शिवपुरी। आदर्श आचार संहिता प्रभावी हो चुकी हैं,राजनीतिक दलों में उठापटक तेज हो चुकी है। प्रशासन भी आदर्श संहिता का डंडा लेकर स्वतंत्र चुनाव कराने के लिए नियमों को फॉलो कराने में जुटा हुआ है। सब चुनावी मोड पर है,राजनीतिक दलों की पॉलिटिक्स तेज हो चुकी है लेकिन इस समय शासकीय अधिकारी कर्मचारी भी पॉलिटिक्स शुरू कर देते है,कैसे भी करके चुनाव की ड्यूटी से मुक्त होने की कोशिश।
प्रशासन की जिम्मेदारी होती है बिना किसी टेंशन के चुनाव संपन्न कराने की। ऐसे में प्रशासन में बैठे कुछ अधिकारी और कर्मचारी चुनाव की ड्यूटी से मुक्त होने के लिए जुगाड़ लगाना शुरू कर देते है,जुगाड फैल होने पर स्वास्थ्य संबंधित बहाना बनाकर चुनाव की ड्यूटी से मुक्ति का मंत्र पढ़ने लगते है लेकिन ऐसे अधिकारी और कर्मचारियों के लिए कलेक्टर शिवपुरी ने एक डॉक्टरों की टीम का गठन किया है। इन डॉक्टरों की टीम की जांच के बाद ही ज्ञात होगा आप बीमार है या सिर्फ बीमारी का बहना बना रहे है।
दरअसल जिले की पांचों विधानसभा में 11 अक्टूबर से 13 अक्टूबर तक निर्वाचन कार्य में लगने वाले कर्मचारियों (पीठासीन अधिकारी एवं मतदान अधिकारी क्रमांक -1, 2 एवं 3) का प्रशिक्षण है। ड्यूटी में लगे कर्मचारियों से स्वास्थ्य संबंधी आवेदन प्राप्त होने की संभावना है। जिसके तहत प्राप्त आवेदकों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए संयुक्त कलेक्टर डॉ. यूनिस कुरैशी के पर्यवेक्षण में चिकित्सकों की ड्यूटी लगाई है।
उपजिला निर्वाचन अधिकारी जेपी गुप्ता ने बताया कि संबंधित मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. दिनेश राजपूत, सर्जरी विशेषज्ञ डॉ. पंकज गुप्ता, गायनिक विशेषज्ञ डॉ. नीरजा शर्मा टीम बनाई गई है।
यह दोपहर 3 बजे से सायं 5 बजे तक प्रतिदिन जिला पंचायत पोहरी रोड कार्यालय में परीक्षण कर अभिमत कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी शिवपुरी को प्रस्तुत करना सुनिश्चित करेंगें। कुल मिलाकर झूठे दस्तावेजों के आधार पर छुट्टी लेने वाले कर्मचारी की अब पोल खुल जाएगी।
गौरतलब है कि निर्वाचन में ड्यूटी लगते ही कर्मचारी तमाम तरह के बहाने गढ़ कर कलेक्ट्रेट पहुंचने लगते हैं और निर्वाचन कार्य से मुक्त रखने की गुहार लगाते है। इसके चलते यह व्यवस्था लागू की गई है।