बामौरकलां। शिवपुरी जिले के पिछोर के पूर्व विधायक और कांग्रेस के पहलवान केपी सिंह बामौरकलां के रेस्ट हाउस पर स्थानीय लोगों की समस्याओं को सुना और मौके पर निराकरण करते हुए स्थानीय पत्रकारों से बातचीत की। इस बातचीत में कहा कि प्रदेश में खाद संकट सरकार ने स्वयं पैदा किया है,देश के कृषि मंत्री शिवराज जी है और स्थानीय सांसद भी केन्द्र में मंत्री है फिर भी शिवपुरी जिले का किसान खाद के लिए लाइन में लगा है। यह संकट नहीं है व्यापारियो को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार का मैनेजमेंट है वही स्थानीय स्तर पर जातीय संघर्ष स्थानीय स्तर का प्रशासन फेलियर है।
सरकार ने स्वयं पैदा किया है यह संकट
पत्रकारों से बातचीत करते हुए कांग्रेस के पहलवान ने कहा कि मैं 10 साल दिग्विजय सिंह के सरकार में मंत्रिमंडल में रहा था,किसी भी पिछोर वासी से पूछ ले कि वह उस समय खाद के लिए कोई परेशानी हुई क्या,किसी भी प्रकार की सिंगल लाइन लगी क्या । राज्य सरकारों को खाद के एडवांस में व्यवस्था करनी पडती है। हर साल कितना खाद पूरे मध्यप्रदेश और हर जिले में कितना खाद लगा अगले साल कितने खाद की आवश्यकता पड़ेगी सभी प्रकार का डाटा सरकार के पास रहता हैं उस हिसाब से खाद के कारखानो को एडवांस में आर्डर और पेमेंट देना होता है।
सरकार ने व्यापारियों के लिए फायदे का मैनेजमेंट जमाया हैं
मध्यप्रदेश में बैठी सरकार ने खाद का संकट स्वयं उत्पन्न किया है,जब सरकारी दुकानों पर पर्याप्त खाद उपलब्ध नहीं होगा तो किसान तो मार्केट में जाएगा जिससे व्यापारी लॉबी का 200 का खाद 500 रुपए में बिक सके। सरकार केवल व्यापारी की चिंता करती है,किसानों की नही
सिंधिया जी केंद्र में मंत्री है यह उनका क्षेत्र है उनको भी किसानों की लगी इस खाद की लाइन को संज्ञान में लेना चाहिए,देश के कृषि मंत्री शिवराज सिंह है उनको भी मध्य प्रदेश के किसानों की चिंता करनी चाहिए।
यह बोले जातिगत संघर्ष पर
पिछोर में बार बार जातिगत संघर्ष पर पूर्व विधायक पर कहा कि मानव का स्वभाव लड़ाई का होता है लड़ाई हो जाती है,लड़ाई दो लोगों के बीच होती है लेकिन यह दो लोगों का आपसी विवाद जातिगत संघर्ष में बदल जाती है यह सब स्थानीय स्तर पर अधिकारी ध्यान नहीं देते हैं तत्काल कंट्रोल नही करते है इस कारण यहां बार बार यह स्थिति उत्पन्न होती है।
सरकार ने स्वयं पैदा किया है यह संकट
पत्रकारों से बातचीत करते हुए कांग्रेस के पहलवान ने कहा कि मैं 10 साल दिग्विजय सिंह के सरकार में मंत्रिमंडल में रहा था,किसी भी पिछोर वासी से पूछ ले कि वह उस समय खाद के लिए कोई परेशानी हुई क्या,किसी भी प्रकार की सिंगल लाइन लगी क्या । राज्य सरकारों को खाद के एडवांस में व्यवस्था करनी पडती है। हर साल कितना खाद पूरे मध्यप्रदेश और हर जिले में कितना खाद लगा अगले साल कितने खाद की आवश्यकता पड़ेगी सभी प्रकार का डाटा सरकार के पास रहता हैं उस हिसाब से खाद के कारखानो को एडवांस में आर्डर और पेमेंट देना होता है।
सरकार ने व्यापारियों के लिए फायदे का मैनेजमेंट जमाया हैं
मध्यप्रदेश में बैठी सरकार ने खाद का संकट स्वयं उत्पन्न किया है,जब सरकारी दुकानों पर पर्याप्त खाद उपलब्ध नहीं होगा तो किसान तो मार्केट में जाएगा जिससे व्यापारी लॉबी का 200 का खाद 500 रुपए में बिक सके। सरकार केवल व्यापारी की चिंता करती है,किसानों की नही
सिंधिया जी केंद्र में मंत्री है यह उनका क्षेत्र है उनको भी किसानों की लगी इस खाद की लाइन को संज्ञान में लेना चाहिए,देश के कृषि मंत्री शिवराज सिंह है उनको भी मध्य प्रदेश के किसानों की चिंता करनी चाहिए।
यह बोले जातिगत संघर्ष पर
पिछोर में बार बार जातिगत संघर्ष पर पूर्व विधायक पर कहा कि मानव का स्वभाव लड़ाई का होता है लड़ाई हो जाती है,लड़ाई दो लोगों के बीच होती है लेकिन यह दो लोगों का आपसी विवाद जातिगत संघर्ष में बदल जाती है यह सब स्थानीय स्तर पर अधिकारी ध्यान नहीं देते हैं तत्काल कंट्रोल नही करते है इस कारण यहां बार बार यह स्थिति उत्पन्न होती है।