शिवपुरी। दीपावली के अवसर पर भाई दूज पर्व पर शिवपुरी की सर्किल जेल और अधीनस्थ जेलों में बंदियों की उनके परिजनों से खुली मुलाकात का आयोजन किया गया। इस दौरान 284 कैदियों से मिलने के लिए कुल 1375 परिजन पहुंचे, जिनमें 480 बच्चे भी शामिल थे। भीड़ अधिक होने के कारण यह आयोजन दोपहर साढ़े तीन बजे तक चला।
जेल अधीक्षक रमेश चंद्र आर्य ने बताया कि भाई-बहन के पवित्र संबंधों को बनाए रखने के लिए मुलाकात का समय सीमित और नियंत्रित रखा गया था। जेल प्रशासन के दिशानिर्देशों के अनुसार, पुरुष बंदियों से केवल उनके परिवार की महिला सदस्यों और 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों को ही जेल गेट के अंदर प्रवेश की अनुमति दी गई। प्रत्येक मुलाकात का समय अधिकतम 10 मिनट निर्धारित था।
आर्य ने परिजनों से नियमों का पालन करते हुए पर्व को शांतिपूर्ण और हर्षोल्लास के साथ मनाने का अनुरोध किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी प्रकार का पर्स, मोबाइल, नकदी या अन्य कीमती सामान जेल के अंदर ले जाना पूरी तरह वर्जित था। मुलाकात के दौरान अनुशासन बनाए रखना अत्यंत आवश्यक बताया गया।
इस विशेष अवसर पर, जेल प्रशासन ने सभी बहनों के लिए पूजा थाल की व्यवस्था की, जिसमें हल्दी, कुमकुम और चावल जैसी सामग्री उपलब्ध कराई गई। परिजनों को मिठाई, गजक या सोनपपड़ी जैसी खाद्य सामग्री अधिकतम 250 ग्राम तक ले जाने की अनुमति थी,जेल में बंद बंदी और उनकी बहनों का मिलन काफी भावपूर्ण रहा,जेल में बंद अपने भाइयों को तिलक लगाने पहुंची कई बहनो ने अपराध छोड़ने का वचन लिया। जेल प्रशासन ने बताया कि यह पहल बंदियों के पारिवारिक संबंधों को मजबूत करने और पर्व को सुचारू रूप से मनाने के उद्देश्य से की गई थी।
जेल अधीक्षक रमेश चंद्र आर्य ने बताया कि भाई-बहन के पवित्र संबंधों को बनाए रखने के लिए मुलाकात का समय सीमित और नियंत्रित रखा गया था। जेल प्रशासन के दिशानिर्देशों के अनुसार, पुरुष बंदियों से केवल उनके परिवार की महिला सदस्यों और 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों को ही जेल गेट के अंदर प्रवेश की अनुमति दी गई। प्रत्येक मुलाकात का समय अधिकतम 10 मिनट निर्धारित था।
आर्य ने परिजनों से नियमों का पालन करते हुए पर्व को शांतिपूर्ण और हर्षोल्लास के साथ मनाने का अनुरोध किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी प्रकार का पर्स, मोबाइल, नकदी या अन्य कीमती सामान जेल के अंदर ले जाना पूरी तरह वर्जित था। मुलाकात के दौरान अनुशासन बनाए रखना अत्यंत आवश्यक बताया गया।
इस विशेष अवसर पर, जेल प्रशासन ने सभी बहनों के लिए पूजा थाल की व्यवस्था की, जिसमें हल्दी, कुमकुम और चावल जैसी सामग्री उपलब्ध कराई गई। परिजनों को मिठाई, गजक या सोनपपड़ी जैसी खाद्य सामग्री अधिकतम 250 ग्राम तक ले जाने की अनुमति थी,जेल में बंद बंदी और उनकी बहनों का मिलन काफी भावपूर्ण रहा,जेल में बंद अपने भाइयों को तिलक लगाने पहुंची कई बहनो ने अपराध छोड़ने का वचन लिया। जेल प्रशासन ने बताया कि यह पहल बंदियों के पारिवारिक संबंधों को मजबूत करने और पर्व को सुचारू रूप से मनाने के उद्देश्य से की गई थी।