पोहरी। पोहरी एसडीएम मोतीलाल अहिरवार ने कलेक्टर के निर्देश पर विवादित शिक्षक बलवीर सिंह तोमर द्वारा तथ्यों को छिपाकर नौकरी हासिल करने की शिकायत की जांच की। जांच में उन्होंने शिकायत को अक्षरशः सही पाया। एसडीएम ने बलवीर सिंह तोमर को नौकरी से बर्खास्त करने सहित उस पर दंडात्मक कार्रवाई किए जाने की अनुशंसा करते हुए जांच प्रतिवेदन कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी को भेज दिया है।
बताया जा रहा है कि शिक्षक बलवीर सिंह तोमर ने वर्ष 2009 में श्योपुर जिले संविदा शाला शिक्षक वर्ग-2 पर नौकरी हासिल की थी। उन्हें 13 अगस्त 2009 को शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ठर्रा कलां में पदस्थापना प्रदान की गई। बलवीर सिंह तोमर पर शिक्षक के रूप में अवैध वसूली करने के आरोप सिद्ध पाए गए, जिसके चलते बलवीर सिंह तोमर की सेवाएं 27 दिसम्बर 2010 को समाप्त कर दी गईं।
इसके बाद बलवीर सिंह तोमर ने बिना समय गवाए महज 21 दिन के भीतर 18 जनवरी 2011 को शिवपुरी जिले के पोहरी विकासखंड में संविदा शिक्षक वर्ग-2 के रूप में पदस्थापना प्राप्त कर ली। शिवपुरी में नौकरी हासिल करते समय शिक्षक बलवीर सिंह तोमर ने इस तथ्य को छिपाया कि अवैध वसूली का दोषी पाए जाने पर श्योपुर जिले से उसकी सेवाएं समाप्त की गई हैं। इसी तथ्य के आधार पर शिवपुरी में हुई शिकायत के मामले में उन्हें दोषी पाया गया है।
जनसेवक का प्रभार देना नहीं उपर्युक्त
एसडीएम ने अपने प्रतिवेदन में उल्लेख किया है कि अवैध वसूली के आरोप में जिला श्योपुर से सेवा समाप्ति के दण्ड से दण्डित बलवीर सिंह तोमर को जन शिक्षक का प्रभार देना उपयुक्त नहीं है। उन्होंने बलवीर से सीएसी का प्रभार छीनने का का प्रस्ताव भी रखा है।