SHIVPURI NEWS- कमलनाथ की डायरी-क्या कैलाश का टिकट कट, क्यों कि पोहरी के लिए भाजपा नेता का एक नाम पन्ने पर

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एक्सरे ललित मुद्गल @ शिवपुरी।
कभी एक समय था कि कांग्रेस को छोड़कर नेता भाजपा में शामिल हो रहे थे,लेकिन अब भाजपा के नेता कांग्रेस में जाने केा आतुर हो रहे है। वह भाजपा के भारी भरकर दल में अपने आप को उपेक्षित महसूस कर रहे है। भाजपा में इस समय दो तरह की भाजपा देखी जाती है एक मूल भाजपा दूसरी अपना धर्म परिवर्तन कर कांग्रेस से शामिल हुए वह भाजपा।

चुनावी साल है नेताओं का धर्म परिवर्तन अर्थात पार्टी बदलने का सीजन चल रहा हैं। मध्य प्रदेश में भाजपा के संस्थापक सदस्य स्वर्गीय श्री कैलाश जोशी के पुत्र श्री दीपक जोशी अपने पिता की तस्वीर के साथ कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए,बात समझे तो बडी है कि संस्थापक सदस्य का परिवार कांग्रेस में शामिल हो रहे है।

दल बदल की बात करते है तो यह समझे यह घटनाक्रम तत्काल नही होता,सोची समझी रणनीति के तहत यह कदम उठाया जाता है। दल और नेता की पहले बात होती है उसके बाद दल बदला जाता है। अब बात करते है कांग्रेस पार्टी की,वह चुनाव जीतने के लिए क्या रणनीति बनाई जा रही है।

कांग्रेस की एक डायरी के पन्ने पर पोहरी विधानसभा के चुनाव का गणित लिखा गया है,इस गणित की माने तो पोहरी से एक राज्य मंत्री स्तर के एक नेता भाजपा का त्याग कर सकते है बशर्ते कांग्रेस उन्हें टिकट दे,हम यहां भी बता दे इस धर्म परिवर्तन में कांग्रेस आगे ज्यादा हाथ बढा रही हैं,अगर ऐसा होता है तो कैलाश कुशवाह का क्या होगा यह प्रश्न अवश्य उठता है।

शिवपुरी है दल बदल का कुंभ है—
शिवपुरी की राजनीति में पिछले 2 दशक पर नजर डाली जाए तो दल बदल की इस लिस्ट में हरिवल्लभ शुक्ला,गणेश गौतम,नरेंद्र बिरथरे,कैलाश कुशवाह सहित कई नेताओं ने दल बदला है शिवपुरी का दल बदल का कुंभ कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नही होगी,क्योकि जब सिंधिया ने दल बदला तो उनके साथ कई कांग्रेस के नेताओं ने भी दल बदल लिया है।

अब पोहरी की बात करते है पोहरी विधानसभा में कांग्रेस के पास कोई दमदार खिलाड़ी नहीं है। सुना है सबसे पहले कांग्रेस के नाथ कमलनाथ सिंधिया के साथ गए 22 विधायकों को हराने की रणनीति पर काम कर रहे है। इससे कमलनाथ को दो फायदे दिख रहे है कि एक ग्वालियर के महाराजा से बदला पूरा होगा दूसरा कांग्रेस अगर इन 22 सीटों पर बेहतर प्रदर्शन करती है तो भाजपा में सिंधिया का कद भी छोटा हो जाऐगा। इस डायरी में पोहरी विधानसभा नाम से एक पन्ना भी है। कांग्रेस के नाथ कमलनाथ की डायरी में पोहरी विधानसभा की चुनावी लिस्ट में भाजपा के एक पूर्व विधायक का नाम लिखा गया है।

संभावना से चलती है राजनीति
बताया जा रहा है कि कांग्रेस के चिंतन शिविर में इस नाम को लेकर चिंतन शुरू हो चुका हैं,इससे पूर्व भी कमलनाथ इन नेताजी से मिल चुके है। भाजपा ने इन्है साधने का प्रयास किया है लेकिन नेताजी चुनाव लड़कर विधानसभा में जाने को आतुर है। कांग्रेस की ओर से पोहरी विधानसभा में दो नाम है जिन्हें वह टिकट दे सकती है एक प्रद्युम्न वर्मा और बसपा से आयतित किए गए कैलाश कुशवाह इसके अतिरिक्त बडा नाम नहीं है,लेकिन भाजपा से नेता आयतित किया जाता है तो कांग्रेस का बड़ा फायदा मिल सकता है।

अगर ऐसा होता है तो कैलाश का क्या होगा
पोहरी की जहर भरी राजनीति की बात करे तो ब्राह्मण और धाकड़ नेता के बाद कुशवाह समाज के कैलाश कुशवाह तीसरी शक्ति के रूप में उभर कर आए है,कैलाश कुशवाह के हाथी पर बैठकर जो प्रदर्शन किया उसके बल पर कांग्रेस ने कैलाश को जिताउ उम्मीदवार समझ कर कांग्रेस ने हाथो हाथो लिया।

कैलाश कुशवाह यह मान कर चल रहे है कि कांग्रेस से पोहरी विधानसभा का टिकट पक्का है,लेकिन कमलनाथ की डायरी का उल्लेख करे तो उनका टिकट कट है। अपने पोहरी दौरे पर कमलनाथ ने मीडिया से कहा था कि टिकिट दल बदलने वाले नेताओं को टिकट का कोई आश्वासन नहीं है वह अपनी मर्जी से कांग्रेस में आए है-इस शब्द के कई मायने अब निकल रहे है।
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