काजल सिकरवार शिवपुरी। शिवपुरी जिला मुख्यालय से लगभग 28 किलोमीटर की दूरी पर 2 हजार फुट की उंचाई पर दो पहाडो के बीच ज्योति स्वरूप में विराजमान है मां भैरवी,मां भैरवी सागर वाले महाराज के स्वप्न में आकर स्वयं का परिचय दिया था,उसके बाद इनकी खोज की गई और साक्षात रूप से ज्योति के रूप में प्रकट हुई है। इस स्थान को माता खो के नाम से जाना जाता है,स्थानीय लोगों का कहना है कि इस स्थान पर हजारो साल पुराना मंदिर था,बस हमने हमारे बुजुर्गों से मुंह जुबानी सुनते आए थे कि इस पहाड़ पर कभी देवी का मंदिर हुआ करता था।
ज्योति स्वरूप में प्रकट होने के बाद इस पहाड़ पर स्वयंभू महादेव का शिवलिंग धरती मॉ की गोद से स्वयं ऊपर आया है और 2 हजार फीट की ऊंचाई पर गँगा माँ का आह्वान किया गया तो गंगा भी पहाड़ से बूंदों के रूप में गिरने लगी,अब वहां एक कुंड के निर्माण करा दिया गया है इसी जल से पहाड़ पर स्थित मंदिरों मे विराजमान देवी देवताओं की प्रतिमाओं की पूजा अर्चना की जाती है।
इस प्रकार पहुंचे मंदिर पर
शिवपुरी मुख्यालय से ग्वालियर की ओर सतनवाड़ा कस्बे से लगभग 8 किलोमीटर फोरलाइन पर चलने के बाद परिश्वम की ओर एक रास्ता करई बारां गांव के लिए गया है। माता खो मंदिर की दूरी फोरलेन से लगभग 4 किलोमीटर है। ढाई किलोमीटर चलने पर बारां गांव आता है बारां गाव से लगभग डेढ़ किलोमीटर अंदर जंगल में स्थित 2 पहाडो के बीच यह माता खो स्थान है। इस स्थान पर फोर व्हीलर गाडी तक आसानी से पहुंच जाती है लेकिन आपको मंदिर पर जाने के लिए लगभग 4 हजार फुट पैदल चढाई करनी होगी।
भक्तों का दावा,सागर वाले महाराज का तीन जन्म का नाता
मंदिर पर उपस्थित भक्तों का कहना है कि सागर वाले महाराज का इस मंदिर से 3 जन्मो का रिश्ता है,इसलिए मॉ उन्हें बचपन से स्वप्न मे दिखाई देती थी। महाराज के परिचय के विषय में भक्तों ने सिर्फ इतना बताया कि जब उन्हें इस स्थान की जानकारी मिली थी जब वह दिल्ली में आईएएस की तैयारी कर रहे थे।
नरवर जाते समय,स्पष्ट हुआ स्थान
बारां गांव में राधा कृष्ण मंदिर की पूजा करने वाले पुजारी ने रमाशंकर शर्मा ने बताया कि लगभग 4 साल पूर्व जब में बारा गांव में मंदिर मे पूजा अर्चना कर रहा था उसी समय सागर वाले महाराज मेरे पास आए और इस स्थान के विषय में मेरे से बातचीत की,तो मैने कहा कि हमारे पूर्वजो के मुंह से पहाडो पर किसी देवी के मंदिर के विषय मे सुनते आए है लेकिन आज तक हमारे गांव से कोई भी व्यक्ति उस स्थान पर नहीं पहुंचा है।
पुजारी शर्मा ने बताया कि सागर वाले महाराज ने कहा कि आप और लोगों को बुलाए आज उस स्थान पर चलते है। मैने गांव के कई लोगो को बुलाया और सागर वाले महाराज की पीछे पीछे हम चलते गए। वह पहाड़ पर चढे हम भी चढते चले गए काफी ऊंचाई पर पहुंचने के बाद उन्होंने एक स्थान पर रूककर कहा यहां की सफाई करो।
हम सभी ग्रामीणों ने वहां सफाई शुरू कर दी,काफी देर पर दो पहाडो पर एक कोने नुमा स्थान पर एक गुफा दिखाई दी,सागर वाले महाराज ने इस गुफा की सफाई की ओर उसमें प्रवेश कर गए। उसके बाद गुफा के गेट पर एक पटिया हटाने को कहा तो उसे पटिया को हटाया गया तो उसके नीचे एक शिवलिंग निकला अब यह शिवलिंग अपने आप की जमीन से ऊपर आता जा रहा है।
ज्योति स्वरूप में स्थापित की गई मॉ भैरवी
ग्रामीणों का कहना है कि इस गुफा में कभी माता की मूर्ति रही होंगी,यह स्थान बडा ही प्राचीन है हम इसके विषय में सिर्फ सुनते आए थे कि यहां पर माता खो नामक स्थान है। अब पिछले 5 साल से यह स्थान चैतन्य हो चुका है। अब यहां पुरी व्यवस्थाए पर धीरे धीरे हो रही है,इस स्थान पर 2 विशाल यज्ञो का भी आयोजन हो चुका है। शनिवार और सोमवार को यहां कीर्तन होता है और प्रत्येक माह की 26 तारीख को यहां माता की जात भरती है बड़ी दूर से दूर से लोग यहां मन्नत मांगने आते है। और भक्तों की मुरादे यहां पूरी होती है। वर्तमान समय में गुफा में अखंड ज्योति जल रही है कुल मिलाकर यहां कभी दस विधाओ में से एक माता भैरवी का सिद्ध पीठ रहा है।
माँ भैरवी की कृपा से बोल रहा है गूंगा
ग्राम करई बारां मे रहने वाले अनिल गुर्जर का कहना है कि मेरी बचपन मे आवाज चली गई थी,बोल नहीं सकता था,डॉक्टरों के यहां सालो इलाज चला लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ,अब माता की कृपा से मेरी आवाज लोट आई है,अनिल का कहना है यहां ऐसे सैकड़ों चमत्कार हुए है।
वही उपस्थित ग्रामीणों ने बताया कि यहां सैकड़ों भक्तों को संतान प्राप्त हुई है। यहां सागर वाले महाराज माता की पूजा करवां बच्चे का नाम रख देते है। एक भक्त ने कहा कि आपके यहां शिवांश आने वाला है मेरे यहां लड़का ही हुआ है। वर्तमान समय की मंदिर पर नवरात्रि में माता का पाठ चल रहा है।
इस पूरे कवरेज में सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि किसी भी भक्त ने सागर वाले महाराज का नाम नहीं बताया और ना ही परिचय दिया है। भक्तों का कहना है कि महाराज के आदेश से स्थान पर पुजारी रखा हुआ है वहां प्रतिदिन पूजा करता है महाराज कब आएंगे किसी को जानकारी नहीं है वह उनकी पर्सनल जानकारी को सार्वजनिक करने से वह मना करते है।