शिवपुरी। शिवपुरी जिले को काले बादल अपना परमानेंट ठिकाना बना चुके है,लगातार बारिश के कारण जहां जिले के नदी नाले और तालाब लबालब हो चुके है। मात्र 40 दिन में टोटल बारिश की 65 प्रतिशत बारिश हो चुकी है। इस बारिश का असर शिवपुरी जिले के खेतों में स्पष्ट दिखाई दे रहा है। अतिवर्षा के कारण अभी जिले में 30 प्रतिशत बोबनी किसान कर सके है। वह बारिश रुकने ओर खेत सूखने का इंतजार कर रहे है।
जिले भर में खरीफ फसलों की बोवनी 4 लाख 40 हजार 100 हेक्टेयर में होनी थी, लेकिन लगातार बारिश के कारण अभी तक जिले में सिर्फ 30 फीसदी (एक लाख ३८ हजार हेक्टेयर) क्षेत्र में ही बोवनी हुई है। बोवनी की समय सीमा 15 से 20 जुलाई है। इसके बाद खरीफ फसलों बोवनी नहीं हो पाएगी। लगातार बारिश के कारण खेतों में पानी भरा होने के कारण फसल बुवाई को लेकर किसान चिंतित हैं। सबसे ज्यादा असर सोयाबीन व मूंगफली की बोवनी पर पड़ रहा है। इसके अलावा जिन किसानों ने अपने खेतों में बोवनी कर दी थी, बारिश का पानी भरने से उनका बीज व खाद दोनों खराब हो गया है। लगातार बारिश से जिले में औसत बारिश का आंकड़ा 461.64 मिमी पर पहुंच गया है।
कृषि अधिकारियों की मानें तो इस बार बारिश के कारण खरीफ की फसलें बुरी तरह से प्रभावित होंगी। मक्का व धान को छोड़ दें तो शेष खरीफ की फसलें सोयाबीन, मूंगफली, उड़द, मूंग, अरहर आदि की पैदावार आधी से भी कम होने की उम्मीद है। देरी से जिन फसलों की बोवनी होगी, उनकी पैदावार उतनी अच्छी नही होगी। जिले के बदरवास व कोलारस में अधिकांश किसानों नेमका की की बोवनी की है, उनको इस बारिश से कोई ज्यादा नुकसान नहीं है।
धान की पौध किसानों ने तैयार करके रख ली है दो या तीन दिन में यह पौध रोपने का काम किया जाएगा। इसलिए धान के लिए भी यह बारिश अच्छी है। लेकिन खरीफ की शेष फसलें बारिश के कारण बुरी तरह से प्रभावित होती नजर आ रही हैं। क्योंकि अगर गुरुवार से बारिश थम जाती है तो इसके बाद भी 6 से 10 दिन खेतों में भरे पानी को सूखने में लगेगा। ऐसे में इन फसलों की बोवनी काफी लेट हो जाएगी। जिन खेतों में पानी भरा है, उनका सर्वे करने के लिए कृषि विभाग की टीमें भी काम में जुट गई हैं।
अब तक हो चुकी 65 फीसदी बारिश
एक जून से लेकर 9 जुलाई तक महज एक माह में ही जिले की औसत बारिश की 65 फीसदी बारिश हो चुकी है। जिले की औसत बारिश का आंकड़ा 461.64 मिमी से अधिक हो गया है। इस बारिश में बुधवार दोपहर में हुई तेज बारिश शामिल नहीं है। अभी तक बैराड़ में 376.00 मिमी, पोहरी में 456.०० मिमी, शिवपुरी में 390.30 मिमी, नरवर में 653.०० मिमी, करैरा में 558.०० मिमी, पिछोर में 385.०० मिमी, कोलारस में 413.50 मिमी, बदरवास में 456.०० मिमी व खनियाधाना में 465.०० मिमी बारिश दर्ज हो चुकी है। जिले की औसत बारिश 816.3 मिमी है।
अब तक जिले की किस तहसील में कितनी हो चुकी बोवनी
अभी तक जिले में खरीफ फसलों की जो बोवनी हुई है, उनमें शिवपुरी में 51 हजार हेक्टेयर का लक्ष्य था, लेकिन अभी तक 16230 हेक्टेयर भूमि में ही बोवनी हुई है। इसी तरह से पोहरी में 65 हजार हेक्टेयर लक्ष्य के बदले 18 हजार हेक्टेयर, नरवर में 41 हजार हेक्टेयर लक्ष्य के बदले 12 हजार हेक्टेयर में, कोलारस 48 हजार हेक्टेयर के बदले 32 हजार हेक्टेयर में, बदरवास 64 हजार हेक्टेयर के बदले 43 हजार हेक्टेयर में, करैरा 54 हजार हेक्टेयर में से 20 हजार हेक्टेयर, पिछोर में 55 हजार हेक्टेयर में से 3 हजार हेक्टेयर व खनियाधाना में 58 हजार हेक्टेयर में से 34। हेक्टेयर भूमि में बोवनी हुई है। इनमें से बदरवास व कोलारस में सबसे अच्छी बोवनी है, चूंकि यहां पर 80 फीसदी किसानों ने मक्का की बोवनी की है। जबकि करैरा, खनियाधाना, शिवपुरी, पिछोर व नरवर से लेकर अन्य स्थानों पर सोयाबीन व अन्य दलहनी फसलों की बोवनी सबसे अधिक होती है। यहां पर किसान बारिश रुकने का इंतजार कर रहे है।