अनिल कुशवाह शिवपुरी। शिवपुरी जिले के सतनवाडा रेंज में श्योपुर के तस्करों ने खैर का जंगल काट दिया और हजारो हरे भरे पेड़ों की हत्या कर दी। फॉरेस्ट डिपार्टमेंट को जब इस मामले की जानकारी मिली तो कुछ पेड़ों की कटी हुई लकड़ी को जब्त किया लेकिन तस्करों को वन विभाग पकड़ नहीं सका है। बताया जा रहा है कि पिछले कई वर्षो से इस खैर के जंगलों की कटाई जारी है।
जानकारी के अनुसार जिले के गोवर्धन थाना सीमा में आने वाले बूडदा गांव के समीप श्योपुर विजयपुर रोड पर स्थित आम वाली चौकी के पास बसई गांव है। यह गांव सतनवाडा रेंज की सीमा मे आता है और बूडदा गांव वीट इस गांव में लगती है। बसई गांव जंगल मे है और इस गांव के आसपास बडी तदाद मे खैर का जंगल है।
जानकारी मिल रह है कि लगातार बसई के आसपास लगे जंगल की कटाई जारी है। सैकड़ों बीघा वन भूमि पर जिंदा खडे खैर के पेडो की हत्या कर दी गई है। तस्कर इतने बेखौफ है कि दिन दहाडे यहां पेड़ों की कटाई जारी है और कटी हुई लकड़ी को जंगल से लाकर एकत्रित किया जाता है और बडे 14 टायर वाले ट्रक में अनलोड कर इसकी तस्करी की जा रही है।
श्योपुर के साथ खादी गांव के तस्कर
जानकारी मिल रह है कि मोहना-श्योपुर रोड पर स्थित खांदी गांव में निवास कर रहे कुछ लोग श्योपुर के तस्करों से मिले हुए है। खांदी गांव के प्रभावशाली यह तस्कर इस पूरे नेटवर्क का संचालन कर रहे है। पेड़ों की कटाई और एक जगह एकत्रित कराने का काम खादी गांव के तस्करों का है वही श्योपुर के तस्कर इस माल को जंगल से ट्रको मे लोड कराकर दूसरे राज्यों में भेजने का काम कर रहे है। इन तस्करों ने सैकड़ों बीघा जंगल साफ कर दिया है।
चंदन से कम नहीं है खैर की लकडी
खैर की लकड़ी मुख्य रूप से कत्था बनाने के काम में आती है वही धार्मिक अनुष्ठान में भी यह लगडी काम करती है। शिवपुरी में खैर की लकड़ी को लाल चंदन बोला जाता है। खैर की लकड़ी मजबूत होती है इसका लाल कलर होने के कारण इसकी फर्नीचर मे बडी डिमांड होती है।
इनका कहना हैं
इस संबंध में बात की गई तो उन्होने बताया कि काटी हुई कुछ लकड़ियां जब्त कर ली गई हैं,और ग्रामीणों के द्वारा बताए अनुसार कुछ नाम सामने भी आये हैं,लेकिन अभी जांच चल रही हैं नामों की पुष्टि नहीं हो पाई हैं। इसके साथ ही इसमें कुछ श्योपुर के तस्कर भी मौजूद हैं।
माधव सिंह सिकरवार सतनवाड़ा वीट रेंजर