SHIVPURI NEWS - रजिस्ट्रार ऑफिस का काला काण्ड ,फर्जी रजिस्ट्री में भूमिका उजागर, उप रजिस्ट्रार पर FIR की मांग

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शिवपुरी जिले में लगातार मामले फर्जी रजिस्ट्री के सामने आते रहते है,कई मामले ऐसे भी जांच मे चल रहे है जमीन मालिक को मृत घोषित किसी दूसरे व्यक्ति से रजिस्ट्री संपादित करा दी। रजिस्ट्रार ऑफिस अपनी रिश्वत लेकर काले कारनामे लेकर देता। और पीड़ित आवेदन लेकर घूमता रहा है। शिवपुरी रजिस्ट्रार कार्यालय में एक ऐसी भूमि की रजिस्ट्री संपादित कर दी जिस पर माननीय हाईकोर्ट ग्वालियर का स्थगन आदेश था और यह आदेश विधिवत शिवपुरी के रजिस्ट्रार कार्यालय में दर्ज था,उसके बाद भी शिवपुरी रजिस्ट्रार कार्यालय ने इस विवादित भूमि की रिश्वत की दम पर रजिस्ट्री संपादित करा दी है। इस मामले में सिटी कोतवाली में शिवपुरी जिला कार्यालय में तत्कालीन समय में पदस्थ उप पंजीयक सहित 4 लोगों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया गया है।

जानकारी के अनुसार विवेकानंद कॉलोनी में निवास करने वाले प्रतीक गुप्ता ने सिटी कोतवाली शिवपुरी को बीते अगस्त 2024 में एक आवेदन सौंपा था। इस आवेदन के अनुसार आवेदन के प्रतीक गुप्ता ने कहा कि शिवपुरी टुकडा नं. 2 तहसील व जिला शिवपुरी की कृषि भूमि सर्वे नं 901 को कय किये जाने के संबंध में श्रीमती छोटीबाई पत्नी स्व.श्री छोटेलाल कुशवाह एवं हरभजन कुशवाह पुत्र स्व.श्री रामलाल कुशवाह के साथ पूर्व में अनुबंध पत्र संपादित किया था।

उक्त अनुबंध के संबंध में प्रार्थी का न्यायालयीन प्रकरण भी चला तथा उक्त प्रकरण के सबंध में प्रार्थी द्वारा माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर में एफ.ए.नं. 233/17 प्रतीक गुप्ता तिला श्रीमती छोटी आदि के नाम से प्रकरण दर्ज होकर माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर द्वारा उक्त प्रकरण में स्थगन आदेश जारी किया गया, जिसके उपरांत प्रार्थी द्वारा उक्त अनुबंधित भूमि पर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा स्थगन आदेश पारित किये जाने तथा उक्त भूमि के संबंध में कोई व्यक्ति किसी भी प्रकार का कोई संव्यवहार न किये जाने के सबंध में आम सूचना दिनांक 14.02.2021 और 16-02-2021 को  ग्वालियर से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र में  सर्वसाधारण को सूचित किया गया था।

इस मामले में भूमि सर्वे क्रमांक 901 पर माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर द्वारा स्थगन आदेश जारी किये जाने पश्चात एवं उक्त स्थगन आदेश की जानकारी हरिशंकर धाकड़ द्वारा अपने परिचित अनुज सर्राफ पुत्र श्री घनश्याम सर्राफ एवं घनश्याम प्रजापति तथा दाताराम प्रजापति एवं रजिस्टार कार्यालय के उप पंजीयक संदीप गौर से मिलकर साठ-गाठ कर उक्त भूमि का रजिस्टर्ड विक्रय अभिलेख पत्र दिनांक 03.03.2024 एवं दिनांक 23.01.2024 को संपादित कराया है।

जबकि उक्त भूमि के सबंध में माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर द्वारा स्थगन आदेश जारी किये जाने के संबंध में रजिस्ट्रार कार्यालय शिवपुरी में भी उक्त आशय की जानकारी प्राप्त थी। उसके उपरांत भी गलत रूप से रजिस्टर्ड विक्रय अभिलेख पत्र संपादित कराये गये है। इस प्रकार उक्त लोगों द्वारा मिलकर आपराधिक षड्यंत्र कर गलत रूप से विवादित भूमि की रजिस्ट्री कराई गई है। इस मामले की जांच कर दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध करने की कृपा करे।

कोतवाली मे जांच शुरू,लिखा गया पत्र
इस मामले मे कोतवाली पुलिस ने जांच शुरू की और कार्यालय पुलिस थाना कोतवाली जिला शिवपुरी से दिनांक 9 सितंबर 204 को एक पत्र,पत्र क्रमांक 21324 के माध्यम से उप पंजीयक महोदय पंजीयन कार्यालय जिला शिवपुरी को जारी किया गया था।

इस पत्र का विषय था कि टुकडा नंबर 02 शिवपुरी भूमि सर्वे क्रमांक 901 पर माननीय उच्च न्यायालय ग्वालियर के स्थगन आदेश के उपरांत विक्रय पत्र निष्पादन कराये जाने के संबंध में

उपरोक्त विषयान्तर्गत लेख है कि आवेदक प्रतीक गुप्ता निवासी विवेकानंद कॉलोनी द्वारा एक शिकायती आवेदन पेश किया है जिसमें टुकडा न 02 शिवपुरी सर्वे क्रमांक 901 पर माननीय उच्च न्यायालय ग्वालियर द्वारा विवादित भूमि पर स्थगन आदेश पारित किया गया था जिसकी सूचना आवेदक द्वारा दो बार उप पंजीयक कार्यालय  शिवपुरी में लिखित में दी गई थी। जिसके बावजूद भी उक्त भूमि सर्वे क्रमांक 901 का विक्रय पत्र हरिशंकर धाकड़ पुत्र गुलाब सिंह धाकड़ के द्वारा घनश्याम प्रजापति को दिनाक 23 जनवरी 24 को अनुज सर्राफ को विक्रय पत्र निष्पादन कराया गया है। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा सर्वे क्रम 901 पर स्थगन आदेश किया गया था। उकसे बावजूद भी उक्त सर्वे क्रमांक पर विक्रय पत्र निष्पादन कराये गये। इस संबंध में दस्तावेज लेकर थाने पर कथन देने हैतु उपस्थित होवे। जिससे संबंधित के विरुद्ध कार्यवाही की जा सके।

इस पत्र के जवाब में रजिस्ट्रार ऑफिस से आया यह जवाब

कोतवाली पुलिस के द्वारा भेजे गए पत्र के जवाब में रजिस्ट्रार ऑफिस से एक पत्र के रूप में जवाब आया कि आवेदक के द्वारा कार्यालय मे दिये गए आवेदन में माननीय न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर के प्रकरण में वादी प्रतीक गुप्ता प्रतिवादी श्रीमती छोटी,हरभजन है। प्रकरण में विक्रेता हरिशंकर धाकड न तो वादी और प्रतिवादी है और ना ही उसकी संपत्ति माननीय न्यायालय ने स्थगन आदेश दिया है। इसलिए इस विक्रय पत्र को संपादित कराया गया है।

इस जवाब में रजिस्ट्रार कार्यालय ने कही भी शिवपुरी टूकडा नंबर 1 के भूमि सर्वे क्रमांक 901 का उल्लेख नही किया है। कोतवाली ने भेजे गए पत्र में 5 बार शिवपुरी टुकड़ा नंबर 1 के सर्वे क्रमांक 901 का उल्लेख किया है। यह भूमि जब से विवादित है जब यह प्रतीक और इन लोगों में विवाद चल रहा था। उसी पर स्थगन आदेश दिया गया है। वही इस भूमि के रजिष्ट्री को शिवपुरी न्यायालय मे चलित प्रकरण में शून्य घोषित कर दिया गया है। कुल मिलाकर रजिस्ट्रार कार्यालय में अगर भूमि के सर्वे क्रमांक का महत्व नहीं है केवल नामो का महत्व है तो फिर क्यों रजिस्ट्री में भूमि के सर्वे क्रमांक का उल्लेख किया जाता है यह एक बड़ा सवाल है।

कुल मिलाकर रष्ट्रिार आफिस की मिली भगत के कारण ही यहां सैकड़ों रजिस्ट्री फर्जी हो चुकी है। बेचने वाला अपने फायदे के लिए विवादित भूमि को बेच देता है उसके बाद खरीदने वाला व्यक्ति शिकायत और मामले को न्यायालय की ओर ले जाता है। कुल मिलाकर इस प्रकरण में उचित जांच होनी चाहिए कि जब माननीय न्यायालय ने सर्वे क्रमांक 901 पर स्थगन दिया था और स्थगन आदेश भी रजिस्ट्रार ऑफिस में विधिवत रूप से स्वीकार होकर दर्ज था फिर कैसे उप रजिस्ट्रार ने इस भूमि का विक्रय पत्र संपादित करा दिया।