SHIVPURI NEWS - 3 KM के रास्ते को लेकर 15 सालों से ग्रामीण कर रहे शिकायत, नहीं हुई सुनवाई-2 मौत

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शिवपुरी जिले के कलेक्ट्रेट कार्यालय में बीते मंगलवार को हुई जनसुनवाई में कुछ लोग शिकायत लेकर पहुंचे कि ग्राम खौरघार में ग्राम बसई से ग्राम बीलारा के कच्चे रास्ते की स्थिति काफी बिगड़ी हुई हैं, इस 3 किमी वाले रोड़ को लेकर पिछले 15 सालों से ग्रामीण शिकायती आवेदन दे देकर थक चुके हैं,लेकिन रोड़ की स्थिति ज्यों-कि-त्यों बनी हुई हैं। वहीं ग्रामीणों को कहना हैं कि ग्राम खौरघार का सरपंच शिवपुरी निवासरत हैं वह गांव में झांकता भी नहीं हैं।

जानकारी के अनुसार प्रदीप रावत निवासी ग्राम खौरघार ने बताया कि हमारी पिछली 15 सालों से कोई सुनवाई नहीं हो रही, ताथा ग्राम पंचायत खौरघार में काफी भ्रष्टाचार हो रहा हैं,वहीं 3 किमी का ग्राम बसई से ग्राम वीलारा वाले रास्ते को आज तक 15 सालों में नहीं बनाई गई,जबकि रोड़ की स्थिति बहुत ही खराब हैं।

3 किमी को लेकर 15 से कर रहे हैं शिकायत

वहीं ग्रामीणों ने बताया कि हमारे खेत ग्राम खौरघार में हैं और हमें इसी 3 किमी वाले रास्ते से होकर गुजरना पड़ता हैं, इस बरसात में हमें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं। वहीं इसी रास्ते से हम ग्रामीण थाना सिरसौद और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जाते हैं तो इस रास्ते से निकलने में हमें काफी परेशानी आती हैं। इसकी हम कई बार कलेक्टर सर से शिकायत भी कर चुके हैं लेकिन स्थिति वैसी ही हैं जैसी पहले थी।

दूसरे रास्ते की स्थिति और ज्यादा खराब हैं

वहीं दूसरा रास्ता जो कि कच्चा व ऊबड़ खाबड़ है, जिसमें जगह जगह बड़े व लम्बे लम्बे गड्ढे हैं। बारिश की वजह से उनमें अत्यधिक पानी भरा रहता है। रास्ते से वाहनों का निकलना संभव नही हो पा रहा है, यहां तक कि पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। इससे लगभग 50 परिवार बुरी तरह प्रभावित हो रहे है कोई बीमारी या आकस्मिक की स्थिति में मरीज को अस्पताल तक न पहुंच पाने से जान की क्षति होने की आशंका बनी हुई हैं।

देरी के कारण हो चुकी हैं 2 लोगों की मौत

बता दें कि ग्राम के 02 व्यक्ति समय पर अस्पताल न पहुंच सके,कि वजह से उनकी मृत्यु हो चुकी हैं। इस रास्ते को डामरीकृत करवाये जाने हेतु हम ग्रामीण द्वारा पूर्व में कईयों आवेदन प्रस्तुत किये जाते रहे हैं, परन्तु सिर्फ आश्वासन दिया जाता रहा है अभी तक डामरीकरण नहीं किया गया है। इसलिए 03 किलोमीटर रास्ते का डामरीकरण होने के पहले वर्तमान में यातायात बहाल किये जाने के क्रम में तत्काल प्रभाव से मुरम डलवाया जाना अत्यंत आवश्यक है।