SHIVPURI NEWS- सहकारी बैंक घोटाला: चल अचल संपत्ति बेचकर बैंक का पैसा करेंगे वापस-कलेक्टर से बोले खाता धारक

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शिवपुरी।
शिवपुरी जिले का सबसे बडे घोटाले की जांच जैसे जैसे आगे बढ़ रही है वैसे वैसे इस घोटाले की परतें भी उखड़ रही है। जिला केंद्रीय सहकारी बैंक की कोलारस की शाखा में चपरासी से बैंक मैनेजर बने राकेश पाराशर ने बैंक को 80.52 करोड़ का चूना लगा दिया,जिससे जिले के सभी सहकारी बैंक कंगाल हो गए। बैंक के खाते धारको के अकाउंट पर लॉकडाउन जैसे हालात बन गए। उनका पैसा नही निकल रहा हैं बैंक ने मात्र 2 हजार रु प्रतिदिन निकालने का परमिशन दी है। इस जांच में पाया कि राकेश पाराशर ने इस घोटाले को अंजाम देने के लिए 26 खातो का उपयोग किया है। वही ऐसे खातो भी सामने आए है जिन खाता धारको के इनके खाते खुलने की जानकारी ही नहीं है।

44 लोगों को जारी नोटिस,कलेक्टर के सामने हुए उपस्थित

कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी ने 44 लोगों की 6 जून को पेशी पर बुलाकर तलब किया और अब 12 और 13 जून को फिर से 70 अन्य खाता धारकों को तलब किया जा रहा है। कलेक्टर द्वारा धारा 64 के तहत वसूली की कार्रवाई में शुरुआत में करीब 60 लाख रु. जमा होने जा रहे हैं। यह राशि बैंक को वापस मिलने से उन खाताधारकों को राहत मिलेगी जो अपना पैसा तक नहीं निकल पा रहे हैं।

इन 24 खातों के जरिए दूसरे खातों में ट्रांजेक्शन कर किया गबन

महेंद्र भार्गव के खाते में 1.45 करोड़, मुकेश कुमार पाराशर के दो खातों से 25 करोड़, राधेश्याम शर्मा 20 लाख, सुमनलता पारीक 9 लाख, सलीम खान के दो खातों से 15 करोड़, रेखा ओझा 32 लाख, रवि रजक 54 लाख, राकेश पाराशर 3.75 करोड़, राधेश्याम शर्मा 2 करोड़, राधारमण पारीक 35 लाख, गिर्राजधरण पारीक 16 लाख, चंद्रप्रकाश ओझा के दो खातों से 33 लाख, देवेंद्र शर्मा 1.77 करोड़, अंजली शर्मा 1.19 करोड़, महावीर प्रसाद जैन 58 लाख का गबन हुआ है। इसी तरह सलीम खान के खाते से 2 करोड़ 80 लाख से अधिक शराफत खान के खाते से 1 करोड़ 70 लाख से अधिक, सुनील सैन के खाते से 3 करोड़ से अधिक, पचावली सोसायटी के खाते से 1 करोड़ रु. और लक्ष्मण कुशवाह के खाते से 15 लाख रु. का ट्रांजेक्शन हुआ है।

यह बोले कलेक्टर से खाता धारक

44 लोगों को नोटिस जारी करके कलेक्टर ने तलब किया तो बस संचालक ने कहा कि वह बसें बेचकर बैंक का पैसा लौटा दूंगा। इसके लिए उसने आरटीओ से होल्ड हटवाने की मांग रखी। दूसरे व्यक्ति ने बताया कि उसने 1 लाख ईंटें सप्लाई की थीं, जिसका भुगतान खाते में आया है।

कई फर्जी अकाउंट खोलकर गबन हुआ

कलेक्टर द्वारा वसूली के नोटिस जारी कर संबंधित लोगों को तलब करने पर खुलासा हुआ कि उनको पता ही नहीं कि उनके नाम से खाते खुल गए और संबंधित खातों से राशि किसने निकाली। यानी राकेश पाराशर ने अपनी गैंग के साथ मिलकर कई लोगों के नाम से ना सिर्फ फर्जी खाते खाेले, बल्कि उनका इस्तेमाल सीसीबी बैंक की राशि का गबन करने के लिए किया है।

गिरफ्तारी के बाद आगे नहीं बढ़ी जांच
कोलारस एसडीओपी द्वारा बैंक गबन प्रकरण की जांच की जा रही है। इस गबन में 4-5 की गिरफ्तारी हो चुकी है। गबन में परिवार सहित नौकर व अन्य लोग अपराध में शामिल हैं। लेकिन पुलिस जांच धीमी होने से संबंधित के चेहरे उजागर नहीं हो सके हैं। हालांकि एसडीओपी विजय यादव का कहना है जांच तेजी से आगे बढ़ाएंगे।

60 लाख जमा हो जाएंगे
6 जून को पेशी थी, जिसमें से कुछ लोगों ने पैसा वापस करने की बात कही है। करीब 60 लाख रु. जमा हो जाएंगे। एक व्यक्ति ईंटों का पैसा बता रहा है। बस संचालक बसें बेचकर पैसा लौटाने की बात कह रहा है। कई लोगों के नाम से फर्जी अकाउंट खोलकर राशि का गबन हुआ है। अब 12 व 13 जून को 70 लोगों की पेशी है। वसूली की कार्रवाई तेजी से चल रही है। सीसीबी के सीईओ को भी प्रक्रिया तेज करने के निर्देश दिए हैं।
रविंद्र कुमार चौधरी, कलेक्टर शिवपुरी
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