पोहरी। शिवपुरी जिले के पोहरी क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टरों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में एक महिला की मौत गलत इलाज के चलते हो गई, लेकिन इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग के कानों पर जूँ तक नहीं रेंगी। ग्रामीणों का आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत से ही झोलाछाप डॉक्टर खुलेआम अपनी दुकान चला रहे हैं और भोली-भाली जनता की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, ग्राम हिनोतिया निवासी चीनोटी कुशवाह का सिरदर्द का इलाज कराने गए थे वही । परिजनों ने पास के ही छर्च में मौजूद झोलाछाप डॉक्टर से इलाज करवाया। डॉक्टर ने बिना जांच किए गलत दवा दे दी। कुछ ही घंटों बाद महिला की हालत बिगड़ गई जिसको पोहरी लाया गया उसकी हालत गंभीर देख पोहरी से शिवपुरी रैपर कर दिया जिसकी वहा पर मौत हो गई
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य विभाग सिर्फ दिखावे के अभियान चलाकर कार्रवाई की खानापूर्ति करता है। असल में झोलाछाप डॉक्टरों को विभाग का संरक्षण प्राप्त है। यही कारण है कि आए दिन ऐसे गंभीर हादसे सामने आते रहते हैं।
ग्रामीण जगदीश कुशवाह ने बताया – "हमारे गाँव में हर गली मोहल्ले में झोलाछाप डॉक्टर बैठे हैं। इनके पास न तो कोई डिग्री है और न ही अनुभव। फिर भी खुलेआम इलाज कर रहे हैं। जब कोई घटना होती है तब भी स्वास्थ्य विभाग कोई ठोस कदम नहीं उठाता।"
वहीं, एक अन्य ग्रामीण सतीश कुशवाह ने कहा – "हम गरीब लोग मजबूरी में इन्हीं के पास जाते हैं क्योंकि सरकारी अस्पताल दूर है और वहां समय पर इलाज नहीं मिलता। लेकिन अब यह जानलेवा साबित हो रहा है। स्वास्थ्य अमले को चाहिए कि तुरंत कार्रवाई करे।"
गाँव के युवक मोहन कुशवाह ने आरोप लगाया – "स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत के बिना ये झोलाछाप इतने सालों से यहाँ काम नहीं कर सकते। अधिकारियों को सब जानकारी है, लेकिन कार्रवाई करने की जगह वे चुप्पी साधे रहते हैं।"
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि स्वास्थ्य विभाग ने जल्द ही झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं की तो वे सामूहिक आंदोलन करेंगे।
स्वास्थ्य विभाग की स्थिति
ग्रामीणों का कहना है कि स्वास्थ्य अमला सिर्फ अभियान के नाम पर कभी-कभार औपचारिकता निभाता है। लेकिन स्थायी कार्रवाई करने से बचता है। इस लापरवाही की वजह से गाँव-गाँव में झोलाछाप डॉक्टर फल-फूल रहे हैं।
अब देखना यह होगा कि महिला की मौत के बाद भी क्या विभाग जागेगा या एक और मामले को यूँ ही दबा दिया जाएगा।
मिली जानकारी के अनुसार, ग्राम हिनोतिया निवासी चीनोटी कुशवाह का सिरदर्द का इलाज कराने गए थे वही । परिजनों ने पास के ही छर्च में मौजूद झोलाछाप डॉक्टर से इलाज करवाया। डॉक्टर ने बिना जांच किए गलत दवा दे दी। कुछ ही घंटों बाद महिला की हालत बिगड़ गई जिसको पोहरी लाया गया उसकी हालत गंभीर देख पोहरी से शिवपुरी रैपर कर दिया जिसकी वहा पर मौत हो गई
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य विभाग सिर्फ दिखावे के अभियान चलाकर कार्रवाई की खानापूर्ति करता है। असल में झोलाछाप डॉक्टरों को विभाग का संरक्षण प्राप्त है। यही कारण है कि आए दिन ऐसे गंभीर हादसे सामने आते रहते हैं।
ग्रामीण जगदीश कुशवाह ने बताया – "हमारे गाँव में हर गली मोहल्ले में झोलाछाप डॉक्टर बैठे हैं। इनके पास न तो कोई डिग्री है और न ही अनुभव। फिर भी खुलेआम इलाज कर रहे हैं। जब कोई घटना होती है तब भी स्वास्थ्य विभाग कोई ठोस कदम नहीं उठाता।"
वहीं, एक अन्य ग्रामीण सतीश कुशवाह ने कहा – "हम गरीब लोग मजबूरी में इन्हीं के पास जाते हैं क्योंकि सरकारी अस्पताल दूर है और वहां समय पर इलाज नहीं मिलता। लेकिन अब यह जानलेवा साबित हो रहा है। स्वास्थ्य अमले को चाहिए कि तुरंत कार्रवाई करे।"
गाँव के युवक मोहन कुशवाह ने आरोप लगाया – "स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत के बिना ये झोलाछाप इतने सालों से यहाँ काम नहीं कर सकते। अधिकारियों को सब जानकारी है, लेकिन कार्रवाई करने की जगह वे चुप्पी साधे रहते हैं।"
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि स्वास्थ्य विभाग ने जल्द ही झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं की तो वे सामूहिक आंदोलन करेंगे।
स्वास्थ्य विभाग की स्थिति
ग्रामीणों का कहना है कि स्वास्थ्य अमला सिर्फ अभियान के नाम पर कभी-कभार औपचारिकता निभाता है। लेकिन स्थायी कार्रवाई करने से बचता है। इस लापरवाही की वजह से गाँव-गाँव में झोलाछाप डॉक्टर फल-फूल रहे हैं।
अब देखना यह होगा कि महिला की मौत के बाद भी क्या विभाग जागेगा या एक और मामले को यूँ ही दबा दिया जाएगा।