भादो माह शुरू, घर घर जन्म लेंगे लड्डू गोपाल, गणेश उत्सव की भी रहेगी धूम - Shivpuri News

Bhopal Samachar

शिवपुरी। सावन की विदाई के साथ ही 10 अगस्त से भादो मास की पावन शुरुआत हो गई है,और यह मास 7 सितंबर तक रहेगा। यह महीना भक्ति और उत्सवों के रंगों से भर जाता है।इस मास में पड़ने वाले व्रत-त्योहार न केवल धर्म-संस्था को गहराई देते हैं, बल्कि यह महीना प्रेम, एकता और सद्भाव का संदेश भी फैलाता है।जानिए इस मास में कौन-कौन से व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं, और उनका क्या महत्व है।

शिवपुरी जिले मे इस हिंदी पंचांग का छठे,और चर्तुमास का दूसरे माह में सबसे अधिक गणेश उत्सव की धूम रहेगी। महाराष्ट्र की तर्ज पर ग्वालियर चंबल संभाग में केवल शिवपुरी जिले में ही सबसे अधिक जोश,उत्साह और भक्ति से यह उत्सव मनाया जाता है यहां यह उत्सव गणेश चतुर्थी से अनंत चौदस तक पूरे 10 दिन तक चलता है।

इस माह में  इनमें जन्माष्टमी, गणेशोत्सव से लेकर जैन समाज के पर्युषण सरीखे विभिन्न त्योहारों की धूम रहेगी। कृष्ण जन्माष्टमी पर झांकी सजेगी,इस मास को लेकर लोगों में उत्साह का माहौल है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी पर जन्माष्टमी मनाएंगे। भाद्रपद शुक्ल तृतीया को अखंड सौभाग्य की हरतालिका तीज मनाते हैं। उस दिन माता पार्वती और शिवजी की पूजा करते हैं।

गणपति बप्पा के लिए 10 दिन का उत्सव गणेश चतुर्थी भी भाद्रपद माह में ही होता है। शहर सहित जिले में गणेश चतुर्थी बड़े पैमाने पर मनाई जाती है। राधा अष्टमी, हल षष्ठी, ऋषि पंचमी जैसे व्रत और पर्व भी इस माह में आते हैं। भाद्रपद पूर्णिमा को पितृ पक्ष प्रारंभ होता है। उस दिन पितरों के लिए पूर्णिमा का श्राद्ध किया जाता है।

इस भाद्रपद माह ये रहेंगे तीज-त्योहार
रविवार से प्रारंभ हुए भाद्रपद माह में 12 अगस्त को कजली तीज, 14 को हलषष्ठी, 15 को स्वतंत्रता दिवस, 16 को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, 17 को गोगा नवमी, 22 को पितृ कार्य अमावस्या, 23 को देव कार्य अमावस्या, 25 को बाबाराम देव जयंती, 26 को हरतालिका व रोठ तीज, 27 को गणेश उत्सव प्रारंभ, 28 को ऋषि पंचमी, संवत्सरी पर्व, पर्युषण पर्व प्रारंभ, 29 को बलदेव छठ, 30 को मुक्ता भरण सप्तमी, 31 को राधाष्टमी, 1 सितंबर को चंद्र नवमी, 2 को तेजा दशमी, 3 को डोल ग्यारस, 4 को वामन जयंती, 5 को प्रदोष व्रत, 6 को अनंत चतुर्दशी और 7 सितंबर को श्राद्ध पक्ष प्रारंभ, पूर्णिमा श्राद्ध, खग्रास चंद्रग्रहण और भाद्रपद का समापन होगा।

गणेशोत्सव को लेकर भी उत्साह का माहौल
इस बार गणेश चतुर्थी की शुरुआत 27 अगस्त से होगी। इस दिन गणेश मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना होगी। दस दिन तक गणपति बप्पा मोरिया की गूंज सुनाई देगी तो पंडाल में गणेश जी विराजमान होंगे। यहां डांडियों की खनक गूंजेगी। इससे पहले 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस आजादी का जश्न मनाया जाएगा।

अगस्त में जैन धर्म का साधना, तप, संयम का पर्युषण पर्व भी रहेगा। भाद्रपद महीने की शुक्ल पंचमी से इस परंपरा की शुरुआत होगी। ऐसे में इस साल दिगंबर जैन समाज का पर्युषण पर्व की शुरुआत 28 अगस्त से होगी। इससे पहले श्वेतांबर जैन समाज के पर्यूषण पर्व मनाए जाएंगे। इस दौरान जैन धर्मावलंबी साधना, आराधना के साथ ही अपनी भूल की क्षमा मांगेंगे।