शिवपुरी। शहर में सिद्धेश्वर मंदिर के ग्राउंड पर संचालित सिद्धेश्वर बाणगंगा मेला अब विवादों से घिरता नजर आ रहा है। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि मेले को लगाने की समय सीमा आज समाप्त हो रही है, मेला ठेकेदार यदि मेले को आगे संचालित करना चाहते हैं तो उन्हें नगरपालिका एवं एसडीएम कार्यालय से अनुमति लेना होगी। समय सीमा बढ़ाने के एवज में ठेकेदार को मंदिर ट्रस्ट के खाते में 12 लाख रुपए जमा कराने होंगे, इसके बाद ही मेले को 10 दिन और संचालित करने की अनुमति दी जाएगी।
उधर ठेकेदार का कहना है कि मेले का वर्क आर्डर देरी से जारी हुआ था और उसने इसकी शिकायत कलेक्टर से भी की है। गौरतलब है कि सिद्धेश्वर मंदिर की भूमि पर लगाए जा रहे सिद्धेश्वर बाणगंगा मेले को लेकर नगर पालिका ने निविदा आमंत्रित की। जिसके पालन में मेले का ठेका 61.11.108 रुपए में ठेकेदार योगेश शर्मा को मिला। मेले की समय अवधि 26 अप्रैल 2025 से 10 जून 2025 तय की गई।
इस हिसाब से मंगलवार को मेले का आखिरी दिन है, जिसे लेकर नगरपालिका ने मेला ठेकेदार को समय सीमा खत्म होने की चेतावनी दी है और समय रहते मेला हटाने के निर्देश भी दिए गए हैं। वहीं इस मामले में मेला ठेकेदार शमा कहना है कि मेले की समयावधि जरूर 26 अप्रैल से 10 जून तय की गई है. लेकिन नगर पालिका सीएमओ इशांक धाकड़ ने मेला लगाने का वर्क ऑर्डर 11 दिन देरी से 7 मई को जारी किया। इस कारण उन्हें मेले में फायदे की जगह घाटा हुआ है। अब समय अवधि खत्म होने का हवाला देकर नगरपालिका मेला हटाने की चेतावनी दे रही है। ठेकेदार ने इस मामले की शिकायत कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी से करते हुए घाटे की भरपाई करने की गुहार लगाई है।
ठेका लेकर फंस गया
नगर पालिका ने 11 दिन देरी से वर्क ऑर्डर जारी किया है. अब सीएमओ साहब हमें मेला हटाने की चेतावनी दी है। देरी से वर्क ऑर्डर जारी होने से हमें पहले ही घाटे का सामना करना पड़ रहा है, ऊपर से प्रशासनिक अधिकारी समय सीमा बढ़ाने के एवज में 12 लाख रुपए और जमा करने की बोल रहे हैं। हमें घाटे से उने में अन्य कोई विकल्प दिखाई नहीं दे रहा है। हमें फंसा लिया ना है।
योगेश शर्मा, ठेकेदार सिद्धेश्वर मेला
मेरे पास भी मेला ठेकेदार आया था
उसने बताया कि वर्क ऑर्डर के हिसाब से अभी १२ दिन और हैं। हम लाइट कनेक्शन से लेकर अन्य दस्तावेज दिखवा लेते हैं. अगर वह सही होगा तो कुछ दिन की अनुमति और दे देंगे। वैसे भी हम यह अनुमति नगर पालिका को देते हैं। ठेकेदार से सीधा हमको कोई लेना देना नहीं है।
अनुपम शर्मा, एसडीएम, शिवपुरी।