कोलारस। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री हरवीर सिंह रघुवंशी ने गत दिवस प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर एवं शिवपुरी कलेक्टर से संज्ञान में यह बात लाई की किसानों की खसरा खतौनी शासन ने ऑनलाईन की, जिसमें सॉफ्टवेयर अमले की गलती के कारण सेकड़ों किसानों की उनकी निजी भूमि या तो शासकीय कर दी अथवा दूसरे के नाम दिखा दी और किसान तहसीलों में दर-दर की ठोकर खा रहा है।
तहसील और एस.डी.एम. कार्यालय में पदस्थ रीडरों द्वारा किसानों का शोषण एवं प्रताडि़त किया जा रहा है। यह प्रक्रिया लगभग 02 साल से चल रही है। किसान जब अपने राजस्व अभिलेखों की नकल लेने कम्प्यूटर शाखा में जाता है तब उसको जानकारी मिलती है कि उसकी जमीन तो उसके नाम है ही नही, तो उसके पेरों तले जमीन खिसक जाती है और फिर उससे कहां जाता है कि आप नए सिरे से प्रमाण दे कि यह जमीन उसकी है कि नही।
गलती तहसील की और किसान से प्रमाण जाता है और बिना लिए-दिए उसका अमल नही किया जाता है। चाहें तहसीलदार का आदेश क्यों न हो जाए। इस तरह धारा 115-116 के नाम पर किसानों का शोषण एक षडय़ंत्र के तहत किया जा रहा था।
मेरे द्वारा विथ प्रमाण के साथ यह बात प्रभारी मंत्री और कलेक्टर के संज्ञान में लाई। तब जिला कलेक्टर द्वारा किसानों के खाते सही कराने का कहां। अत: प्रशासन केम्प के माध्यम से सॉफ्टवेयर में जो किसानों के नाम हटा दिए है उन्हें दुरूस्त करें।
