ASHOKNAGAR की सीमा के पास पहुंची मादा चीता आशा, फिलहाल झलकोई जंगलों में है डेरा, काले हिरणों की भरमार

Bhopal Samachar
शिवम पाण्डेय@ खनियाधाना। कूनो से तीसरी बार फरार मादा चीता आशा की पिछले एक पखवाड़े से शिवपुरी जिले के में भ्रमण कर रही है। मादा चीता आशा ने वन क्षेत्र बैराड से माधव नेशनल पार्क,अमोला रेंज से पिछोर रेंज की बामौरकलां की झलकोई के जंगलो मे पहुंच गई है। आशा कूना से लगभग 150 किलोमीटर का सफर तय कर चुकी है अगर 10 किलोमीटर और आगे चली जाएगी तो वह अशोकनगर जिले के चंदेरी वनक्षेत्र में पहुंच जाऐगी।

आशा चीता को अपनी आंखो से देखने का दावा करते हुए खनियाधाना नगर पंचायत उपाध्यक्ष राधा चौहान के ससुर पूर्व जिला पंचायत सदस्य कुलदिप चौहान कहा कि मंगलवार को में अपनी मोटर साईकिग से मंगलवार की शाम इस क्षेत्र के प्रसिद्ध हनमान मंदिर गएा सरकार जो की खडीचरा गांव के पास स्थित है के दर्शन करने जा रहा था।

रास्ते मे कुछ खदान मजदूर मिले वह बोले दाऊ साहब इस ओर हमने एक अजीब सा जानवर देखा है। इस क्षेत्र में तेंदुआ रहते है तेंदुआ को लोग पहचानते है शेर भी आसानी से पहचान लिया जाता है वह बोले बिल्ली जैसा पतला है शहरी में तेंदुए से बडा है मे समझ गया की यह कूनो से फरार हुई मादा चीता आशा होगी।

वकोल चौहान साहब का कहना था दर्शन कर में झलकोई गांव की ओर गया और जंगल में गया तो वह कई सारे वन विभाग के कर्मचारी मौजूद थे और थोड़ी ही दूरी पर आशा बैठी हुइ थी जिसे आसानी से कह दिया। चूकि में इस क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य रहा हूं इसलिए मैंने सब लोगों से कहा कि यह ऐसा जानवर है बिना वजह किसी पर हमला नहीं करता है। आप सभी ग्रामीण अपने छोटे जानवर घर पर बांध कर रखे।

यह भी कहा पूर्व जिला पंचायत सदस्य ने

कुलदीप सिंह ने बताया कि झलकोई के जंगल से लखारी,दुर्गापुर,झलकोई,ढिडौराखेडी,धूलपाई,ढोंगा ओर रिजोदा यह गांव लगते है इन गांवो में आदिवासी गुर्जर और यादव समाज के लोग रहते है। इनमे से कोई सी जाति शिकार नही करती है। झलकोई के जंगल में आशा सुरक्षित है यहां वर्षों पहले बडे जानवर निवास करते थे और इस जंगल मे बडी बडी गुफा है आशा आसानी से सुरक्षित होकर अपने बच्चो को जन्म दे सकती है वही अगर पर आगे की ओर चलेगी तो अशोकनगर के चंदेरी वनक्षेत्र मे जा पहुंच जाऐगी। वहीं यूपी की ओर नहीं जाएगी उसका रास्ता बेतवा नदी रोक सकती है। फिलहाल आशा आबादी क्षेत्र से दूर है और अशोकनगर की सीमा से 10 से 15 किलोमीटर दूर है।

काला हिरणों की संख्या अधिक

बताया जा रहा है कि जिस क्षेत्र मेें आशा का भ्रमण हो रहा है उस क्षेत्र में काले हिरणों की संख्या अधिक है,आशा को आसानी से भोजन मिल रहा है वही खदान क्षेत्र होने के कारण पानी भी आसानी से उपलब्ध हो रहा है। मंगलवार को आशा ने बुधना डेम के ऊपर काले हिरण का शिकार किया था हिरण के अवशेष भी मिले थे जिसके फोटो सोशल पर वायरल हो रहे थे।

पवन से आधी चाल है आशा की

कूनो से बार बार फरार हो हुए आवारा चीता ओबान जब कूनो से फरार होकर शिवपुरी जिले की सीमा में प्रवेश किया था उसकी वह प्रतिदिन लगभग 25 किलोमीटर की दूरी तय कर लेता था। वही मादा चीता आशा औसतन 10 किलोमीटर प्रतिदिन का सफर तय रही है।

कूनो सहित वन विभाग की टीम कर रही है टेकिग

आशा चीता की कूनो नेशनल पार्क की टीम ट्रेकिंग कर रही है वही सामान्य पिछोर रेंज के 4 लोगो की रात दिन के हिसाब से अलग अलग ड्यूटी लगी हुई है।
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