SHIVPURI NEWS- मेला में आने वाले सैलानियों का स्वागत होगा ग्रीन कारपेट पर, धूल रहित-'मार्ग चौड़े, दुकानों की संख्या 160

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शिवपुरी। शिवपुरी जिले को प्राचीन सिद्धेश्वर मेला धीरे धीरे अपनी गति पकड़ रहा हैं। इस बार मेले को धूल रहित बनाने की कोशिश की है,मेला प्रबंधन इस बार मेले में आने वाले सैलानियों का ग्रीन कारपेट पर स्वागत होगा,मेले को धूल रहित करने के लिए रास्तों पर ग्रीन कारपेट लगाया हैं। इस कारण मेले में खाने पीने की सामान बेचने वाले दुकानदार खुश है वही मेले में खाने पीने के शौकीन जाने वाले लोगो की सेहत पर भी विपरीत असर नहीं पडेगा।

हालांकि मेला अप्रैल के प्रथम सप्ताह से शुरू हो जाना था लेकिन अप्रैल माह का निकलने की ओर है मेले का अधिकृत शुभारंभ नहीं हुआ है,लेकिन मेले की जान झूले,मौत का कुआं और सौफ्टी पापड दुकान,चाट की दुकानें सज चुकी है इसके अतिरिक्त मेले में कपड़े,घर सजाने के समाना की दुकाने,बच्चो के खिलौने सहित कई प्रकार की दुकान इस बार इस उम्मीद से आई है कि मेले में धूम रहेगी।

टोटल 160 दुकान, मार्ग चौड़े प्लानिंग से डिजाइन किया है मेला

मेले को इस बार एक प्लानिंग के तहत डिजाइन किया है जिसमे सबसे अच्छी बात यह है कि सैलानियों को अब भीड होने पर आपस में टकराना नही पडेगा,मार्ग चौडे रखे गए है। टोटल 160 दुकान लगाई जाएगी,जिसमें 06 झूले और 01 मौत का कुएं के लिए अलग से जगह रखी गई है।

कॉम्पटीटर भी उत्पन्न कर रहा रुकावट

पिछले वर्ष काफी कम रेट में मेले का ठेका हुआ था। इस बार ठेका लेने के फेर में भागचंद राठौर एंड कंपनी ने इतना हाई रेट लगा दिया कि कॉम्पटीटर दूर-दूर तक नजर नहीं आया। ठेका न मिल पाने की पिछले ठेकेदार रुकावट की कोशिश कर रहे हैं तथा जनसुनवाई में उसने ठेकेदार की शिकायत भी कर दी थी कि वो दुकान लगाने के एवज में डेढ़ लाख रुपए मांग रहा है।

मंच से नहीं हटवाया कब्जा

सिद्धेश्वर मेले में रंगमंच पर कवि सम्मेलन, मुशायरा, लोकगीत सहित अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते रहे हैं। जिस जगह पर मेले का मंच बनाया जाता है, वहां पर ईंट-बजरी वालों का कब्जा हो गया है। इन हालातों के बीच मेले में रंगमंच पर आयोजन हो पाएंगे, इसमें भी संशय है, हालांकि नपा सीएमओ ने कहा था कि हम कब्जे हटवा देंगे, लेकिन अभी तक हुआ कुछ भी नहीं।

जल्द शुरू होगा मेला
मेले में दुकानें तो लगभग पूरी लग गई हैं, तथा जो दुकानें अभी खाली हैं, उनकी भी बुकिंग हो चुकी है। मेला तो तैयार हो गया है, बस अब मुख्य अतिथि को समय मिल जाए तो उनके हाथों से उसका शुभारंभ हो जाए।
भागचंद राठौर, मेला ठेकेदार
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