राष्ट्र निर्माण में वकीलों की भूमिका सर्वकालिक महान है : गौतम - SHIVPURI NEWS

Bhopal Samachar
शिवपुरी। समाज में अंतिम छोर पर खड़े वंचित, पीड़ित व्यक्ति से लेकर समाज के अग्रणी व्यक्ति तक, पशु, पक्षी, पेड़ पौधे, वन, खदानों से लेकर कीट पतंगों तक यहां तक कि विधिक व्यक्ति के रूप में ईश्वर (देवों) के संवैधानिक और विधिक अधिकारों के संरक्षण में वकीलों की भूमिका अद्वितीय होकर राष्ट्र निर्माण में अतुलनीय है। संविधान के प्रकाश में विधि के परिप्रेक्ष्य में विधिक व्यक्ति के रूप में श्री रामलला विराजमान के वकील के रूप में भारत संघ के पूर्व विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद की भूमिका अयोध्या में भव्य श्री मंदिर निर्माण और प्राण-प्रतिष्ठा का मार्ग प्रशस्त करने में केवट की भांति रही है जो बहुत विनम्र भाव से समूचे वकील समुदाय को गौरवान्वित करने वाली है। 

स्वतंत्रता संघर्ष के दौर में, स्वतंत्रता के समय संविधान निर्माण में, स्वतंत्रता के पश्चात नागरिकों व्यक्तियों के अधिकारों के संरक्षण, जनजागरण, न्यायदान में वकीलों की भूमिका अग्रणी होकर सर्वकालिक रूप से महान है। भविष्य की चुनौतियों, न्यायिक सुधारों, प्रौद्योगिकी के विकास और बढ़ी हुई जनसंख्या के परिप्रेक्ष्य विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि में वकीलों की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण रहने वाली है। अधिवक्ता के रूप में समाज की अपेक्षा आकांक्षाये वकील समुदाय से बढ़ी हुई है, हमें सदैव उन पर खरा उतरना है।

उक्त बातें भाजपा विधि प्रकोष्ठ के जिला संयोजक अजय गौतम " एडवोकेट " ने युवा अधिवक्ता दिवस के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के तौर पर बोलते हुये कहीं। 

श्री गौतम ने कहा कि सैकड़ों वर्ष की परतंत्रता के दौर में भारतीयों ने जहां तोप, तमंचे और तलवारों से संघर्ष किया सर्वोच्च बलिदान किया वहीं भारत के वकीलों ने देश में सामाजिक, राजनैतिक और बौद्धिक चेतना के जागरण का, क्रांतिकारियों के संरक्षण के लिये महत्वपूर्ण योगदान दिया। संविधान सभा में बहुत बड़ी संख्या वकीलों की थी। संविधान सभा का राष्ट्र निर्माण विषयक विराट चिंतन भारत के संविधान की प्रस्तावना में परिलक्षित होता है जहां सभा ने सर्वसम्मति से भारत की संप्रभुता को "हम भारत के लोग " में निहित कर दिया और बताया कि किस प्रकार का राष्ट्र बनाने के लिये इस संविधान को अंगीकृत , अधिनियमित और आत्मार्पित किया है। परतंत्र भारत के राजनैतिक एकीकरण में महात्मा गांधी की भूमिका, संविधान निर्माण में संविधान सभा के अध्यक्ष डाॅ राजेन्द्र प्रसाद और प्रारूप समिति के अध्यक्ष डाॅ भीमराव अम्बेडकर के महान योगदान ने उन्हें भारतरत्न बनाया तो वह सबके लिए विशेषतः वकीलों के लिए गौरवपूर्ण आदर्श के रूप में स्थापित हुये। जो वकील समुदाय को विशेषतः गौरवान्वित करता है। कार्यक्रम में अभिभाषक संघ के पूर्व अध्यक्ष स्वरूप नारायण भान, पूर्व अध्यक्ष विजय तिवारी एडवोकेट, अध्यक्ष शैलेन्द्र समाधिया एडवोकेट, पूर्व कोषाध्यक्ष गोपाल व्यास एड., राजीव शर्मा एड., पूर्व उपाध्यक्ष राजेश जाट एड., महेन्द्र श्रीवास्तव एड, राधा रावत एड,, जितेन्द्र शर्मा एड, राधाबल्लभ शर्मा एड सहित बड़ी संख्या में अधिवक्तागण उपस्थित रहे। 

कार्यक्रम की अध्यक्षता अधिवक्ता परिषद के जिलाध्यक्ष एडवोकेट अंकुर चतुर्वेदी ने की एवं एडवोकेट विवेक जैन ने उपस्थित अधिवक्ताओं का आभार व्यक्त किया।