करैरा। खबर जिले के करैरा अनुविभाग से रही है,जहां शासन द्धारा बंद कल्याण पुर रेत खदान पर दिनदहाहे सैकडो डम्फर रेत उगल रही है। बताया जा रहा हैं कि कल्याण पुर रेत खदान की काली कमाई के लिए भाजपा कांग्रेस एक हो गई हैं। इस अवैध उत्खन्न की जानकारी प्रशासन को शत प्रतिशत हैं लेकिन राजनीति के सिरे भाजपा और कांग्रेस के आपस में मिल जाने के कारण और अधिकारियो के एसी रूमो तक पर डम्फर के हिसाव से पेमेंट पहुचने के कारण सिंध के सीने में लगातार मशीने निर्बाध रूप से जारी है। इस भ्रष्टाचार के कारण मार्केट में हाईवा डम्फर के रेट 60 हजार से उपर पहुंच गई हैं।
शिवपुरी की मीडिया लगतार कल्याण पुर रेत के अवैध उत्खनन का मामला प्रकाशित कर रही हैं,लेकिन प्रशासन ने इस ओर से आंख बंद कर ली हैं ज्यादा प्रेशर होता है तो छापामार कार्रवाई की जाती हैं,लेकिन अफसोस उस दिन वहां कुछ नही मिलता क्यो कि कार्रवाई से पूर्व ही छापामारने की खबर रेत के सौदागरो के पास पहुंंच जाता हैं आज शिवपुरी समाचार डॉट कॉम ने कल्याण पुर की रेत खदान से ही कवरेज किया है।
यह वीडियों आज दोपहर 3:48 मिनिट का है। जिसे शिवपुरी समाचार डॉट कॉम की टीम के साथ शहर के समाजसेवी अर्पित शर्मा ने अपने कैमरे में कैद किया है। इस वीडियों में सरेआम खनन माफिया प्रशासन को ठेंगा दिखाते हुए रेत का उत्खनन कर रहे है। यह उत्खनन कोई छोटे स्तर पर नहीं अपितु बहुत बडे स्तर पर हो रहा है।
कांग्रेस के शासन में रायल्टी पर रोक और खदानें बंद होने का विधिवत आदेश जारी करने के बाद भी खनन प्रशासन के गाल पर सीधा तमाचा है। आखिर हो भी क्यों न इस अवैध उत्खनन में कांग्रेस के दिग्गज विधायक से लेकर मंत्री तक शामिल बताए जा रहे है। जिनके सरंक्षण में उक्त काले कारोबार को किया जा रहा है।
शासन को प्रतिदिन लाखों रूपए का चूना लगाकर सिंध का सीना चलनी कर रही पनडुब्बी से सिंध से रेत निकाली जा रही है। उसके बाद इस रेत को कल्याणपुर से डंपरों में भरकर शहर में खफाया जा रहा है। इस पूरे घटनाक्रम में पुलिस की चुप्पी भी समझ से परे है। नबागत पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह चंदेल ने शिवपुरी आते ही अवैध रेत उत्खनन पर रोक लगाने की बात कही थी। परंतु उनके ज्योइिंग के कुछ दिनो बाद ही रेत का काला कारोबार खुलकर पनपने लगा।
यह डंपर भरकर करैरा,सीहोर,अमोला और सुरवाया थाना क्षेत्र से गुजरकर शिवपुरी पहुंच रहे है। परंतु पुलिस को चालनी कार्यवाही के लिए तीन सबारी बैठे बाईक सबार तो दिख रहे है। परंतु रेत से भरे डंपर नही। वही मायनिंग का चपरासी से लेकर अधिकारी तक सव सेट है और फोरेस्ट के अधिकारी मोटा पैसा खाकर अपने आफिसो में रेस्ट कर रहे हैं। अब देखना यह है कि इस लाईव विडियों के बाद प्रशासन कितना चेतता है और इसपर अंकुश लगाने का प्रयास करता है।
बताया गया है उक्त डंपरों पर जब रॉयल्टी बडौनकलां के नाम से जारी हो रही है। जो कि दतिया जिले में आता है। बताया यह भी गया है कि अब कांग्रेसी विधायकों के साथ भाजपा के एक विधायक भी इस काले कारोबार में लिप्त हो गए है। जिनके सरंक्षण में अब कोई पक्ष विपक्ष साथ नहीं आ रहा और दोनों ही अपनी अपनी जैबें भरने में जुट गए है।
