शिवपुरी। हाईकोर्ट एडवोकेट अनिल मिश्रा के संविधान निर्माता डॉ भीमराव अम्बेडकर पर दिए गए विवादित बयान के बाद इस गुलाबी सर्दी में माहौल गर्म हो गया है। इस मुद्दे पर आज भारतीय जनता पार्टी शिवपुरी के जिला अध्यक्ष जसवंत जाटव ने शिवपुरी की मीडिया से बातचीत की। इस बातचीत में कहा मैं इस मामले में अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने वाले सभी लोगों की निंदा करता हूं यह देश संविधान से चलता है और संविधान के तहत ही काम होगा। जूते मारने वाली बात पर जसवंत जाटव ने कहा कि मैंने अपने बेटे की पोस्ट का विरोध किया हैं।
एडवोकेट अनिल मिश्रा के विवादित बयान के बाद के एक नई बहस का जन्म हो गया है। इस विवाद में जहां भीम आर्मी जूता लेकर मैदान में आ गई है इस कारण ब्राह्मण और सवर्ण समाज एकजुट होकर इसका विरोध कर रहा है। भीम आर्मी जहां जूता लेकर 15 अक्टूबर को ग्वालियर पहुंचने की बात कर रही है तो वही जवाब देने के लिए ब्राह्मण समाज भी जाने की बात कर रहा है। बीते दिनों भीम आर्मी ने एडवोकेट अनिल मिश्रा का पुतला फूंका था। वहीं आज शिवपुरी जिले के होटल मातोश्री में हुई भारतीय जनता पार्टी की प्रेस कॉफ्रेन्स में भी इस विषय को लेकर पत्रकारों ने भारतीय जनता पार्टी शिवपुरी के जिला अध्यक्ष जसवंत जाटव से सवाल पूछे,तो उन्होंने दोनों भी इसका विरोध किया।
यह बोले जिला अध्यक्ष जसवंत जाटव
भारतीय जनता पार्टी शिवपुरी के जिला अध्यक्ष जसवंत जाटव ने एडवोकेट अनिल मिश्रा के विवादित बयान पर कहा, कि जो भी संविधान विरोधी बयान दिये जा रहे हैं भारतीय जनता पार्टी किसी के भी पक्ष में नहीं हैं तथा सभी की निंदा करती हैं। वहीं जो अनिल मिश्रा ने यह कहा हैं कि डॉ.भीमराव अम्बेडकर अंग्रेजो के एजेंट थे, तो इस प्रकार के शब्द एक हाई कोर्ट के वकील को शोभा नहीं देता,में इसका पूरी तरह विरोध करता हूं।
जूते मारने वाली बात पर होनी चाहिए कार्यवाही
बाबा साहब ने जब संविधान लिखा वह डेप्टन कमेटी के चेयरमैन थे,तो हर दिन, उस समय लोकसभा की डिबेट होती थी हर एक बोलियम उनका हैं और उस समय जितने भी हमारे नेता थे उन्होंने ने सब ने स्वीकार किया है बाबा साहब राष्ट्रभक्त थे। वहीं जो यह जूते मारने की बातें हो रही हैं, यह बातें दोनों तरफ से बंद हो जानी चाहिए और प्रशासन को इस पर कार्यवाही करनी चाहिए।
वहीं अध्यक्ष जसवंत जाटव ने कहा कि जो मेरे बेटे राजेन्द्र जाटव ने एक विवादित पोस्ट अपने फेसबुक पेज पर डाली थी मैंने स्वयं ने उसका विरोध किया और उसको समझाया कि इस प्रकार की पोस्ट डालना या विचार सही नहीं हैं इस प्रकार की पोस्ट डालना यह हमारा चरित्र नहीं हैं।
वहीं अध्यक्ष जसवंत जाटव से पूछा गया कि एडवोकेट अनिल मिश्रा के समर्थन में ग्वालियर हाई कोर्ट के वकील सड़कों पर उतरे हैं तथा प्रशासन का पुतला फूंका हैं, इस पर अध्यक्ष बोले कि समर्थक तो किसी के भी हो सकते हैं, समर्थक तो आतंकवादियों के भी हो सकते हैं और आतंकवादियों के जत्थे
होते हैं तो उसे कितने भी जत्थे निकलते रहते इससे प्रशासन उस कार्य से नहीं डरती,वो संवैधानिक तरीके से ही कार्य करती हैं।
वहीं शिवपुरी नगरपालिका को लेकर जब जसमंत जाटव से सवाल पूछा गया कि फिर से पार्षद द्वारा इस्तीफा देने का सिलसिला शुरू हो गया। तो जसवंत जाटव का इस पर कहना था कि उनको संवैधानिक स्वतंत्रता हैं वो उनके मौलिक अधिकार है यही तो स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति हैं चाहे वो पार्षद हो,विधायक हो,चाहे वो कोई भी हो,जिसकी उस कार्य में रूचि नहीं हैं तो वह उस कार्य से हट सकता हैं।
एडवोकेट अनिल मिश्रा के विवादित बयान के बाद के एक नई बहस का जन्म हो गया है। इस विवाद में जहां भीम आर्मी जूता लेकर मैदान में आ गई है इस कारण ब्राह्मण और सवर्ण समाज एकजुट होकर इसका विरोध कर रहा है। भीम आर्मी जहां जूता लेकर 15 अक्टूबर को ग्वालियर पहुंचने की बात कर रही है तो वही जवाब देने के लिए ब्राह्मण समाज भी जाने की बात कर रहा है। बीते दिनों भीम आर्मी ने एडवोकेट अनिल मिश्रा का पुतला फूंका था। वहीं आज शिवपुरी जिले के होटल मातोश्री में हुई भारतीय जनता पार्टी की प्रेस कॉफ्रेन्स में भी इस विषय को लेकर पत्रकारों ने भारतीय जनता पार्टी शिवपुरी के जिला अध्यक्ष जसवंत जाटव से सवाल पूछे,तो उन्होंने दोनों भी इसका विरोध किया।
यह बोले जिला अध्यक्ष जसवंत जाटव
भारतीय जनता पार्टी शिवपुरी के जिला अध्यक्ष जसवंत जाटव ने एडवोकेट अनिल मिश्रा के विवादित बयान पर कहा, कि जो भी संविधान विरोधी बयान दिये जा रहे हैं भारतीय जनता पार्टी किसी के भी पक्ष में नहीं हैं तथा सभी की निंदा करती हैं। वहीं जो अनिल मिश्रा ने यह कहा हैं कि डॉ.भीमराव अम्बेडकर अंग्रेजो के एजेंट थे, तो इस प्रकार के शब्द एक हाई कोर्ट के वकील को शोभा नहीं देता,में इसका पूरी तरह विरोध करता हूं।
जूते मारने वाली बात पर होनी चाहिए कार्यवाही
बाबा साहब ने जब संविधान लिखा वह डेप्टन कमेटी के चेयरमैन थे,तो हर दिन, उस समय लोकसभा की डिबेट होती थी हर एक बोलियम उनका हैं और उस समय जितने भी हमारे नेता थे उन्होंने ने सब ने स्वीकार किया है बाबा साहब राष्ट्रभक्त थे। वहीं जो यह जूते मारने की बातें हो रही हैं, यह बातें दोनों तरफ से बंद हो जानी चाहिए और प्रशासन को इस पर कार्यवाही करनी चाहिए।
वहीं अध्यक्ष जसवंत जाटव ने कहा कि जो मेरे बेटे राजेन्द्र जाटव ने एक विवादित पोस्ट अपने फेसबुक पेज पर डाली थी मैंने स्वयं ने उसका विरोध किया और उसको समझाया कि इस प्रकार की पोस्ट डालना या विचार सही नहीं हैं इस प्रकार की पोस्ट डालना यह हमारा चरित्र नहीं हैं।
वहीं अध्यक्ष जसवंत जाटव से पूछा गया कि एडवोकेट अनिल मिश्रा के समर्थन में ग्वालियर हाई कोर्ट के वकील सड़कों पर उतरे हैं तथा प्रशासन का पुतला फूंका हैं, इस पर अध्यक्ष बोले कि समर्थक तो किसी के भी हो सकते हैं, समर्थक तो आतंकवादियों के भी हो सकते हैं और आतंकवादियों के जत्थे
होते हैं तो उसे कितने भी जत्थे निकलते रहते इससे प्रशासन उस कार्य से नहीं डरती,वो संवैधानिक तरीके से ही कार्य करती हैं।
वहीं शिवपुरी नगरपालिका को लेकर जब जसमंत जाटव से सवाल पूछा गया कि फिर से पार्षद द्वारा इस्तीफा देने का सिलसिला शुरू हो गया। तो जसवंत जाटव का इस पर कहना था कि उनको संवैधानिक स्वतंत्रता हैं वो उनके मौलिक अधिकार है यही तो स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति हैं चाहे वो पार्षद हो,विधायक हो,चाहे वो कोई भी हो,जिसकी उस कार्य में रूचि नहीं हैं तो वह उस कार्य से हट सकता हैं।