शिवपुरी। पोहरी विधानसभा के छर्च क्षेत्र की मेहलोनी पंचायत के पारा गांव से ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं, जो ग्रामीणों की लाचारी और आस्था दोनों को बयां करती हैं। यहां तेजाजी महाराज के प्राचीन मंदिर में मन्नत पूरी होने पर श्रद्धालुओं को गांव में घुसते ही पेड़ भरते हुए मंदिर तक जाना होता है। लेकिन पूरा मार्ग गंदे पानी और कीचड़ से भरा पड़ा है। इसके बावजूद महिलाएं और ग्रामीण पेड़ भरकर मंदिर तक पहुंचने की परंपरा निभाते आ रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक पारा गांव में तेजाजी महाराज का प्राचीन मंदिर है। मान्यता है कि जहरीले सर्प के काटने पर यहां बंद लगाए जाते हैं, साथ ही मन्नत भी मांगी जाती है। बंद के साकार परिणाम और मन्नत पूरी होने पर मन्नत मांगने वाले को गांव में घुसने के साथ ही मंदिर तक पेड़ भरते हुए जाने की परंपरा है, जिसे ग्रामीण वर्षों से निभाते आ रहे हैं।
लेकिन इस दौरान जल जीवन मिशन के तहत की ओर से मंदिर तक रास्ता को खोदकर पाइप लाइन बिछाने से पूरा रास्ता खराब करके चला गया
माना जाता है कि मन्नत पूरी होने पर दूरदराज से पारा गांव पहुंचे श्रद्धालुओं को बहते गंदे पानी और कीचड़ से सने रास्ते से पेड़ भरते हुए मंदिर तक पहुंचना मजबूरी बन गया है।
ग्रामीणों का कहना है कि अगर मन्नत पूरी होने पर ऐसा नहीं किया तो उसके दुष्परिणाम भी भुगतने पड़ सकते हैं। इसी वजह से आस्था उनकी मजबूरी बन जाती है और उन्हें कीचड़ व गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ता है।
महलोनी पंचायत सचिव पातीराम यादव ने बताया कि गर्मियों में नल-जल योजना वालों ने पूरी सड़क खोद दी थी, जिसे अब तक सही नहीं कराया गया है। पहले रास्ता ठीक था, लेकिन कई बार कहने के बावजूद ठेकेदार ने इसे दुरुस्त नहीं किया। इसी कारण ग्रामीणों को दिक्कत झेलनी पड़ रही है।
जानकारी के मुताबिक पारा गांव में तेजाजी महाराज का प्राचीन मंदिर है। मान्यता है कि जहरीले सर्प के काटने पर यहां बंद लगाए जाते हैं, साथ ही मन्नत भी मांगी जाती है। बंद के साकार परिणाम और मन्नत पूरी होने पर मन्नत मांगने वाले को गांव में घुसने के साथ ही मंदिर तक पेड़ भरते हुए जाने की परंपरा है, जिसे ग्रामीण वर्षों से निभाते आ रहे हैं।
लेकिन इस दौरान जल जीवन मिशन के तहत की ओर से मंदिर तक रास्ता को खोदकर पाइप लाइन बिछाने से पूरा रास्ता खराब करके चला गया
माना जाता है कि मन्नत पूरी होने पर दूरदराज से पारा गांव पहुंचे श्रद्धालुओं को बहते गंदे पानी और कीचड़ से सने रास्ते से पेड़ भरते हुए मंदिर तक पहुंचना मजबूरी बन गया है।
ग्रामीणों का कहना है कि अगर मन्नत पूरी होने पर ऐसा नहीं किया तो उसके दुष्परिणाम भी भुगतने पड़ सकते हैं। इसी वजह से आस्था उनकी मजबूरी बन जाती है और उन्हें कीचड़ व गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ता है।
महलोनी पंचायत सचिव पातीराम यादव ने बताया कि गर्मियों में नल-जल योजना वालों ने पूरी सड़क खोद दी थी, जिसे अब तक सही नहीं कराया गया है। पहले रास्ता ठीक था, लेकिन कई बार कहने के बावजूद ठेकेदार ने इसे दुरुस्त नहीं किया। इसी कारण ग्रामीणों को दिक्कत झेलनी पड़ रही है।