SHIVPURI NEWS - अस्पताल में नियमित रेडियोलॉजिस्ट नही होने से मरीज परेशान

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शिवपुरी जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं से लगातार जूझ रहा है। मप्र की सरकार शिवपुरी को एक नियमित  रेडियोलॉजिस्ट नहीं दे सकी है इस कारण शिवपुरी के निवासियों को परेशानी का सामना करना पडता है। इस स्थिति में मरीजो की जेब कट रही है और प्राइवेट जांच सेटंरो की जेब भर रही है,विकल्प के तौर पर अस्पताल प्रबंधन एवं प्रशासन द्वारा निजी सोनोग्राफी सेंटर से कोऑर्डिनेट करके वहां से एक कर्मचारी रखा है लेकिन मरीजों की संख्या अधिक होने से सभी मरीजों की सोनोग्राफी और अल्ट्रासाउंड नहीं हो पाता है।

गौरतलब है कि जिला अस्पताल में 4 साल पहले एक रेडियोलॉजिस्ट रिटायर हो गए थे, इसके बाद से यह पद खाली पड़ा है।अस्पताल प्रबंधन एवं प्रशासन द्वारा निजी सोनोग्राफी सेंटर से कोऑर्डिनेट करके वहां से एक कर्मचारी को जिला अस्पताल में सुबह 9रू30 से 11 बजे तक सोनोग्राफी करने के लिए बुलाया जा रहा है। अस्पताल में मरीजों की संख्या अधिक होने की वजह से डेढ़ से दो घंटे में 15 से 20 मरीजों की ही सोनोग्राफी हो पा रही हैए जबकि यहां नियमित रूप से 30 से 40 मरीज सोनोग्राफी कराने आ रहे हैं। बुधवार को जिला अस्पताल में सोनोग्राफी के लिए पहुंचे 30 मरीजों में से 15 मरीजों की ही सोनोग्राफी हो सकीए शेष अन्य 15 मरीजों को बिना सोनोग्राफी कराए वापस लौटना पड़ा, इसमें कई महिलाएं एवं कई वृद्ध शामिल हैं।

ट्रेनिंग लेकर आई डॉक्टर अब नहीं दे रही सेवा
जिला अस्पताल प्रबंधन ने एक साल पहले एक महिला डॉक्टर को सोनोग्राफी एवं एक्सरे की ट्रेनिंग के लिए भोपाल भेजा था। तब ऐसा लगा था कि अब मरीजों को जिला अस्पताल में सोनोग्राफी के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा, लेकिन महिला डॉक्टर ट्रेनिंग करके वापस शिवपुरी तो आईं, उन्होंने कुछ समय जिला अस्पताल में कार्य भी किया, फिर बाद में उन्होंने यहां सेवाएं देना बंद कर दीं। बताया जा रहा है कि भोपाल से ट्रेनिंग लेकर आईं महिला डॉक्टर की नियुक्ति दूसरे अस्पताल में कर दी गई है। इस वजह से हालात फिर से जस के तस हो गए।

कल्याणी धर्मशाला में रेडक्रॉस की मदद बंद
गौरतलब है कि शहर की कल्याणी धर्मशाला में भी रेडक्रॉस की मदद से एक सोनोग्राफी सेंटर शुरू कराया गया था। जहां मरीजों की आधे रुपयों में सोनोग्राफी कराई जाती थी, लेकिन यह सेंटर भी महज एक साल ही चल सका। एक साल बाद सेंटर को बंद कर दिया गया। जिस वजह से हालात फिर से पहले जैसे हो गए।

जानकारी के अनुसार बता दें कि शहर में 10 से 12 निजी सोनोग्राफी सेंटर संचालित किए जा रहे हैं। जहां सोनोग्राफी कराने आए मरीजों से 1 हजार रुपए से 1200 रुपए तक लिए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि कल्याणी धर्मशाला में बंद हुए सोनोग्राफी सेंटर का लाभ निजी सेंटरों के संचालकों को मिलने लगा।

नहीं हो पाई सोनोग्राफी
बच्चे का नवोदय स्कूल में प्रवेश कराना है, इसके लिए स्कूल के शिक्षकों ने बच्चे का मेडिकल परीक्षण सर्टिफिकेट मांगा है। सभी टेस्ट हो गए बस सोनोग्राफी रह गई। जिसे कराने के लिए हम जिला अस्पताल में सुबह 9रू30 बजे पहुंचे, लेकिन यहां मरीजों की भीड़ के चलते हमारे बच्चे की सोनोग्राफी नहीं हो सकी।
दिशा शर्मा, पीड़ित

सुबह 8 बजे से लाइन में लग रहे मरीज
जिला अस्पताल के सोनोग्राफी कक्ष के बाहर सुबह 8 बजे से मरीज सोनोग्राफी का नंबर लगाने के लिए बैठे दिख जाते हैं। क्योंकि यहां सोनोग्राफी के लिए आने वाले मरीजों की संख्या देखते ही देखते सुबह 9 बजे तक बढ़ जाती है। निजी सेंटर से आने वाला स्टाफ भी महज दो घंटे ही दे पा रहा हैए एक मरीज की सही सोनोग्राफी करने में लगभग 30 मिनट का समय लगता है। मरीजों की संख्या अधिक होने की वजह से निजी सेंटर से आया स्टाफ अस्पताल में एक मरीज की सही तरीके से सोनोग्राफी करने में 15 से 20 मिनट समय ले रहा है। 2 घंटे तक ही सोनोग्राफी होने की वजह से कई मरीजों को वापस घर लौटना पड़ता है, इस वजह से मरीज सुबह 8 बजे ही सोनोग्राफी के लिए लाइन में लग जाते हैं।

रेडियोलॉजिस्ट की नियुक्ति के लिए हमने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ.साथ स्वास्थ्य विभाग भोपाल को भी पत्रा-चार किया है। जिला अस्पताल में 4 साल से रेडियोलॉजिस्ट की कमी है। एक महिला डॉक्टर को ट्रेनिंग के लिए भोपाल भी भेजा, लेकिन अब वे जिला अस्पताल में सेवाएं नहीं दे रहीं हैं। मरीजों को अधिक समस्या न हो इसलिए निजी सेंटरों से अनुबंध के आधार पर सोनोग्राफी करा रहे हैं, ताकि कुछ तो मरीजों की यहां निशुल्क सोनोग्राफी हो सके।
डॉ बी एल यादव, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल, शिवपुरी