SHIVPURI NEWS- शमशान ने लोटी भरत की अर्थी: शराब पिलाकर मारपीट, चौकीदार थाने की कहकर घर से ले गया था

Bhopal Samachar
शिवपुरी। खबर जिले के सतनवाड़ा थाना सीमा में आने वाले गाँव सावन बीन से आ रही है कि गांव में रहने वाले एक 40 वर्षीय आदिवासी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि युवक को शराब पिलाकर मारपीट की है। युवक को गांव का चौकीदार घर छोड गया था। उसके बाद वह अपने आकर सोने चला गया,सुबह परिजनों को मरा मिला है। परिजन युवक का अंतिम संस्कार कराने ले गए थे लेकिन सहरिया क्रांति के हस्तक्षेप के बाद युवक का पीएम कराया गया।

जानकारी के अनुसार भरत आदिवासी पुत्र कुअर राज आदिवासी उम्र 40 साल निवासी सवानवीन थाना सतनवाड़ा ने गांव के रहने वाले हरदीप सरदार और विक्की सरदार के यहां गेंहू के खेतो में बसाई का काम किया था और बसाई के एवज में 10 क्विंटल गेंहू देने की बात हुई थी,लेकिन गेंहू कटने के बाद हरदीप सरदार और विक्की सरदार ने भरत आदिवासी को गेंहू नहीं दिया था इस कारण वह सतनवाड़ा थाने में शिकायती रूपी आवेदन भी देकर आया था।

रविवार को गांव का चौकीदार थाने ले गया था,शाम को छोड आया

भरत के भाई मोती ने बताया कि गांव का चौकीदार मानसिंह सुबह घर आया था और गेहूं वाले मामले को लेकर थाने की कहकर अपनी बाइक पर लें गया था। शाम को वह घर छोड आया था। भरत ने सिर्फ इतना बोला की मुझे मारा है और बिछौना देदो,भरत शराब का नशा किए हुए था और अपने घर में सो गया,लेकिन सुबह सोकर नहीं उठा।

परिजन सुबह दाग लगाने ले गए

बताया जा रहा है कि जब भरत सोकर नहीं उठा तो उसकी पत्नी ने उसे जगाया लेकिन वह नहीं उठा। भरत की मौत हो चुकी थी। भरत के अंतिम संस्कार की तैयारी कर उसका अंतिम संस्कार करने के लिए ले जाया गया था लेकिन सहरिया क्रांति की पहल पर सतनवाड़ा थाने को सूचना दी गई जिससे भरत की बॉडी को पीएम कराने के लिए भेजा,सतनवाड़ा पुलिस ने फिलहाल इस मामले मे मर्ग कायम कर लिया है।

भरत के शरीर पर चोट के निशान

बताया जा रहा है कि भरत के शरीर पर चोट के निशान है उसकी पसली तक टूटी थी,जो स्पष्ट दिख रही थी उसके माथे और सिर पर भी चोट के निशान थे। भरत के साथ दारू के नशे में मारपीट की गई थी।

भरत का आठ साल का बच्चा है बंधक,समय पर कार्रवाई तो बच जाता भरत
इस मामले मे सहरिया क्रांति के संयोजक संजय बैचेन का कहना है कि भरत की मौत कैसे हुई यह तो पीएम की रिर्पोट के बाद क्लीयर होगा,लेकिन तत्काल इस आवेदन पर एक्शन पुलिस ले लेती तो भरत जिंदा होता,लेकिन आदिवासी की सुनी नहीं गईं। भरत का एक आठ साल का बेटा भी इन सरदारों के यहां बंधक है। भरत के साथ मारपीट की है किसने की है यह जांच का विषय है,लेकिन यह तय है कि उसकी मौत सामान्य नही है

इनका कहना है
चौकीदार भरत को दिए गए आवेदन पर जांच के लिए थानों में दिवानजी ने बुलवाया था,भरत के शरीर पर चोट के निशान है उसकी मौत फिलहाल संदिग्ध है पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही क्लीयर होगा
दिनेश नरवरिया,सतनवाड़ा थाना प्रभारी
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