शिवपुरी। गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट 1957 में अस्तित्व में आई थी और जब से 16 बार चुनाव और 2 बार उपचुनाव हुए है। इन चुनावों में 13 बार ग्वालियर राजघराने के सदस्यो का कब्जा रहा है। शिवपुरी—गुना और अशोकनगर जिले की 6 विधानसभा को मिलाकर यह सीट बनी है। अभी तक हुए चुनावो में शिवपुरी जिले का एक भी नेता इस सीट पर चुनाव नहीं जीत सका है,केवल डॉ केपी सिंह ऐसे पहले सांसद इस सीट से बने है जिसे हमे स्थानीय नेता कह सकते है।
शिवपुरी शहर को सिंधिया राजवंश ने बसाया है शिवपुरी के इतिहास के विषय में बात करे तो यह एक गांव था लेकिन प्राकृतिक रूप से सशक्त होने के कारण आजादी से पूर्व सिंधिया राजवंश ने इस जगह को अपनी समर राजधानी के रूप में विकसित किया था उसके बाद यह जिला बन गया।
16 बार चुनाव और 2 बार उपचुनाव हुए
1957 में गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट अस्तित्व में आई थी। अब इस इस सीट पर 16 बार चुनाव हो चुके हैं। 72 साल में 16 बार चुनाव हुए लेकिन गुना-शिवपुरी-अशोकनगर जिले से कोई भी नेता सांसद नहीं बन सका। बता दें कि 2019 के चुनाव में अशोकनगर जिले के निवासी डॉ केपी यादव ने जीत हासिल कर इस चक्र को तोड़ने सफलता हासिल की थी। जबकि अब तक कई क्षेत्रीय नेता सांसद बनने का सपना देख चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा चुके हैं। उन नेताओं में मुख्य रूप से केपी सिंह, राव देशराज सिंह, हरिवल्लभ शुक्ला नाम शामिल हैं।
16 में से 13 चुनावों में सिंधिया परिवार को जीत मिली
आजादी के बाद दूसरे लोकसभा आम चुनाव में गुना सीट अस्तित्व में आई। इस सीट पर साल 2019 के साथ अब तक कुल 16 लोकसभा चुनाव हो चुके हैं। 13 चुनावों में सिंधिया परिवार के सदस्य काबिज रहे हैं। साल 1957 में पहली वार विजया राजे सिंधिया चुनाव जीती थीं। सिर्फ 1962 व 1984 का आम चुनाव छोड़ दें तो सीट पर अधिकतर विजया राजे सिंधिया और उनके बेटे माधवराव सिंधिया सांसद चुने जाते रहे। दादी विजयाराजे के बाद उनके पिता का निधन हुआ और गुना सीट से 2002 के उप चुनाव में पहली बार ज्योतिरादित्य सिंधिया सांसद चुने गए। इसके बाद लगातार साल 2004, 2009 और 2014 का चुनाव जीतते आ रहे थे। लेकिन 2019 में अशोकनगर जिले के रहने वाले डॉ केपी यादव ने भाजपा से चुनाव जीतकर इस चक्र तो तोड़ दिया था।
इस लोकसभा सीट से सिंधिया राजवंश के तीन पीढी चुनाव लड चुकी है,जिसमें से दो सदस्य भाजपा और कांग्रेस से चुनाव लड चुके है। कैलाश वासी विजयाराजे सिंधिया इस सीट से 6 बार चुनाव लड़ी है और चुनाव जीती है। इसमें से वह सबसे पहले 1957 में कांग्रेस की ओर से चुनाव लड़ी थी इसके बाद 1967 के चुनाव में स्वतंत्र पार्टी से चुनाव लड़ी और 1989,1991,1996 और 1998 का लोकसभा चुनाव भाजपा से लड़ी है।
वही कैलाशवासी माधवराव सिंधिया गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट से 3 बार चुनाव लड़ा है लेकिन कांग्रेस पार्टी की ओर से,कैबिनेट मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी राजनीतिक पारी गुना शिवपुरी लोकसभा सीट से शुरू की थी। ज्योतिरादित्य सिंधिया इस सीट से उपचुनाव 2002 से शुरुआत की थी इसके बाद 2004,2009,2014 ओर 2019 का चुनाव लड चुके है कांग्रेस पार्टी की ओर से,अब 2024 का चुनाव वह भारतीय जनता पार्टी की ओर से लड रहे है। ग्वालियर राजघराने के महाराजा ज्योतिरादित्य सिंधिया ऐसे पहले सदस्य है जो चुनावी रण में हारे है।