SHIVPURI NEWS - गुरु का तारा हुआ अस्त,अब 5 माह तक नहीं होंगी शादियां

Bhopal Samachar

शिवपुरी। आमतौर पर देवशयनी एकादशी से देव उठनी एकादशी तक करीब चार माह मांगलिक आयोजन वर्जित रहते हैं, लेकिन इस वर्ष पांच माह तक शादी-ब्याह नहीं होंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि देव शयनी एकादशी से पहले विवाह के प्रमुख कारक गुरु के अस्त होने के कारण मांगलिक आयोजन प्रभावित होंगे।

ज्योतिषियों के अनुसार बुधवार 11 जून को गुरु तारा अस्त हो गया, लिहाजा एक माह मांगलिक कार्य नहीं होंगे और फिर 6 जुलाई को देवशयनी एकादशी से 4 माह मांगलिक कार्य प्रतिबंधित रहेंगे। यही वजह है कि अब पूरे 5 माह मांगलिक कार्य नहीं होंगे और 2 नवंबर को देवउठनी एकादशी के साथ नए सीजन में मांगलिक कार्य प्रारंभ होंगे।

फिर शुक्र अस्त
9 दिसंबर को विवाह का प्रमुख तारा शुक्र अस्त हो जाएगा। शुक्र को भी विवाह का प्रमुख कारक व भौतिक सुख-साधन देने वाला माना जाता है। यह तारा अगले वर्ष 4 फरवरी 2026 तक अस्त रहेगा। इस दौरान दिसंबर के मध्य माह में सूर्य, धनु राशि में करेंगे और खरमास शुरू होगा।


2 नवंबर से फिर गूंजेगी शहनाई
इस बार 11 जून से 7 जुलाई तक गुरु अस्त रहेंगे। 6 जुलाई को देवशयनी एकादशी रहेगी। 2 नवंबर को देव प्रबोधिनी एकादशी तक लगभग 5 महीने तक मांगलिक कार्य बंद रहेंगे। देवउठनी एकादशी से करीब एक माह मांगलिक आयोजनों की धूम रहेगी। नवंबर में 22, 23, 25, 29, 30 व 5 दिसंबर को ही शहनाई गूंजेगी।

ज्योतिषाचार्य पं. प्रमोद शर्मा ने बताया कि 
सनातन धर्म मेंमांगलिक कार्यों के लिए गुरु और शुक्र ग्रह की स्थिति प्रमुख तौर पर देखी जाती है। यदि ये दोनों ग्रह या इनमें से एक भी ग्रह अस्त हो तो वधु प्रवेश, सगाई, मुंडन, गृह प्रवेश, प्राण प्रतिष्ठा, यज्ञोपवीत, शादी विवाह आदि मांगलिक कार्य वर्जित रहते हैं। जिन लोगों के घर का निर्माण कार्य पूर्व में शुरू हो चुका है, वे इसे चातुर्मास में जारी रख सकते हैं। नए गहने, गाड़ी, घर का रिनोवेशन जैसे कार्य हो सकेंगे। धर्म ध्यान व पूजा पाठ की दृष्टि से समय उपयुक्त माना गया है।