शिवपुरी। बसपा सुप्रीमो मायावती द्वारा प्रदेश सरकार को समर्थन पर पुनर्विचार की धमकी के बाद कांग्रेस में खलबली मच गई है। कमलनाथ सरकार द्वारा लगातार सफाई दी जा रही है। कल परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ने बयान जारी कर इस बात को संभालने की कोशिश की, लेकिन कोई असर नहीं हुआ जिसके बाद स्वयं मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि बसपा और कांग्रेस के बीच कोई मनमुटाव नहीं है और यदि कोई गलतफहमी हुई होगी तो बैठकर सुलझा लेंगे। खास बात यह है कि मायावती का बयान उस समय आया है जब भाजपा लोकसभा चुनाव के बाद सरकार गिराने का दावा कर रही है।
गुना से पहले राजगढ़ में भी बसपा प्रत्याशी ने नामांकन वापस लेते हुए कांग्रेस को समर्थन दे दिया था। प्रत्याशियों के लगातार कांग्रेस में शामिल होने से बसपा प्रमुख मायावती नाराज हो गई हैं और उन्होंने टिवट कर कांग्रेस को समर्थन पर पुनर्विचार करने की चेतावनी दी है। जिसके बाद से कांग्रेस में हडक़ंप मचा है।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अधिकृत बयान जारी करते हुए कहा है कि बसपा और हमारा लक्ष्य एक ही है, भारतीय जनता पार्टी की विदाई। हम हमारे बीच कोई मनमुटाव नहीं है। हमारा लक्ष्य और विचारधारा एक है। हमारे बीच कोई मतभेद नहीं है अगर कोई गलतफहमी हुई होगी तो हम उसे मिलकर बैठकर दूर कर लेंगे।
उमा भारती का दावा कई कांग्रेस विधायक भाजपा के संपर्क में
मायावती की धमकी के बाद भाजपा नेत्री उमा भारती के बयान ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार में घबराहट का माहौल पैदा कर दिया। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने दावा किया है कि कांग्रेस के कई विधायक भाजपा के संपर्क में है और इन्हीं की मदद से प्रदेश की कांग्रेस सरकार गिराई जाएगी। लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस सरकार का गिरना तय है।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार की अकाल मृत्यु बाल्यावस्था में ही लिखी है। कांग्रेस की सरकार ने जन्म तो लिया है, लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि इसकी मृत्यु होना तय है। लोकसभा चुनाव के बाद इनकी सरकार इनके विधायकों के माध्यम से इनकी सरकार का गिरना तय है। उमा भारती के इस बयान के बाद सियासी गलियारों में हडक़ंप मच गया है।