शिवपुरी। शिवपुरी जिले के पोहरी अनुविभाग के गोवर्धन से एक ऐसा मामला सामने आया हैं जिसमें पुलिस ने न्यायालय को गुमराह किया हैं, मामला आज से 8 महीने पहले का हैं जिसमें गोवर्धन थाना पुलिस ने मुरैना से एक जेसीबी और एक मोटरसाइकिल जब्त की थी, जिसमें बाद पुलिस ने जेसीबी के मालिक से पैसे लेकर उसको छोड़ दिया,लेकिन बाइक वाले युवक से थाना प्रभारी ने 25 हजार रुपये की मांग की,युवक ने थाना प्रभारी से कहा कि मेरे पास इतने पैसे नहीं हैं मैं गरीब आदमी हूं।
जिसके बाद युवक ने मोटरसाइकिल छुड़ाने के लिए पोहरी कोर्ट में कागज लगा दिये, जिसके बाद थाना प्रभारी के पास कोर्ट से तामील पहुंची,जिसमें थाना प्रभारी ने जवाब दिया कि ऐसी हमारे पास कोई मोटरसाइकिल नहीं आई ना ही हमने ऐसा कोई मामला दर्ज किया हैं।
जानकारी के अनुसार निवासी ग्राम नरेसुर थाना मरापुरा मुरैना के रहने वाले महेंद्र सिंह गुर्जर ने बताया कि आज से करीबन 8 महीने पहले की बात हैं, मैं अपने गांव नरेसुर में ही था तभी मेरे गांव में मेरे मौसी के लड़के की जेसीबी चल रही थी, तभी मेरा बड़ा भाई सुरेंद्र गुर्जर का बेटा संजू शाम के समय जंगल की तरफ भैंसों का देखने के लिए गया हुआ था।
अचानक पहुंची गोवर्धन पुलिस
तभी अचानक पुलिस वहां पहुंची, जिसको देखते हुए मेरे बड़े भाई का बेटा अपनी गाड़ी को छोड़ते हुए वहां से भागकर घर आ गया। तभी पता चला कि थाना गोवर्धन जिला शिवपुरी की पुलिस फोर्स किसी चोरी के मामले में नरेसुर गांव में पहुंची और वहां चल रही मेरे मौसी के बेटे की जेसीबी जो कि दतिया की रहने वाली हैं उनकी जेसीबी और मेरी मोटरसाइकिल क्र.एम 06 एमयू 4053 की कैफियत को जब्त करके ले गये।
25 हजार रुपये मांगे रिश्वत में
जिसके बाद हमें पता चला कि मेरी मोटरसाइकिल थाना गोवर्धन में जब्त हैं, जिसके बाद मैं अपनी बाइक को छुड़वाने गोवर्धन थाना पहुंचा तो पुलिस का कहना था कि 25 हजार रुपये लगेंगे तभी तुम अपनी बाइक को यहां से ले जा सकते हो। जिसके बाद मैंने पुलिस से कहा कि मैं तो गरीब आदमी हूं और मेरे पास मोटरसाइकिल के सभी कागज हैं। मैं आपको पैसे नहीं दे सकता। उसी बात को लेकर पुलिस ने मुझसे कहा कि तो तुम यहां से जा सकते हो। तुम्हें अब ये बाइक नहीं मिल सकती।
कोर्ट के आदेश का किया अपमान
जिसके बाद मैंने पोहरी के कोर्ट में अपने पूरे कागज लगा दिये। तथा कुछ दिनों बाद गोवर्धन थाना प्रभारी रविन्द्र सिंह कुशवाह के पास मेरी मोटरसाइकिल को छोड़ने के संबंध में तामील भेजा, कि मेरी मोटरसाइकिल को छोड़ा जाये,लेकिन थाना प्रभारी रविन्द्र सिंह कुशवाह ने जवाब ने लिखा।
जिसके बाद युवक ने मोटरसाइकिल छुड़ाने के लिए पोहरी कोर्ट में कागज लगा दिये, जिसके बाद थाना प्रभारी के पास कोर्ट से तामील पहुंची,जिसमें थाना प्रभारी ने जवाब दिया कि ऐसी हमारे पास कोई मोटरसाइकिल नहीं आई ना ही हमने ऐसा कोई मामला दर्ज किया हैं।
जानकारी के अनुसार निवासी ग्राम नरेसुर थाना मरापुरा मुरैना के रहने वाले महेंद्र सिंह गुर्जर ने बताया कि आज से करीबन 8 महीने पहले की बात हैं, मैं अपने गांव नरेसुर में ही था तभी मेरे गांव में मेरे मौसी के लड़के की जेसीबी चल रही थी, तभी मेरा बड़ा भाई सुरेंद्र गुर्जर का बेटा संजू शाम के समय जंगल की तरफ भैंसों का देखने के लिए गया हुआ था।
अचानक पहुंची गोवर्धन पुलिस
तभी अचानक पुलिस वहां पहुंची, जिसको देखते हुए मेरे बड़े भाई का बेटा अपनी गाड़ी को छोड़ते हुए वहां से भागकर घर आ गया। तभी पता चला कि थाना गोवर्धन जिला शिवपुरी की पुलिस फोर्स किसी चोरी के मामले में नरेसुर गांव में पहुंची और वहां चल रही मेरे मौसी के बेटे की जेसीबी जो कि दतिया की रहने वाली हैं उनकी जेसीबी और मेरी मोटरसाइकिल क्र.एम 06 एमयू 4053 की कैफियत को जब्त करके ले गये।
25 हजार रुपये मांगे रिश्वत में
जिसके बाद हमें पता चला कि मेरी मोटरसाइकिल थाना गोवर्धन में जब्त हैं, जिसके बाद मैं अपनी बाइक को छुड़वाने गोवर्धन थाना पहुंचा तो पुलिस का कहना था कि 25 हजार रुपये लगेंगे तभी तुम अपनी बाइक को यहां से ले जा सकते हो। जिसके बाद मैंने पुलिस से कहा कि मैं तो गरीब आदमी हूं और मेरे पास मोटरसाइकिल के सभी कागज हैं। मैं आपको पैसे नहीं दे सकता। उसी बात को लेकर पुलिस ने मुझसे कहा कि तो तुम यहां से जा सकते हो। तुम्हें अब ये बाइक नहीं मिल सकती।
कोर्ट के आदेश का किया अपमान
जिसके बाद मैंने पोहरी के कोर्ट में अपने पूरे कागज लगा दिये। तथा कुछ दिनों बाद गोवर्धन थाना प्रभारी रविन्द्र सिंह कुशवाह के पास मेरी मोटरसाइकिल को छोड़ने के संबंध में तामील भेजा, कि मेरी मोटरसाइकिल को छोड़ा जाये,लेकिन थाना प्रभारी रविन्द्र सिंह कुशवाह ने जवाब ने लिखा।
कोर्ट को गुमराह करते हुए यह जवाब दिया थाना प्रभारी रविन्द्र कुशवाह ने
कोर्ट को यह जवाब दिया थाना प्रभारी गोवर्धन ने कि श्रीमान जी के द्वारा मोटरसाइकिल क० एमपी06एमयू 4053 के संबंध में कैफियत चाही गई है, उक्त मोटरसायकल थाना हाजा के किसी भी अपराध में जब्त नहीं है एवं उक्त मोटरसाइकिल का थाना हाजा से कोई संबंध नहीं है! अतः केफियत रिपोर्ट श्रीमान जी की सेवा में सादर प्रेषित है!
जबकि मोटरसाइकिल की लाइव लोकेशन थाना गोवर्धन बताई जा रही हैं
यह जवाब थाना प्रभारी रविन्द्र सिंह कुशवाह ने कोर्ट को दिया। जबकि मोटरसाइकिल क्र.एम 06 एमयू 4053 की कैफियत गोवर्धन थाना पर ही रखी हुई हैं जिसका फोटो देखा और उसमें स्पष्ट रूप से लाइव लोकेशन थाना गोवर्धन की ही बताई जा रही हैं। इसका तो यही मतलब हैं कि पुलिस रिश्वत के लिए न्यायालय को भी गुमराह कर सकती हैं, थाना प्रभारी रविन्द्र सिंह कुशवाह ने न्यायालय को गुमराह किया हैं।
कोर्ट को यह जवाब दिया थाना प्रभारी गोवर्धन ने कि श्रीमान जी के द्वारा मोटरसाइकिल क० एमपी06एमयू 4053 के संबंध में कैफियत चाही गई है, उक्त मोटरसायकल थाना हाजा के किसी भी अपराध में जब्त नहीं है एवं उक्त मोटरसाइकिल का थाना हाजा से कोई संबंध नहीं है! अतः केफियत रिपोर्ट श्रीमान जी की सेवा में सादर प्रेषित है!
जबकि मोटरसाइकिल की लाइव लोकेशन थाना गोवर्धन बताई जा रही हैं
यह जवाब थाना प्रभारी रविन्द्र सिंह कुशवाह ने कोर्ट को दिया। जबकि मोटरसाइकिल क्र.एम 06 एमयू 4053 की कैफियत गोवर्धन थाना पर ही रखी हुई हैं जिसका फोटो देखा और उसमें स्पष्ट रूप से लाइव लोकेशन थाना गोवर्धन की ही बताई जा रही हैं। इसका तो यही मतलब हैं कि पुलिस रिश्वत के लिए न्यायालय को भी गुमराह कर सकती हैं, थाना प्रभारी रविन्द्र सिंह कुशवाह ने न्यायालय को गुमराह किया हैं।