शिवपुरी। शिवपुरी में मेडिकल वेस्ट को मवेशी खा रहे हैं। इंजेक्शन सिरिंज,दवा रेफर, सलाइन पाइप और अन्य संक्रमित सामग्री खाने से मवेशियों को संक्रमण होने का खतरा है। दरअसल जिले के खनियाधाना कस्बे में कुछ प्राइवेट क्लीनिक संचालकों की लापरवाही आमजन की सेहत के लिए खतरा बन रही है। बस स्टैंड क्षेत्र में मेडिकल वेस्ट खुले में फेंका जा रहा है,वही सीएमएचओ कार्यालय लगातार झोलाछाप डॉक्टरो पर कार्यवाही कर रह रहा है और एक माह बाद रिश्वत की दम पर दुकान भी खुलवा रहा है। स्थानीय अधिकारियों को झोलाछाप डॉक्टर दिखाई दते है और ना ही सड़क पर फेंका गया मेडिकल वेस्ट,
बस स्टैंड क्षेत्र में लगभग 6 से 7 निजी क्लिनिक संचालित हो रही हैं। इनमें से कई जगहों से मेडिकल वेस्ट को खुले में फेंका जा रहा है। इसी बस स्टैंड से प्रतिदिन सैकड़ों ग्रामीणों का आना-जाना होता है। इससे बीमारी फैलने की आशंका और बढ़ गई है।
नियम उल्लंघन करने वालों का लाइसेंस हो सकता है रद्द
विशेषज्ञों के अनुसार बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट नियम 2016 के तहत सभी अस्पताल, क्लिनिक, पैथोलॉजी लैब, नर्सिंग होम आदि को मेडिकल वेस्ट को अलग-अलग श्रेणियों में सुरक्षित रूप से एकत्रित करना होता है। फिर इसे अधिकृत एजेंसी को सौंपना अनिवार्य है। नियमों का उल्लंघन करने पर संबंधित संस्थान का लाइसेंस रद्द किया जा सकता है। साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा अधिकृत ठेकेदार एजेंसी चंदेरी में बायोमेडिकल वेस्ट निस्तारण प्लांट संचालित कर रही है। इसके बावजूद स्थानीय स्तर पर इस तरह की लापरवाही चिंताजनक है।
इस मामले में जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजय रिशेश्वर ने कहा हम जल्द ही टीम भेजकर मामले की जांच कराएंगे। यदि किसी क्लिनिक द्वारा बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण में लापरवाही पाई गई, तो उसका लाइसेंस निरस्त किया जाएगा। क्लीनिक संचालकों को नियमों का पालन करना अनिवार्य है।
बस स्टैंड क्षेत्र में लगभग 6 से 7 निजी क्लिनिक संचालित हो रही हैं। इनमें से कई जगहों से मेडिकल वेस्ट को खुले में फेंका जा रहा है। इसी बस स्टैंड से प्रतिदिन सैकड़ों ग्रामीणों का आना-जाना होता है। इससे बीमारी फैलने की आशंका और बढ़ गई है।
नियम उल्लंघन करने वालों का लाइसेंस हो सकता है रद्द
विशेषज्ञों के अनुसार बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट नियम 2016 के तहत सभी अस्पताल, क्लिनिक, पैथोलॉजी लैब, नर्सिंग होम आदि को मेडिकल वेस्ट को अलग-अलग श्रेणियों में सुरक्षित रूप से एकत्रित करना होता है। फिर इसे अधिकृत एजेंसी को सौंपना अनिवार्य है। नियमों का उल्लंघन करने पर संबंधित संस्थान का लाइसेंस रद्द किया जा सकता है। साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा अधिकृत ठेकेदार एजेंसी चंदेरी में बायोमेडिकल वेस्ट निस्तारण प्लांट संचालित कर रही है। इसके बावजूद स्थानीय स्तर पर इस तरह की लापरवाही चिंताजनक है।
इस मामले में जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजय रिशेश्वर ने कहा हम जल्द ही टीम भेजकर मामले की जांच कराएंगे। यदि किसी क्लिनिक द्वारा बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण में लापरवाही पाई गई, तो उसका लाइसेंस निरस्त किया जाएगा। क्लीनिक संचालकों को नियमों का पालन करना अनिवार्य है।