SHIVPURI NEWS- बिना गणवेश के अलग अलग भेष में बच्चे जा रहे है स्कूल, DPC ने कहा 1 साल की नही मिली, सवा करोड़ का झोल

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बदरवास।
प्रदेश सरकार विभिन्न जनउपयोगी योजनाएं बनाती तो है लेकिन धरातल पर आते आते कई योजनाएं बिलकुल फैल हो जाती हैं। इन्हीं योजनाओं में से एक महत्वपूर्ण योजना है सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को गणवेश वितरण। बदरवास विकासखंड के 265 सरकारी प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में गत सत्र दर्ज 22086 बच्चों को दो वर्ष से गणवेश नहीं मिली है और दो वर्षों से बच्चे बिना ड्रेस के स्कूल आ रहे हैं।

सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे नौनिहालों से जुड़ा इतना बड़ा मुद्दा है और ध्यान देने वाला कोई नहीं है वो भी दो वर्ष होने के बाद भी। स्थिति यह है कि सरकारी प्राइमरी और मिडिल स्कूलों के बच्चों को सत्र 2021–22 और 2022–23 लगातार दो सत्र से गणवेश वितरित नहीं की गई है। गणवेश के अभाव में बच्चे बिना गणवेश के दो वर्षों से स्कूल पहुंच रहे हैं। वर्तमान शिक्षा सत्र भी लगभग प्रारंभ होने को है लेकिन अभी तक शासन स्तर और जिला स्तर पर बच्चों की स्कूल ड्रेस वितरण को लेकर कोई पहल या कार्यवाही शुरू नहीं की गई है।इसके चलते बीते दो वर्षों में विद्यार्थियों को गणवेश नहीं मिली है

बिना ड्रेस के बच्चों में आते हैं हीनता के भाव
बिना गणवेश के स्कूल जाने में बच्चों के अंदर समानता और एकता की भावना धूमिल होती दिखाई दे रही है, जबकि प्राइवेट विद्यालयों में बच्चे स्कूल की एक सी ड्रेस पहनकर जाते हैं। ऐसे में सरकारी स्कूल के बच्चों के अंदर बिना ड्रेस के स्कूल जाने में हीनता का भाव भी आ रहा है। ऐसे में स्कूल पहुंचने वाले बच्चे पढ़ाई में भी रुचि नहीं दिखा पाते हैं।

दो जोड़ी गणवेश के मिलते हैं 600 रुपए
शासन द्वारा सरकारी मिडिल और प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा 1से 8 तक के बच्चों को पहले दो जोड़ी ड्रेस के 600 रुपए मिलते थे तथा कई बार रेडिमेड ड्रेस भी वितरण को विद्यालयों में आती थीं लेकिन गत दो वर्षों से न तो बच्चों के खाते में राशि डाली गई और न ही सिली सिलाई ड्रेस वितरित की हैं।

दो साल से बच्चे कर रहे हैं ड्रेस का इंतजार
गत सत्र सुनने में आया था कि जिलों के स्व सहायता समूह ड्रेस तैयार कर विद्यालयों में बच्चों को वितरण करेंगे लेकिन अभी तक दो वर्षों से न तो समूहों ने बच्चों को ड्रेस दी और न ही सरकार ने रेडीमेड ड्रेस दी और न ही बच्चों के खातों में राशि भेजी। ऐसी स्थिति में बच्चे दो वर्ष से नई ड्रेस मिलने की राह जोह रहे हैं।

सरकार कई योजनाओं में भारी भरकम राशि लगाती है लेकिन नोनिहालो से जुड़े इस ड्रेस वितरण के मामले में दो वर्ष गुजर जाने के बाद भी कोई हलचल न होना इन बच्चों के साथ अन्याय है। वही इस मामले में सबसे बडा तथ्य यह है कि शिक्षा विभाग 1 साल की गणवेश को स्वीकार कर रहा है कि 1 साल नहीं मिली,लेकिन सूत्रों कहना है कि एक साल की गणवेश कहा गई जिसकी कीमत सवा करोड़ है।

फैक्ट फाइल
बदरवास विकासखंड में कुल प्राइमरी और मिडिल स्कूल–265
सत्र 2021–22 में दर्ज बच्चे–22086
600 रुपए के मान से राशि 13251600
सत्र 2022–23 में दर्ज बच्चे 21086
600 रुपए प्रति विद्यार्थी के मान से कुल राशि 12651600