसिंह ने कैसे माना कि इन पूरी बसों के कर्ताधर्ता यही व्यक्ति है इनके पास इस बात के क्या साक्ष्य थे।

कुल मिलाकर आरटीओ मधुसिंह ने सरकार के मंत्री से विधानसभा में गलत जबाव पेश करा दिया। इस जबाव से मंत्री महोदय पर ही सवाल उठने शुरू हो गए हैं वही इस जबाव से यह माना जाए कि इस भुगतान को जारी करने वाले जिला पंचायत सीईओ इस काण्ड में दोषी हैं।

इनका कहना है
सरकार के जबाव में 1 प्रतिशत भी सतुंष्ट नही हूॅ, पूरा जबाव गोलमाल दिया गया हैं। इस मामले में चुप नही बैठूंगा, आगे इस मामले को ओर पूरी दमदारी से उठउंगा।
वीरेन्द्र रघुवंशी भाजपा विधायक कोलारस

इनका कहना हैं
हमने परिवहन कार्यालय के पत्रों के आधार पर भुगतान किया है, बसों को भेजने और भुगतान कराने की जबाबदारी परिवहन विभाग की होती हैं। हमारे विभाग के पास 2 पत्र शिवपुरी के परिवाहन कार्यालय से और 1 पत्र परिवहन कार्यालय ग्वालियर से आया है। हमने इन्ही पत्रों के माध्यम से भुगतान जारी किया है और यही जबाव हमने भेजा है। विधान सभा में क्या जबाव दिया गया हैं इसकी हमे जानकारी नही हैं।
एचपी वर्मा जिला पंचायत सीईओ जिला शिवपुरी
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