शिवपुरी। विवादों के नाम से पहचाना जाने वाले शिवपुरी का पोषण आहार संयंत्र टीएचआर प्लॉट में पदस्थ लैब असिस्टेंट फर्जी कागजातो के आधार पर नौकरी कर रही है। इस मामले की शिकायत के बाद लैब असिस्टेंट की जांच और नौकरी में प्रयुक्त दास्तोवेजो की जांच के लिए कंपनी ने टीएचआर प्लांट की CEO युक्ति शर्मा के लिए पत्र लिखा है लेकिन सीईओ मेडम इस मामले को दबाए बैठी है।
जानकारी के अनुसार शिवपुरी के पोषण आहार संयंत्र में कुपोषित बच्चों और गर्भवती प्रसूताओं के लिए पोषण आहार का निर्माण होता है। इस पोषण आहार में पोषक तत्व उपस्थित हो इसकी ड्यूटी के लिए प्लांट में लैब असिस्टेंट के रूप में सपना चौरसिया पदस्थ है।
लैब असिस्टेंट का एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट नकली
टीएचआर प्लांट में आउटसोर्सिंग कर्मचारी सपना चौरसिया प्लांट की लैब इंजार्च है। प्लांट मे आने वाले सभी प्रकार की कच्ची सामग्री की की जांच करना इनका पहला काम है। जब मटेरियल पूर्ण रूप से शुद्ध और मानकों पर खरा होगा,उसके बाद इस मटेरियल से बनाए हुए पोषण आहार से ही मध्य प्रदेश में फैले कुपोषण को कम किया जा सकता है
लैब असिस्टेंट सपना चौरसिया की भोपाल मध्य प्रदेश राज्य सहकारी सूचना एवं उन्नत प्रौद्योगिकी संघ मर्यादित MP IT federation मैं शिकायत की गई है कि मेडम ने अपनी नियुक्ति में प्रयुक्त 2 साल का एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट अपने हाथ से ही बना लिया और प्लांट में नौकरी पक्की कर ली। इस मामले की जांच के लिए भोपाल से प्लांट की सीईओ युक्ति शर्मा को लिखा गया है कि सपना चौरसिया के समस्त दस्तावेज को जांच कराई जाए।
लेकिन भ्रष्टाचार की ब्रांड सीईओ युक्ति शर्मा ने सपना चौरसिया के दस्तावेजों को अभी तक प्रमाणित नहीं कराया है। अब सवाल यह उठता है कि जब बिना एक्सपीरियंस वाला व्यक्ति कैसे इस प्लांट मे आने वाले रॉ मटेरियल की जांच कर सकता है। इस प्रकार से प्लॉट में बनने वाला पोषण आहार में कितना दम है वह कैसे कुपोषण से लड़ सकता है। अब पोषण आहार की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे है। साथ ही फर्जी डॉक्यूमेंट की जांच में कंपनी के द्वारा जो लापरवाही दिखाई गई है वह भी एक सवाल खड़ा करती