शिवपुरी। प्रिय दर्शकों आज 14 फरवरी 2025 है इस दिन को हमारे इंडिया के युवक और युवतियों बढ़े अच्छे ढंग से सेलिब्रेट कर रहे हैं आपको बता दें क14 फरवरी का दिन,जिसे हम वैलेंटाइन डे के नाम से जानते हैं इस दिवस को युवक युवतियां प्रेम प्रसंग को आधार मानकर देखते हैं एवं साथ महिला पुरुषों को और पुरुष महिलाओं को आकर्षित करने का प्रयास करते हैं।
जिसके लिए 7 दिवसीय मूल बनाया गया हैं जो कि कुछ इस प्रकार हैं—
1.7 फरवरी रोज डे
2.8 फरवरी प्रपोज डे
3.9 फरवरी चोकलेट डे
4.10 फरवरी टेडी डे
5.11 प्रॉमिस डे
6.12 फरवरी हग डे
7.13 फरवरी किस डे
8.14 फरवरी वेलेंटाइन डे
वेलेंटाइन की कहानी इस प्रकार हैं
लेकिन वेलेंटाइन की एक अनूठी कहानी हैं,जहां वेलेंटाइन भारतीय संस्कृति से प्रभावित होकर,यहां की सभ्यता को यूरोप में आरोपित करने का प्रयास किया था। तथाकथिक तोर पर तीसरी सदी में यूरोप में राजा क्लॉडियस हुआ करते थे। जो कि बड़े ही कट्टर ईसाई थे इन्होंने धर्म को आधार मानकर, शासन किया था। इनके साम्राज्य अधीन रहने वाले वेलेंटाइन ने भारतीय उपन्यासों एवं किताबों का अध्ययन किया था जहां उन्होने विवाह पद्धति के बारे में जाना,जिसे उन्होंने यूरोपियन युवक एवं युवतियों में फैलाया एवं उनको विवाह के लिए प्रोत्साहित किया।
भारतीय संस्कृति को अपनाने का किया था प्रयास
उन्होंने विवाह में संदर्भ में बताते हुए कहा कि विवाह भारत में एक महत्वपूर्ण संस्कार हैं। जहां एक पुरुष और महिला विवाह पश्चात सुखी जीवन व्यतीत करते हुए अपनी संतान को जन्म देते हैं जो संताने उनकी वृद्धावस्था में सेवा करते हैं साथ ही उन्होंने बताया के विवाह के कारण एक सुंदर समाज का विनिर्माण होता हैं एवं सामाजिक विकृतियों में कमी आती हैं समाज में सुंदर संबंधों की स्थापना के साथ मानसिक विकार भी कम होते हैं एवं खुशी का स्तर बढ़ता हैं।
अत: प्रत्येक व्यक्ति को विवाह बंधन में बंधना चाहिए,लेकिन वहां के राजा क्लॉडियस को यह विचार उनकी संस्कृति को ध्वस्त करने वाला हथियार दिखाई पड़ी,इसके उत्तर में राजा क्लॉडियस ने वैलेंटाइन को चौराहे पर बुलाकर उदाहरण अर्थ सैकड़ों कोडे मरवा कर,फांसी चढ़ा दिया। ऐसे थे हमारे वेंलटाईन,ये दिनांक 14 फरवरी थी और यह तीसरी सदी के राजा क्लॉडियस को हमारी सांस्कृतिक संस्थापना; विवाह ' का विरोध था। आज हम सभी इस महत्वपूर्ण कहानी को ना जानते हुए वेलेंटाइन डे को यूरोप नाइजेशन के स्तर पर मना रहे हैं। एंव यहां विवाह का कोई स्थान नहीं हैं।