SHIVPURI NEWS - बैंक में 80 मिलियन के घोटाले में घोटालेबाजो की संपत्ति की नीलामी प्रक्रिया शुरू, पढिए पूरी लिस्ट

Bhopal Samachar

शिवपुरी। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शिवपुरी में पदस्थ चपरासी राकेश पाराशर के 80 मिलियन घोटाले से बैंक कंगाल हो गया है। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में लगभग 10 हजार से अधिक खाता धारक है वह सभी कंगाल हो गए है,बैंक में उनका जमा पैसा फंस चुका है। बैंक खाताधारक को 7 दिन में 2 हजार से अधिक का भुगतान नहीं कर रही है। इस बैंक के घोटाले को लेकर शिवपुरी विधायक देवेन्द्र जैन ने विधानसभा में भी सवाल उठाया था।

बैंक अपने रिकवरी को लेकर अब घोटाले बाजो की संपत्तिया नीलाम करने की प्रक्रिया की ओर बढ रही है। हालांकि इससे ज्यादा कुछ हासिल नहीं होगा,क्योंकि फिलहाल नीलाम होने वाली संपत्ति की कीमत मात्र 8.51 करोड़ आंकी गई है। अगर घोटाले के 100 प्रतिशत के हिसाब से मात्र 8 प्रतिशत की संपत्ति नीलाम होगी। यह ऊंट के मुंह में जीरे के समान है।

इस घोटाले में 18 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया

जनवरी 2022 में 80.60 करोड़ के गबन को लेकर 18 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। गबन का मामला उजागर हुए दो साल से ज्यादा समय बीत चुका है। कलेक्टर रवींद्र कुमार चौधरी की सख्ती के बाद राकेश पाराशर व उसके परिवार के लोगों के नाम से दर्ज संपत्तियां व बैंक के संबंधित अधिकारी व कर्मचारियों की संपत्तियों की खुली नीलामी से नुकसान की भरपाई के लिए प्रयास शुरू हो गए हैं। राकेश पाराशर के परिवार की संपत्तियों को लेकर कोलारस तहसील से 12 मार्च को विज्ञप्ति प्रकाशित हुई और 14 मार्च को फिर से अन्य सदस्यों की अलग-अलग तहसीलों विज्ञप्तियां निकाली गई हैं।

कोलारस शाखा के तत्कालीन शाखा प्रबंधक (रिटायर) रमेश राजपूत रमेश पुत्र गंगाराम राजपूत की टोरिया गांव में 11 सर्वे नंबरों की 6.49 लाख रु. कीमत की जमीन की नीलामी रखी है। कोलारस शाखा के बैंकिंग सहायक यादवेंद्र सिंह पुत्र रघुवीर सिंह यादव की छह सर्वे नंबरों की ग्राम तिलातिली व बदरवास नगर में घर और जमीन सहित 98.50 लाख की प्रॉपर्टी नीलामी की जाएगी। दोनों की करीब 1.05 करोड़ की उक्त संपत्तियों की 15 अप्रैल को सार्वजनिक नीलामी रखी है।

मुख्य ब्रांच के सहायक लेखापाल हरवंश शरण पुत्र प्रेम नारायण श्रीवास्तव का शिव शक्ति नगर में 820 वर्गफीट में बना मकान 30 लाख रु. में 19 मार्च को नीलाम किया जाएगा। इसी तरह लेखा शाखा प्रभारी रामप्रकाश पुत्र देवी किशन त्यागी का होटल पीएस के पीछे 1500 वर्ग फीट में बना मकान 40 लाख रु. में नीलाम किया जाएगा। तत्कालीन शाखा प्रबंधक कोलारस श्रीकृष्ण शर्मा (निधन) की पत्नी शीला शर्मा की कोटा गांव में सर्वे नंबर 339 रकवा 1.38 हेक्टेयर जमीन 30 लाख रु. में 23 मार्च को नीलाम होने जा रही है। तीनों ही करीब 1 करोड़ की संपत्तियां हैं।

राकेश पाराशर के बेटे चंचल का 80 लाख का प्लॉट, भतीजे गगन का 10 लाख का प्लॉट, खुद राकेश पाराशर का 80 लाख का प्लॉट, बेटे शिवम पाराशर का 80 लाख का प्लॉट, कोलारस नगर में पत्नी अंजना पाराशर का 80 लाख का मकान, मां रति देवी के नाम 35 लाख का मकान, गुनाटोरी में पुत्रवधू आरती के नाम की 2.39 हेक्टेयर कीमत 25 लाख की कृषि भूमि, भतीजे गगन की 2.40 हेक्टेयर कीमत 25 लाख रु. की कृषि भूमि, मानीपुरा में पुत्रवधू आरती के नाम 1.023 हेक्टेयर कीमत 50 लाख की कृषि भूमि, छोटे भाई मुकेश कुमार की 95 लाख के तीन प्लॉट, गुढा में मां रति बाई के नाम 0.60 हेक्टेयर कीमत 10 लाख रु. स्वयं राकेश 0.22 हेक्टेयर कीमत 10 लाख रु. और छोटे भाई मुकेश की 0.47 हेक्टेयर कीमत 10 लाख रु., कोलारस में पत्नी अंजना के नाम 10 लाख रु. व भतीजे गगन के नाम 15 लाख का प्लॉट है। उक्त सभी करीब 6.15 करोड़ की संपत्तियों की 12 अप्रैल 2024 को खुली नीलामी के जरिए बेचा जाएगा।

रन्नौद में राकेश के पत्नी और दो बेटों की कृषि भूमि

राकेश की पत्नी व दो बेटों की कुसुअन में 31.50 लाख की कृषि भूमि कुसुअन गांव में राकेश की पत्नी अंजना पाराशर की सर्वे नंबर 673 रकवा 0.72 हेक्टेयर कीमत 4.01 लाख रु., बेटे चंचल पाराशर की छह सर्वे नंबरों की 4.5 हेक्टेयर कीमत 25.06 लाख रु. बेटे शिवम पाराशर की सर्वे नंबर 634/1 रकवा 0.438 हेक्टेयर कीमत 2.43 लाख रु. है। कुल 31.50 लाख रु. की उक्त अचल संपत्तियां 15 अप्रैल को सार्वजनिक रूप से नीलाम की जाएगी।

एफआईआर होने के बाद से फरार है: कोर बैंकिंग सिस्टम प्रभारी प्रभात भार्गव

कोलारस शाखा से नियम विरुद्ध मोटी रकम के ऑनलाइन ट्रांजेक्शन होते रहे, फिर भी जानबूझकर अनदेखी करते रहे। निलंबित प्रभात एफआईआर होने के बाद फरार है। दूसरे कर्मचारियों की संपत्तियां खोलकर नीलामी होने जा रही हैं, लेकिन प्रभात भार्गव की संपत्तियां का कोई अता-पता नहीं है। बैंक व प्रशासन की कार्रवाई पर भी सवाल उठ रहे हैं। बता दें कि इंदिरा कॉलोनी में सीबीएस प्रभारी मनमाफिक डिजाइन के लिए अपना मकान बार-बार तुड़वाकर बनवाया।
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