पोहरी। शिवपुरी जिले के पोहरी क्षेत्र के किसान इन दिनों खाद के लिए भटक रहे हैं। शासन की ओर से खाद वितरण की व्यवस्था तो की गई है, लेकिन जमीनी हकीकत बिल्कुल अलग नजर आ रही है। सोमवार सुबह 9:30 बजे पोहरी स्थित सहकारी संस्था पर खाद लेने पहुँचे किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। किसानों का आरोप है कि प्रशासन का ध्यान किसानों की समस्याओं की ओर नहीं है, बल्कि अधिकारी अपने नजदीकी लोगों को चोरी-छिपे टोकन जारी कर रहे हैं।
खेतों में बुआई का समय निकलता जा रहा है और किसान खाद के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। लाइन में खड़े किसानों ने रोष जताते हुए कहा कि हम घंटों खड़े रहते हैं, लेकिन हमें खाद का टोकन नहीं मिलता, वहीं अधिकारियों के आदमियों को सीधा अंदर बुलाकर खाद दिलाई जा रही है।
किसान रमेश धाकड ने बताया – "सुबह से लाइन में खड़े हैं, लेकिन अब तक खाद का टोकन नहीं मिला। अधिकारी अपने खास लोगों को चोरी-चुपके टोकन देकर घर भेज रहे हैं। अगर यही हाल रहा तो हम किसान खेत में क्या बोएँगे?"
इसी तरह किसान राजू धाकड़ ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा – "हर साल यही हाल रहता है। समय पर खाद नहीं मिलने से पैदावार पर असर पड़ता है। अधिकारी किसानों की समस्या सुनने की बजाय अपने लोगों को ही फायदा पहुँचा रहे हैं। अगर जल्द व्यवस्था नहीं सुधरी तो हमें आंदोलन करना पड़ेगा।"
ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन को इस अव्यवस्था पर तुरंत ध्यान देना चाहिए और सभी किसानों को समान रूप से खाद उपलब्ध करानी चाहिए, वरना हालात बिगड़ सकते है।
खेतों में बुआई का समय निकलता जा रहा है और किसान खाद के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। लाइन में खड़े किसानों ने रोष जताते हुए कहा कि हम घंटों खड़े रहते हैं, लेकिन हमें खाद का टोकन नहीं मिलता, वहीं अधिकारियों के आदमियों को सीधा अंदर बुलाकर खाद दिलाई जा रही है।
किसान रमेश धाकड ने बताया – "सुबह से लाइन में खड़े हैं, लेकिन अब तक खाद का टोकन नहीं मिला। अधिकारी अपने खास लोगों को चोरी-चुपके टोकन देकर घर भेज रहे हैं। अगर यही हाल रहा तो हम किसान खेत में क्या बोएँगे?"
इसी तरह किसान राजू धाकड़ ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा – "हर साल यही हाल रहता है। समय पर खाद नहीं मिलने से पैदावार पर असर पड़ता है। अधिकारी किसानों की समस्या सुनने की बजाय अपने लोगों को ही फायदा पहुँचा रहे हैं। अगर जल्द व्यवस्था नहीं सुधरी तो हमें आंदोलन करना पड़ेगा।"
ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन को इस अव्यवस्था पर तुरंत ध्यान देना चाहिए और सभी किसानों को समान रूप से खाद उपलब्ध करानी चाहिए, वरना हालात बिगड़ सकते है।