शिवपुरी। शिवपुरी शहर के पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर आज दो पीड़ित व्यक्ति जमीनी विवाद को लेकर शिकायत करने पहुंचे जहां उन्होंने बताया हमारी जमीन पर गांव के लोधी ने अवैध रूप से कब्जा करके रखा है,जबकि यह जमीन हमारे ही नाम हैं उसकी रजिस्ट्री आदि डॉक्यूमेंटस भी हमारे पास मौजूद हैं,वो दबंग हमसे कहता हैं कि यहां हमारा ही राज्य हैं तुम लोग क्या बिगाड़ लोगे मेरा,जहां जाना हैं वहां पर शिकायत कर आओ,कुछ नहीं होने वाला है।
पीड़िता महिला ने बताया कि मैं और मेरे पति बुजुर्ग हैं और यह लोधी बंधु हमे हमारे घर में घुसकर मारने आते हैं,इसकी शिकायत हमने पिछोर थाने पर की,लेकिन हमारी कोई भी सुनवाई नहीं हुई,वहीं दूसरे व्यक्ति ने बताया कि मैंने जिस व्यक्ति से जमीन खरीदी थी वहीं व्यक्ति ने मेरी 2 बीघा जमीन पर कब्जा करके रखा हैं और 3 साल से मुझे खेती तक नहीं करने दी हैं।
जानकारी के अनुसार सुमित्रा लोधी पत्नी गजराज लोधी निवासी ग्राम काली पहाड़ी भितरगुवां ने बताया कि गांव भितरगुवां का रहने वाला ज्ञान सिंह लोधी पुत्र स्व.आसाराम लोधी,रामनिवास लोधी आदि मेरी जमीन पर जबरदस्ती कुटीर बना रहा है। हमारी 5 बीघा जमीन है और उसी जमीन से उनकी जमीन लगी हुई हैं जब मैंने इसका विरोध किया और ज्ञान सिंह और रामनिवास ने मेरे घर में आकर मेरे बुजुर्ग और और मेरे साथ मारपीट भी की,यह लोधी समाज के हैं और हमें धमकी देकर हमारी जमीन को हड़पना चाहते हैं जब हमने इसका विरोध किया कि भाई यह हमारी जमीन है हमारे नाम इसकी रजिस्ट्री भी हैं फिर यह तुम्हारी जमीन कैसे हुई तो दबंग कहते हैं कि हमारा इस पर कब्जा हैं तो अब यह हमारी हुई तुम्हें जहां जाना हैं जो करना हैं कर लो,कोई कुछ नहीं करने वाला हमारा, वहीं बार-बार हथियार लेके हमें जान से मारने की धमकी देते हैं।
दबंग ज्ञान सिंह ने देवेन्द्र को बेची थी जमीन,अब उसी पर कब्जा कर लिया
वहीं देवेन्द्र यादव पुत्र कैलाश नारायण यादव ने बताया कि मैंने मितलगुंवा में ही ज्ञान सिंह लोधी से 2 बीघा जमीन खरीदी थी जिसकी रजिस्ट्री भी हमारे पास मौजूद हैं, लेकिन जब से मैंने यह जमीन खरीदी हैं मैंने इस पर खेती नहीं की,क्योंकि ज्ञान सिंह लोधी और रामनिवास ने इस पर कब्जा करके रखा है,जब भी मैं अपनी जमीन पर खेती करने जाता हूं तो यह लोग मुझे भी धमकी देते हैं कि यह हमारी जमीन है तुम्हारा कुछ नहीं हैं,जहां जाना हैं वहां पर शिकायत कर आओ। जिसके बाद मैंने इसकी शिकायत तहसीलदार, पटवारी आदि से की लेकिन आज दिनांक तक मेरी कोई सुनवाई नहीं हुई हैं।