शिवपुरी। शिवपुरी सिटी कोतवाली में स्थित महल कॉलोनी में लाइब्रेरी में पढ़ने जाने वाली एक 21 वर्षीय स्टूडेंट लाइब्रेरी पर काम करने वाले युवक के साथ भाग गई थी। सिटी कोतवाली पुलिस में स्टूडेंट की गुमशुदगी दर्ज होने के बाद सिटी कोतवाली पुलिस ने स्टूडेंट और युवक को तलाश कर वापस लेकर आई तो स्टूडेंट ने अपने परिजनों को नहीं बल्कि अपने प्रेमी का चुना,लाइब्रेरी की बुक से अधिक उसके दिल और दिमाग से जगह ढाई अक्षर प्यार के निकल रहे थे। माता पिता के 21 साल के प्यार दुलार पालन पोषण को छोड उसने कुछ माह के प्यार के पास जाना उचित समझा और वह अपने प्रेमी के साथ ही चली गई। माता पिता उसे रोते हुए देखते रहे। युवती का कहना था कि अब वह सिर्फ अपने प्रेमी के साथ ही जीवन यापन करेगी।
जानकारी के अनुसार न्यू दर्पण कालोनी में निवासरत एक 22 वर्षीय युवती सारिका रजक अपने माता-पिता को घर में कम जगह होने और पढ़ाई का माहौल निर्मित न हो पाने का हवाला देते हुए महल कालोनी में स्थित एक लाइब्रेरी पर पढ़ने जाती थी। इसी क्रम में वह 21 जून को भी सुबह 9 बजे अपनी मां के साथ लाइब्रेरी पढ़ने के लिए गई,लेकिन वह देर शाम तक घर वापस नहीं पहुंची तो शाम पांच बजे सारिका के परिजन उसे तलाशने के लिए पहुंचे तो वह लाइब्रेरी पर नहीं मिली।
इसके बाद उन्होंने सारिका के मोबाइल पर फोन लगाया लेकिन उसका मोबाइल बंद था। स्वजनों ने घर जाकर बेटी को तलाशा तो पता चला कि वह घर भी नहीं पहुंची। इसके बाद हर संभव स्थान पर उसकी तलाश की गई, लेकिन कोई सुराग नहीं लगा। मामले की शिकायत पुलिस को दर्ज कराई गई। सारिका के स्वजनों ने संदेह जताया कि उन्हें संदेह है कि सारिका को रोहित वाल्मीकि अपने साथ ले गया होगा, वह भी लाइब्रेरी पर नौकरी करता है।
वह भी अपने घर और लाइब्रेरी से गायब है। सोमवार को पुलिस सारिका और रोहित को तलाश कर शिवपुरी ले आई। सारिका का जब अपने माता-पिता से सामना हुआ तो उसने उनके साथ जाने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि अब रोहित ही उसकी जिंदगी है, उसने रोहित से शादी कर ली है।
अब वह उसके साथ ही अपना जीवन यापन करेगी। सारिका के माता-पिता कोतवाली में रोते-बिलखते हुए बेटी को समझाते रहे, उन्होंने सारिका द्वारा उठाए गए कदम को गलत बताने का प्रयास किया। सूत्र बताते हैं कि इस पर सारिका ने यहां तक कह दिया कि अब आप मेरे लिए मर चुके हो, इस पर माता-पिता के पैरों तले जमीन खिसक गई और वह सिर्फ यही कहते रह गए कि न तुझे लाइब्रेरी भेजते और न हमें यह दिन देखना पड़ता।