शिवपुरी। सालों से दुर्दशा का शिकार लुधावली गोशाला में अब गोवंश को चारा, भूसा के साथ बेहतर इलाज भी मिल रहा है। बीमार गायों को अलग कर पहले मेडिकल स्टोर खोलकर इलाज शुरू किया। अब गंभीर गायों के ऑपरेशन के लिए पहली ओटी (ऑपरेशन थिएटर) भी बनने जा रही है। तीन से चार दिन में ओटी बनकर तैयार हो जाएगा। गायों के ऑपरेशन भी हो सकेंगे।
जानकारी के मुताबिक अपना घर आश्रम समिति ने 22 अप्रैल 2025 को लुधावली गौशाला को हैंडओवर लिया है। पहले दिन ही भरपूर भूसा खरीद लिया। बीमार गायों की छंटनी शुरू कर इलाज शुरू कराया। अलमारी खरीदकर पूरा मेडिकल स्टोर बना लिया है। बीमार गायों के लिए तीन तरह के बाड़े रखे हैं। पहले बाड़ा में सभी स्वास्थ्य गोवंश को रखा है। कमजोर व बीमार गायों के लिए दूसरा बाड़ा बनाया है।
जबकि गंभीर गायों के लिए तीसरा बाड़ा रखकर इलाज किया जा रहा है। गोवंश को अब पहले से बेहतर इलाज मिल रहा है। अब ओटी भी तीन से चार दिन में बनकर तैयार हो रहा है। पशु चिकित्सक गंभीर गायों का ऑपरेशन भी कर सकेंगे। पशुपालन विभाग के पास अपना खुद का ओटी नहीं है। लुधावली गौशाला में बाहर के गंभीर बीमार गोवंश का भी ऑपरेशन किया जा सकेगा।
ओटी के लिए सभी तरह के उपकरण खरीदे गए
ओटी के लिए सभी तरह के उपकरण खरीदे लुधावली गौशाला में बंद गोवंश पॉलीथिन की वजह से गंभीर बीमार हो रहा है। एक गाय के पेट से करीब 60 किग्रा पॉलीथिन निकाली थी।
गायों के ऑपरेशन के लिए अलग से ओटी तैयार कराई है। पशुपालन विभाग के डॉ एमके गुप्ता के विशेष सहयोग से समिति ने ओटी से संबंधित उपकरण खरीद लिए हैं। समिति के राजू सिंघल निर्माण के साथ ओटी चालू कराने के लिए जुटे हैं।
गोशाला में 25 से 30 कमजोर और 2 गंभीर गाय
गौशाला में 25 से 30 कमजोर गोवंश को अलग रखकर विशेष आहार में मिनरल्स के तौर पर सुदाना, कैल्शियम खरीदकर खिलाया जा रहा है। जरूरी दवाएं भी दी जा रहीं हैं। पशुओं का इलाज कर रहे उदय राजपूत, रोहन दीक्षित सहित 3-4 अन्य युवा भी गौशाला में आकर बीमार गायों का इलाज कर रहे हैं। पशुपालन विभाग की तरफ से दो-दो दिन के अंतराल से एक-एक पशु चिकित्सक ड्यूटी लगाई है।
बरसात में घायल व बीमार गायों का भी रेस्क्यू करेंगे
हमारी ओटी 3 से 4 दिन में तैयार हो जाएगी। कैंची सहित अन्य सभी उपकरण भी खरीद लिए हैं। गायों के इलाज के लिए सारी दवाएं भी उपलब्ध हैं। बरसात में घायल गौवंश का भी रेस्क्यू शुरू करेंगे। गायों के पेट में भारी मात्रा में पॉलीथिन निकल रही है। पशुओं का जीवन बचाने के लिए लोगों से आग्रह कर रहे हैं कि पॉलीथिन का इस्तेमाल बंद करें। नहीं कर सकते तो खुले में न फेंकें। इससे काफी सहायता मिलेगी।
धर्मेंद्र अग्रवाल, प्रभारी, अपना घर गौशाला लुधावली