डॉ.ए.के.मिश्रा, शिवपुरी। मिलावटी खाद्य पदार्थों के व्यापार में शिवपुरी कई पायदान रोज चढते हुए नए आयाम स्थापित कर रहा है। शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र हो जिस में अशुद्धता या मिलावट नहीं की जा रही है। इसमें से कुछ खाद्य पदार्थ जो स्वास्थ्य की दृष्टि से जनमानस पर व्यापक असर डालते हैं उनमें से दूध, मक्खन, घी, पनीर, मिष्ठान, तेल एवं तेल से निर्मित अन्य वस्तुएं ।
दूध जिसका उत्पादन इतना नहीं हो रहा है जितना कि बाजार में खपत हो रही है, यही वजह है कि शिवपुरी में आने वाला दूध अनेकों तरह के विषाक्तता के गुणों से भरपूर रहता है और इसके उत्पाद भी अनेक तरह के मिलावटी मिश्रण से निर्मित किए जा रहे हैं ।
चिकित्सकों के अनुसार मिलावटी पदार्थों की वजह से यकृत रोग के साथ- साथ मौसमी बीमारी जिसमें उल्टी, दस्त ,पीलिया, टायफाइड बुखार आदि रोग होने की आशंकाएं प्रबल हो जाती है। अधिकांश दूध डेरिया स्टैंडर्ड मानक मापदंडों का शायद ही अनुपालन करती हो ।
शासन और प्रशासन की कार्यवाही भी हमेशा से संदेह के घेरे में रही है। काली पहाड़ी की तरफ से आने वाला दूध हो या अन्य क्षेत्रों से व्यवस्थित किया गया डेयरी संचालकों द्वारा दुग्ध मिलावटी एवं गुणवत्ता से परे होता है जो मनुष्य के स्वास्थ्य पर व्यापक असर छोड़ रहा है ।
वहीं दूसरी तरफ खाद्य तेलों की भी व्यवस्था कुछ इस तरह ही है क्योंकि छोटे-छोटे घरो के लोग रोजमर्रा के उपयोग हेतु खुले तेलों और बिना पैकेट बंद खाद्य सामग्री का उपभोग कर रहे हैं आने वाली बरसात के मौसम में अनेक बीमारियों को जन्म देगी।
जिनमें प्रमुख रूप से बरसात के मौसम में इन एडल्ट्रेटेड आयल की वजह से ड्रॉप्सी की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। जिसमें पांव में सूजन श्वास लेने में तकलीफ घबराहट उल्टी आदि लक्षणों से युक्त यह बीमारी होती है जो कुछ वर्षों पहले शिवपुरी मैं विकराल रूप ले चुकी है शिवपुरी और शिवपुरी की जनता ने इसे बड़े नजदीक से देखा है। वह लोग जो इस बीमारी से तत्कालीन ग्रसित हो चुके हैं वह इसका ध्यान कर आज भी सिहर उठते है। वही फलों एवं सब्जियों के हाल भी कुछ इसी तरह है जो स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहद खतरनाक है।
यदि समय रहते शासन-प्रशासन द्वारा इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो स्थिति गंभीर रूप धारण कर सकती। हालांकि अभी तक का जो इतिहास है ,अगर उसे देखा जाए तो जांच के अलावा कार्यवाही का एक सीमित दायरा रहा है। अब यहां यह देखना होगा कि आगे इसी दायरे को शासन या प्रशासन निर्धारित रखेगा या कोई कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
