नाले की भूमि निजी संपत्ति कैसे हो गई, बगैर स्वीकृति के कैसे खुदी सड़कें: यशोधरा राजे | SHIVPURI NEWS

Bhopal Samachar
शिवपुरी। सिंधिया रियाशत द्वारा शिवपुरी को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किए जाने के साथ ही यहां पर विभिन्न तालाबों, सडक़ों तथा भवनों का निर्माण कराया गया था। जिसमें विष्णु मंदिर के सामने जल निकास के लिए बनाई गई लगभग 30 फिट की पुलिया का निर्माण कराया गया था। जिससे रिहायशी इलाके में जल भराव न हो सके। लेकिन नगर पालिका प्रशासन द्वारा नाले पर अवैध रूप से किए गए अतिक्रण की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया तथा नाले पर अवैध रूप से अतिक्रमण कर प्लाटिंग कर दी गई। विधायक राजे ने कहा कि मेरे पूर्वजों द्वारा उक्त नाले का तत्कालीन समय में निर्माण कराया गया था तब वह भूमि किसी की निजी संपत्ति नहीं थी। तब इतने वर्षो बाद उक्त नाले की भूमि किसी की निजी संपत्ति कैसे हो गई? जिस पर कलेक्टर को तत्काल जांच कर वैधानिक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। 

बगैर स्वीकृति के कैसे खुद गई सड़कें ?

सिंध जलावर्धन के तहत शहर में बिछाई जा रही डिस्ट्रीब्यूशन लाइन के लिए अभी हाल में ही निर्माण की गई सडक़ों को बेतरतीब तरीके से खोद कर ठेकेदार द्वारा लाईन डाली जा रही हैं। जबकि शासकीय नियमानुसार यदि ठेकेदार द्वारा लाईन डालने के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग से स्वीकृति लेना आवश्यक होता हैं लेकिन ठेकेदार द्वारा पीडब्ल्यूडी विभाग से परमीशन लिए बगैर ही सडक़ों को खोद कर लाईन डालने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया। इस पर यशोधरा राजे सिंधिया ने श्री शर्मा को कहा कि आपके द्वारा ठेकेदार के प्रति सडक़ खोदने पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई?

न्यायालय में केस क्यों हारती हैं नगर पालिका?

शहर भर में अवैध रूप से बनाए जा रहे तलघरों के प्रति चिंता जाहिर करते हुए यशोधरा राजे सिंधिया ने कहा कि नगर पालिका द्वारा कार्यवाही किए जाने के बावजूद भी न्यायालय में कैसे केश हार जाते हैं? अवैध रूप से बनाए तलघरों को नगर पालिका द्वारा समय-समय पर नोटिस जारी किए जाते रहे हैं, लेकिन न्यायालय में जाकर ऐसा क्या हो जाता है कि नगर पालिका केश हार जाती हैं। कारण स्पष्ट नजर आता हैं कि नगर पालिका प्रशासन द्वारा तलघरों से संबंधित व्यक्तियों से ताल मेल बिठा लिया जाता है तथा अपना पक्ष पुरजोर तरीके से नहीं रखा जाता है। जो स्पष्ट रूप से भ्रष्टाचारी की ओर इंगित करता हैं।
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