शिवपुरी। शिवपुरी जिले के दिनारा के कस्तूरबा गांधी बालिका स्कूल दिनारा में कक्षा 6 से कक्षा 8 तक की छात्राओं के छात्रावास की अधीक्षिका (बार्डन) शकुंतला यादव को वित्तीय अनिमितताओ के चलते आज 27 जून को कलेक्टर शिवपुरी ने सस्पेंड कर दिया है। छात्रावास की अधीक्षिका शकुंतला यादव के इस एक करोड के घोटाले की खबर का प्रकाशन शिवपुरी समाचार ने कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास की अधीक्षिका का एक करोड़ का भ्रष्टाचार उजागर, प्रमाणित शिकायत शीर्षक से प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इस मामले मे एक शिकायत कलेक्टर की जनसुनवाई में भी की गई थी।
पहले पढ़िए सस्पेंड का सरकारी आदेश
कस्तुरबा गांधी बालिका छात्रावास दिनारा की शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसकी जांच डिप्टी कलेक्टर, जिला शिवपुरी एवं तहसीलदार, तहसील कौरा से कराई गई। उनके द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन अनुसार कस्तुरबा गांधी बालिका छात्रावास करैरा में छात्रावास अधीक्षिका एवं लेखापाल द्वारा म.प्र.भण्डार क्रय नियम 8 तथा सेवा उपार्जन नियम 2015 का उल्लंघन करते हुए आयकर नियमों का भी पालन न करते हुए शासन को क्षति पहुँचाई है।
जांच प्रतिवेदन अनुसार कस्तुरबा गांधी बालिका छात्रावास की अधीक्षिका श्रीमती शकुंतला यादव (प्राथमिक शिक्षक) शासकीय माध्यमिक विद्यालय थनरा का उक्त कृत्य भण्डार क्रय नियमों का उल्लंघन किया जाकर कार्य के प्रति लापरवाही एवं अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है।
अतः म.प्र.सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के उपनियम 9 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए श्रीमती शकुंतला यादव (प्राथमिक शिक्षक) शासकीय माध्यमिक विद्यालय थनरा, अधीक्षिका, कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास दिनारा को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। निलंबन अवधि में श्रीमती यादव का मुख्यालय कार्यालय, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला शिवपुरी रहेगा, तथा इन्हे नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता रहेगी।
यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा।
यह थी शिकायत
करैरा विधानसभा के दिनारा कस्बे में नवीन थाने के पास निवास करने वाले बृजपाल सिंह पुत्र लखन सिंह यादव ने एक शिकायती आवेदन दिया है। इस शिकायती आवेदन के अनुसार कस्तूरबा गांधी बालिका स्कूल दिनारा में कक्षा 6 से कक्षा 8 तक की छात्राओं के छात्रावास की अधीक्षिका (बार्डन) शकुंतला यादव द्वारा फर्जी एवं कूटरचित बिल वाउचर व दस्तावेज तैयार कर शासन द्वारा बालिकाओ के उपयोग हेतु दी गई राशि को भारी भ्रष्टाचार किया है।
शिकायतकर्ता का कहना है छात्रावास की अधीक्षिका के द्वारा फैक फर्मो से छात्रावास की बालिकाओं की सामग्री खरीदी की है जो फर्मे दिनारा में अस्तित्व में नही है। इन फर्जी फर्मो से पिछले 3 साल में करोड़ों रुपए की खरीदी की गई है,और इन फर्मो के बिल लगाए और उनके बैंक अकाउंट में पैसा ट्रांसफर किया गया है।
यह है दिनारा की फर्जी फर्मे
खाती बाबा मिष्ठान भंडार दिनारा
प्रोपराइटर का बृजभान पाल के बैंक खाता क्रमांक 63037640430 में करीब 10,000,00 दस लाख रू० की शासन मद से राशि ट्रांसफर की गई जबकि ग्राम दिनारा में इस नाम की कोई दुकान नहीं है। बृजभान पाल अधीक्षिका के शकुंतला के यहां मजदूरी का कार्य करता है।
फर्म का नाम सिद्ध गुरु एंड कंपनी दिनारा
प्रोपराइटर मनोज पाल पुत्र बृजपाल सिंह इस फर्म से बार्डन शकुंतला यादव ने दस लाख रूपए की सब्जी छात्रावास के बच्चों के लिए खरीदी है और इस फर्म में दस लाख का भुगतान किया है। मनोज पाल शकुंतला यादव के नौकर बृजभान पाल का पुत्र है और बीपीएल राशन कार्ड धारी है।
फर्म संस्कार किराना स्टोर
प्रोपराईटर राजेन्द्र नामदेव
इस दुकान से एक साल में 9 लाख रुपए सालाना की खाद्य वस्तु खरीदी है। राजेन्द्र नामदेव कस्बे में टेलर की दुकान संचालित करता है और इसके नाम से फैक फर्म बनाकर शकुंतला यादव ने यह बिल पास किए है।
आनंद ट्रेडर्स दिनारा
आनंद ईंधन विक्रेता दिनारा
शिव शंकर किराना स्टोर दिनारा
इन तीनो फर्मो के प्रोपराइटर आनंद नामदेव है यह फर्म केवल कस्तुरबा गांधी बालिका छात्रावास के लिए ही माल बेचते है। यह फर्म दिनारा मे कही दिखाई नही देती है। आनंद नामदेव वार्डन के मकान में किराए से मोबाइल की दुकान संचालित करता है।
छात्रावास अधीक्षिका शकुंतला यादव द्वारा टूर पर घुमाए जाने हेतु श्री कृष्णा टूरिस्ट बस सर्विस जिसका संचालक शैलेन्द्र यादव को फर्जी बताकर उसके खाते में 47,000/- रू0 की राशि ट्रांसफर की गई। बस का नंबर UP93AT4756 लेख किया गया है उक्त नंबर किसी बस का न होकर पिकअप वाहन का है जिसकी सवारी क्षमता मात्र दो है इस तरह फर्जी रूप से शैलेंद्र यादव के नाम से भुगतान किया है।
शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में पिछले 3 साल के लाखो रूपए के भुगतान के प्रमाणित बिल वाउचर,अकाउंट नंबर तक अपनी शिकायत में दर्ज कराए थे। शिकायतकर्ता का कहना था कि यह सभी फर्मे फर्जी हैं इनके प्रोपराइटर इनके ही व्यक्ति है। अगर फर्मो के बैंक अकाउंट की डिटेल चेक की जाए तो यह भुगतान वापस शकुंतला खटीक के पति,भाई और अन्य रिश्तेदारों के अकाउंट में किया गया है।