SHIVPURI NEWS - मेडिकल कॉलेज के डीन की जांच में काले काण्ड उजागर, पत्नी को फ्री की सैलरी

Bhopal Samachar

शिवपुरी। अपने अस्तित्व में आने से पूर्व ही विवादों में आया मेडिकल कॉलेज में विवाद थमने के नाम नही ले रहे। मेडिकल कॉलेज में ऐसा लगता है कि डीन केवी वर्मा का जंगल राज चल रहा है,पद का दुरुपयोग कर कई ऐसे काले कांड किए है जो नियमों को तोड कर गंभीर लापरवाही दर्शाते है,शिवपुरी मेडिकल कॉलेज के प्रभारी डीन केवी वर्मा की हुई शिकायत की जांच सिद्ध हो चुकी है।

आयुक्त कार्यालय से प्राप्त आरटीआई से मिली जांच के रिर्पोट के अनुसार डीन डॉक्टर के बी वर्मा ने अपनी पत्नी रिंकी वर्मा को बिना सक्षम अधिकारी या समिति की बिना अनुमति के अपनी पत्नी का आउटसोर्स के माध्यम से भर्ती कर लिया और डायटीशियन के रूप में वेतन भी दिया जा रहा है।

बिना लाइसेंस वाले का बना दिया ड्रायवर

जीएमसी शिवपुरी में आउटसोर्स कर्मचारी विनोद रावत व अनस्किल्ड कर्मचारी के रूप में न कार्यरत हैं। विनोद की ड्यूटी अधिकतर कॉलेज के सभी वाहनों पर ड्राइवर के रूप में लगा दी गई,जबकि विनोद रावत पर जांच के दौरान ड्राइविंग लाइसेंस नहीं पाया गया। वैध ड्राइविंग लाइसेंस नहीं होते हुए भी कॉलेज के वाहनों पर ड्राइवर के रूप में ड्यूटी लगाना गंभीर लापरवाही सामने आई है।

मानसिक प्रताडना दी नर्स लोकेश नामदेव को

मेडिकल कॉलेज में आत्मघाती कदम उठाने वाली नर्स लोकेश नामदेव पर मेडिकल बोर्ड बिठा दिया,और नौकरी पर ज्वाइनिंग नहीं दी और आरोग्यशाला ग्वालियर से रिपोर्ट मांगी। स्टाफ नर्स 7 अक्टूबर-2023 को ग्वालियर जांच कराने गई,इधर कॉलेज में चर्म रोग विभागाध्यक्ष से ड्यूटी पर ना आने का नोटिस जारी हो गया। जांच के दौरान डीन से पूछा तो - उन्होंने सफाई में कहा कि नर्स कॉलेज में नाइट ड्यूटी भी कर सकती है। अपर कलेक्टर ने जांच रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि डीन का यह कृत्य व्यक्तिगत द्वेषपूर्ण कार्रवाई की श्रेणी में रखा जा सकता है।

गल्र्स हॉस्टल का प्रभारी पुरुष को बनाया

जांच रिपोर्ट में अस्पताल प्रबंधक डॉ. विकास त्यागी के इंटर्न गर्ल्स हॉस्टल के वार्डन हाउस में रहने और सहायक वार्डन बनाने की शिकायत थी। जांच में स्पष्ट लिखा है कि कॉलेज में कई महिला प्राध्यापक और सहायक प्राध्यापक होते हुए भी डॉ. त्यागी को सहायक वार्डन बना दिया। वे हॉस्टल के वार्डन हाउस में भी रह रहे हैं। सहायक वार्डन बनाकर निवासी की अनुमति देना नियम अनुकूल नहीं हैं।

आउटसोर्स कर्मचारी को गलत ढंग से नर्सिंग हॉस्टल का वार्डन बनाया

डीन द्वारा कीर्ति शर्मा को नर्सिंग हॉस्टल में वार्डन ना होने के कारण वार्डन का प्रभार दे दिया। सैलरी स्पिल से पता चला कि कीर्ति शर्मा आउटसोर्सिंग से भर्ती है और मूल पद लाइब्रेरियन है। शिकायत हुई तो डॉ. शुभांगी को वार्डन का दायित्व दे दिया। फिर कीर्ति शर्मा को केयर टेकर बनाकर निवास कर दिया जबकि नर्सिंग हॉस्टल पद का जिम्मेदार पद का प्रभार उचित नहीं था।
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