शिवपुरी। पिछोर अनुविभाग के ग्राम लोहरछा में शासकीय भूमि के राजस्व रिकॉर्ड में भारी हेराफेरी और फर्जीवाड़े का सनसनीखेज मामला उजागर हुआ है। तहसीलदार खनियाधाना की रिपोर्ट और एसडीएम पिछोर के आदेश के बाद इस मामले में दो तत्कालीन पटवारियों समेत पांच लोगों के खिलाफ संबंधित धाराओं में आपराधिक प्रकरण दर्ज कर लिया गया है।
मामला ग्राम लोहरछा के सर्वे नंबर 301, 302 और 303 कुल 11.68 हेक्टेयर शासकीय भूमि से जुड़ा है। प्रारंभिक रिकॉर्ड में उक्त भूमि शासन के नाम दर्ज थी, लेकिन वर्ष 2025-26 के खसरा अभिलेख में फर्जी आदेशों और अवैध संशोधन के जरिए पहले गिर्राज गुर्जर, फिर अवधेश लोधी के नाम स्वामित्व दर्ज कर दिया गया।
तहकीकात में सामने आया कि यह प्रविष्टि बिना सक्षम अधिकारी के आदेश के, कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर की गई। दोनों पटवारी प्रभुदयाल सोहरे (वर्तमान में निलंबित) और नाथूराम आदिवासी पर आरोप है कि उन्होंने मिलीभगत से रिकॉर्ड में हेराफेरी की। दोनों ने नोटिस के जवाब में एक-दूसरे और पवन सिंह लोधी (ग्राम ममरौनी) पर ID हैकिंग और दबाव डालने के आरोप लगाए, लेकिन प्रशासनिक जांच में उनकी सफाई झूठी पाई गई।
एसडीएम पिछोर शिवदयाल धाकड़ द्वारा की गई समीक्षा में यह स्पष्ट हुआ कि न सिर्फ रिकॉर्ड में फर्जीवाड़ा हुआ, बल्कि नामांतरण संबंधी आदेश भी कूटरचित थे और कई आदेश तो अन्य गांवों से संबंधित पाए गए। जांच में अवधेश लोधी और गिर्राज गुर्जर सहित कुल पांच व्यक्तियों को दोषी मानते हुए, इनके विरुद्ध अपराध धारा 318(4), 336(3), 337, 338 बीएएस के तहत FIR दर्ज कराई गई है।
साथ ही, सभी फर्जी प्रविष्टियों को निरस्त कर, भूमि पुनः शासकीय खाते में दर्ज करने का आदेश दिया गया है। इस कार्रवाई से राजस्व महकमे में हड़कंप मच गया है और अन्य संदिग्ध मामलों की भी जांच शुरू हो गई है।