शिवपुरी। भारत सरकार ने नगरीय निकाय मे निर्माण कार्य में तेजी लाने व भुगतान के लिए अध्यक्ष के डीडीओ पावर खत्म कर दिए है। अब नगर पालिका अध्यक्ष की भारत सरकार की योजनाओं के भुगतान में हस्ताक्षर की आवश्यकता नहीं होगी,केवल सीएमओ की अनुशंसा पर भुगतान होगे। भारत सरकार ने निर्माण और विकास कार्यो में पारदर्शिता लाने के लिए स्पर्श पोर्टल चालू किया है,केवल मध्यप्रदेश में ही भारत सरकार के अनुदान प्राप्त योजनाओं के भुगतान के लिए निकाय अध्यक्ष की आवश्यकता होती थी,बाकी देश के सभी राज्यों में निकाय अध्यक्ष के हस्ताक्षर की आवश्यकता होती थी लेकिन स्पर्श पोर्टल लांच होने के बाद मप्र में भी निकाय के अध्यक्षों की डीडीए पवार खत्म हो गए है।
भारत सरकार की अमृत योजना के तहत शिवपुरी नगर पालिका क्षेत्र में पानी की लाइन बिछाने से लेकर सीवर, तालाबों का जीर्णोद्धार व स्वच्छ भारत मिशन आदि कार्य हो रहे हैं। अभी तक इन सभी कामों का भुगतान स्थानीय नगर पालिका स्तर पर सीएमओ व नगर पालिका अध्यक्ष के संयुक्त हस्ताक्षर होने के बाद हो जाता था। ऐसे में कई बार किन्हीं कारणों से यह भुगतान होने काफी देरी हो जाती थी और उस स्थिति में काम रुक जाता था, जबकि यह सभी काम केन्द्र सरकार की अनुदान की मदद से हो रहे है।
अमृत-2 में जो काम होते है, उनमें 50 फीसदी बजट केंद्र, 40 फीसदी राज्य व शेष 10 फीसदी राशि नगर पालिका मद से होती है। सभी काम तय समय पर हों और कार्यों में से किसी प्रकार का भ्रष्टाचार न हो सके, इसलिए भारत सरकार ने यह प्रभावी कदम उठाया है।
अब केवल सीएमओ की अनुशंसा
नगर पालिका द्वारा अमृत-2 योजना के तहत चल रहे निर्माण कार्यों में तेजी व भुगतान में पारदर्शिता लाने के लिए इस पोर्टल के चालू होने से अमृत योजना-2 के तहत चल रहे कार्यों का भुगतान अब नगर पालिका सीएमओ की अनुशंसा पर इनका भुगतान अब संयुक्त संचालक संभागीय कार्यालय नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ग्वालियर से होगा।
भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए अध्यक्ष से डीडीओ पावर छिना
इसके लिए नगर पालिका से सभी बिल दस्तावेजों के साथ सीएमओ की अनुशंसा पर ऑनलाइन ग्वालियर कार्यालय पहुंचेगे और फिर वहां से महज तीन दिन में ही संबंधित कार्य का भुगतान होगा। इस पूरे मामले को दूसरी नजर से देखा जाए तो सरकार ने भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए अध्यक्ष की शक्तियों को कम कर दिया है।
तीन माह से चल रही थी पोर्टल बनाने की प्रक्रिया
सूत्रों की मानें तो सरकार स्पर्श पोर्टल बनाने के लिए पिछले तीन माह से काम कर रही थी। अब यह पोर्टल बनकर तैयार हो गया है और अमृत योजना २ के तहत जो भी काम होगा, वह अब पारदर्शिता के साथ होगा। इसमें भ्रष्टाचार से लेकर निर्माण कार्य में अनियमितता होने की गुंजाइश न के बराबर है। इस पोर्टल के चालू होने से हर नगर पालिका से लेकर नगर पंचायतो के जिम्मेदार अधिकारी व जनप्रतिनिधि सकते हैं, क्योंकि उनकी अचानक शक्तियां कम रह गईं।
10 करोड़ से अधिक का होना है भुगतान
नगर पालिका में इस समय पानी की लाइन बिछाने का काम तेजी से चल रहा है और अकेले इस काम का ही करीब 8 से 9 करोड़ रुपए का भुगतान है। इसके अलावा तालाबों के जीर्णोद्धार का 30 लाख रुपए व स्वच्छ भारत मिशन का एक करोड़ रुपए का भुगतान है जो कि अब स्पर्श पोर्टल के माध्यम से होगा। सरकार के इस कदम से निर्माण कार्य भी अच्छे होंगे और भ्रष्टाचार पर भी काफी हद तक अंकुश लगेगा।