नियमों को तांक पर रखकर संचालित हो रहे है क्रेशर, हवा में घोला जा रहा है जहर | BADARWAS, SHIVPURI NEWS

Bhopal Samachar
बदरवास। जिले के बदरवास तहसील के अंतर्गत ग्राम बामोर में संचालित स्टोन क्रेसर संचालकों द्वारा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियम कायदों को ताक पर रखकर काले पत्थर का कारोबार करने का मामला सामने आया है जिसमें नियमानुसार परिसर में वृक्षारोपण तो करना दूर अब तक इन्होंने धूल को रोकने के लिए ना तो मशीनों की स्क्रीन पर एमएस सीट लगाई है और ना ही वाटर स्प्रिंकलर।

ऐसे में रोजाना बड़ी तादात में क्रेशर ओं से निकलने वाली धूल हवा में घुल कर मजदूरों सहित गांव में रहने वाले लोगों की सेहत को खतरा बन रही है खनिज विभाग के अनुसार ग्राम बामोर में 8 से 10 क्रेशर संचालित है इनमें से अधिकांश क्रेशर संचालक प्रदूषण नियंत्रण यंत्रों के बिना ही क्रेशर ओं का संचालन कर रहे हैं।

धूल से गांव में फैल रही है बीमारी।
ग्राम बामोर के ग्रामीणों ने बताया किक्रेटर मशीनों से उड़ने वाली धूल के कारण हर साल उनकी फसल का नुकसान तो होता ही है साथ ही मवेशी भी दम तोड़ रहे गांव के समाजसेवी राधे श्याम यादव ने बताया की क्रेशर संचालकों की मनमानी के चलते ग्रामीणों में श्वास की संबंधी बीमारियां फैल रही है और इनके द्वारा स्वीकृत पट्टे से ज्यादा जमीन पर कब्जा किए जाने की वजह से ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं।

यह है गाईड लाईन
वायु प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम 1981 के संदर्भ में केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड दिल्ली द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार क्रेशर मशीन की स्क्रीन को एमएस सीट से ढककर उसमें सेक्शन पाइप द्वारा धूल बाहर निकाल कर अन्य चेंबर में एकत्रित कर जल छिड़काव करना होता है वही जीरो गिट्टी के अंतिम ड्रॉपिंग बिंदु पर टेलीस्कोपिक सूट स्थापित करना होता है इसके अलावा परिसर में वृक्षारोपण करना और परिसर में धूल जमाना हो इसलिए लगातार सफाई तथा डंप को तार पोलिंग से ढक कर रखना जरूरी है और मजदूरों की सुरक्षा के लिए उन्हें मास्क उपलब्ध कराना अनिवार्य है।