कुपोषण से लड़ने को शहर को आमंत्रण, 329 मासूमों के लिए ब्लड की आवश्यकता | SHIVPURI NEWS

Bhopal Samachar
शिवपुरी। सरकार और प्रशासन के अतिरिक्त राष्ट्रीय शर्म का दर्जा प्राप्त कर चुके कुपोषण के लिए अब शहर को भी आगें आना हैं इसके लिए शहर को इससे लडने के लिए शहर को आमत्रण दिया जा रहा हैं। स्वास्थ्य विभाग के दस्तक अभियान के तहत घर-घर कुपोषित बच्चों को ढूंढा गया तो 1 हजार से अधिक बच्चे मिल चुके हैं। इनमें से 775 कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र (NRC) में भर्ती कराने के लिए चिन्हित किया गया है। लेकिन एनआरसी में महज 359 बच्चों को ही भर्ती कराया जा सका है। 

जिन 775 कुपोषित बच्चाें काे एनआरसी में भर्ती कराया जाना है, उनमें से 401 बच्चे एनीमिया के शिकार हैं। इन्हें तत्काल खून चढ़ाने की जरूरत है। ब्लड बैंक शिवपुरी में बच्चों की संख्या के लिहाज से पर्याप्त खून नहीं है। अभी तक महज 72 ही बच्चों को खून की पूर्ति की जा सकी है। नौनिहालों काे खून मुहैया कराकर जीवन बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने अब रक्तदान शिविरों की शुरूआत कर दी है। 

जिले भर में शिविर लगाकर लोगों से रक्तदान की अपील की जा रही है। 

दस्तक अभियान में 2 लाख 7 हजार से ज्यादा बच्चों की स्क्रीनिंग 10 जून से प्रारंभ कराई गई थी। 19 जुलाई तक शिवपुरी जिले में 1 लाख 66 हजार बच्चों की स्क्रीनिंग की जा सकी है। इसमें से 1090 बच्चे कुपोषित निकले हैं। हालात देखते हुए 775 बच्चों को एनआरसी में भर्ती कराने के लिए चिन्हित किया गया था। लेकिन संख्या के मान से पर्याप्त बच्चों को एनआरसी में भर्ती नहीं कराया जा सका है। 

वहीं जिले में स्क्रीनिंग के लिए अभी भी 41 हजार बच्चे बाकी रह गए हैं। इसी खामी के चलते शिवपुरी जिला प्रदेश में 50वें स्थान पर आया है। सरकार के ही दस्तक अभियान में बड़ी संख्या में कुपोषित बच्चे सामने आए हैं। एनीमिया के शिकार बच्चों की जिंदगी बचाने की खातिर स्वास्थ्य विभाग ने शनिवार को नरवर में रक्तदान शिविर लगाया। जिसमें 23 यूनिट रक्त एकत्रित हुआ है। अगला रक्तदान शिविर करैरा में सोमवार को रखा है। 

दस्तक अभियान के तहत कुपोषित बच्चे चिह्नित हुए हैं उन्हें एनआरसी में भर्ती करवाया जा रहा है। एनीमिक बच्चों के लिए ब्लड बैंक में पर्याप्त ब्लड नहीं है। इसलिए रक्तदान शिविर लगाकर लोगों से रक्तदान की अपील कर रहे हैं। 
डॉ. अर्जुनलाल शर्मा, सीएमएचओ शिवपुरी 

दस्तक अभियान में कुपोषित बच्चे चिह्नित हुए हैं। स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर सभी के बेहतर इलाज के लिए व्यवस्था कराई जा रही है। मैं खुद इसकी मॉनिटरिंग कर रही हूं। 
सीमा शर्मा, ज्वाइंट डायरेक्टर, महिला एवं बाल विकास विभाग संभाग ग्वालियर 
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